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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बन बनासपति वन, वन-पु० [सं० वन] १ जंगल, विपिन, बन । २ जल, पानी। | गुरिल्ला व चिपांजी इसी वर्ग के प्राणी हैं। ३ जल स्रोत । ४ वाटिका, बगीचा । ५ कमल । ६ कमल वनमाळ (माळा), वनमाळ-स्त्री० [सं० वनमाला] कंठ से पांव के फूलों का दस्ता। ७ प्रावास, घर । ८ काष्ठ, लकड़ी। | तक लटकने वाली वन-पुष्पों की माला। ९ किरण, रश्मि । १० दशनामियों की एक शाखा । | वनमाळी, वनमाळी-पु० [सं० बन-मालिन].१ ईश्वर, विष्णु । -प्रगनि, अगनी, अग्नि-स्त्री० दावानल, जंगल की भाग। २ श्रीकृष्ण । ३ बागवान, माली। -उक, मोक-पु. वानर, बंदर। वन्य पशु । तपस्वी, वनमूत-पु० [सं०] बादल, मेघ । मुनि ।-वि० वन का निवासी वनवासी।-खंड-पु० वन | वनर-देखो 'वानर'। जंगल ।-खंडी-पु. साधु, संन्यासी। वनवासी ।-चर, वनराइ (राई, राज, राय, राव), वनराइ (राई, राज, राजा, चरी, चरु, चारी-वि० वन में रहने व विचरने वाला । राव)-पु० [सं० वनराज] १ सिंह, शेर । २ बड़ा जगल, विरक्त, उदासी ।-पु० जंगली प्राणी, पशु । वानर, बदर । विशाल वन । [सं० वनराजि] ३ वृक्ष समूह, पंक्ति । हरिण । बजरंगी । जंगली घास । शरभ नामक जीव । ४ वनस्पती। ५ जंगल, वन । ६ वन खंड। -झंगर-पु० वन का झाड़ी समूह ।-देव-पु० वन का | वनरवाळ (ळि)-देखो 'बांदरमाळ' । अधिष्ठाता देव विशेष ।-नाथ-पु०. मलय वन, समुद्र । वनरावन-देखो 'वदावन'। -निधि-पु. समुद्र ।-पत, पति, पती-पु. वन का वनह (रूह)-पु० [सं०] कमल का फूल । राजा सिंह, शेर ।-पाळ, पाळक-पु० वन या बाग का वनरोइ (ई. ही) वनरोइ (ई,ही)-पु.१ वन, जंगल । २ बीहड़ रक्षक, चौकीदार ।- फळ-पु० वन के फल-फूल । बन, दुरूह जंगल। .. -बिलाव-पु. जंगली बिल्ला व इसकी जाति ।-भ्रग- वनलो-देखो 'बनो'। पु० जंगली भ्रमर । --मय-वि० वनों से युक्त, परिपूर्ण। बनवारी, बनवारी-देखो 'वनमाळो'। -मुरगौ-पु० जंगली मुर्गा ।-लक्ष्मी-स्त्री० वनश्री, वन बनसण-स्त्री० [सं० वनशण] शस्त्र-पुष्पि नामक भौषधि । की शोभा, केला -वास-पु० जंगल, निर्जन वन में निवास, वनसपति (पती), वनसपति-देखो 'वनस्पति'। नगर ग्राम से दूर विरक्त व उदासी जीवन । वासी-वि० वनसी, वनसी-देखो 'बसी'। वन में रहने वाला, साधु, संन्यासी, उदासी।-वासु, वनस्थळि (ळी)-पु० [सं० वनस्थली] १ वन, जंगल, अरण्य वासौ वनवास। देश । २ वन का कोई भाग। वनप्रमावस (स्या), वनअमावस-स्त्री० धावण की अमावस्या वनस्पति, वनस्पति-स्त्री० [सं० वनस्पती] १ पेड़, पौधे, लताएं तिथि। हरियाली अमावस्या। प्रादि । २ बिना पुष्प के फल लगने वाला वृक्ष विशेष । बनकर-पु० [स० बन्य-कर] सूर्य, रवि । -सास्त्र-पु. पेड़-पौधों के गुण धर्म, उत्पत्ति प्रादि का बनगव (गाय, गाव)-स्त्री० १ नील गाय, एक वन्य पशु । ज्ञान कराने वाला शास्त्र, विज्ञान । २ एक प्रकार का तेंदू वृक्ष। वनात-देखो बनात'। बनड़ो, बनड़ो-देखो 'बनौ' । (स्त्रो० वनड़ी) बनाती-देखो 'बनाती' / 'बनात' । वनचर, वनचर, वन्नचर-पु० वन में परिभ्रमण करने वाला, वनाधिप (धिपति)-पु० [सं० वनाधिपति] सिंह, शेर । वनचर, जंगली। वनज, वनज-वि० [सं०] वन में उत्पन्न ।-पु. १ कमल । २ वृक्ष । बनापार-वि० प्रत्यधिक, अपार ।। ३ वनस्पतो। ४ हाथी । ५ सुगंध युक्त तृण विशेष । ६ नील वनायु-पु० [सं०] १ एक प्राचीन देश । २ इस देश का निवासी। कमल का पुष्प । ७ जंगली कपास। ३ उर्वशी का पुत्र एक राजा । ४ एक दानव । बनता-देखो 'वनिता'। बनायुज-पु० [सं०] १ 'वनायु' देश का घोड़ा । २ घोड़ा। वनतुळसी-स्त्री० [सं०] तुलसी जाति का एक पौधा, बर्बरी। बनारणी (बी)-क्रि० सब्जी आदि काटना, छोटे टुकड़े करना । बनव-पु० [सं० बनदः] मेघ, बादल ।। वनाळ-स्त्री० [सं० वन भलिका] १ सूरजमुखी। २ देवदाली वनवरसाव-पु० [सं०] इन्द्र। प्रोषध, बंदाल । वनदेव वनदेव-पु० [सं० वनदेवता] (स्त्री० वनदेवी) वन का अधिष्ठाता देव। वनास-देखो 'बनास'। बनमानस (मांनुस), वनमानस-पु० [सं० वनमानुष]वानर और वनासपति (ती), वनासपति-१ देखो वनस्पति' । २ देखो मनुष्य के प्राकार से मिलता-जुलता एक जंगली प्राणी। 'बनासपति' । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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