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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लूणी ( १४०। लूणियो लूणो (बो)-देखो 'लुवणो' (बो)। लूगड़ी-स्त्री० स्त्रियों की ओढ़नी। लूथ-देखो 'लोथ'। लगड़ (इ, डो) लगडू, लघडी-पु. १ मोढने का वस्त्र विशेष। लू दो-पु० गीली मिट्टी प्रादि का पिंड, लौंदा। २ वस्त्र, कपड़ा। लूधियो-पु. सायंकाल का अंधरा। लूघा-स्त्री० मुसलमानों की एक जाति ।-वि० ढीला-ढाला । लूब-स्त्री० [सं० लंबुक] १ माभूषण में लटकाई जाने वाली लूचारण-पु. एक प्रकार का कुत्ता। छोटी लड़ी। २ ऊंट या घोड़े के चारजामें के लटकने वाला | लूट-स्त्री० १ बलपूर्वक कोई वस्तु या धन लेना क्रिया, डाका, कोड़ियों का गुच्छा, झूमका । ३ वस्तुओं का पुज। ४ वर्षा डकैती। २ चोरी, अपहरण । ३ इस प्रकार से लिया गया को फूहार। ५ दीपक रखने हेतु दीवार में लगाया हुमा सामान । ४ खुली वस्तु को अधिक से अधिक लेने की क्रिया। पत्थर । ६ छज्जे के नीचे के पत्थर में खोदे हुए गोले । ५ अधिक लाभ उठाने की प्रवृत्ति । ७ झूले की प्रवरोह गति । ८ नारियल की जटा । चोटी। । लटक-वि० लूटने वाला, लुटेरा । लू बड़ी-पु० जटा या चोटी वाला नारियल । लूटखसोट-स्त्री० १ छीना-झपटी। २ लूटना क्रिया । खूबब-वि० १ सुसज्जित, शृंगारित, । २ पाच्छादित, प्रावे लटडू-पु. लुटेरा, डाकू।। ष्टित । लटणी (बो)-क्रि० [सं० लुट्] १ लूटना, डाका डालना । २ कोई लूबरणौ (बी)-क्रि० १ लटकना, झूमना । २ लटक कर झूलना। वस्तु या धन बलात् लेना, छीनना । ३ बलपूर्वक चोरी ३ लिपटना, चिपटना। ४ आक्रमण या हमला करना। करना। ४ धोखे या बईमानी से कोई वस्तु या धन लेना, ५ घेरना, पावेष्टित करना। ६ लूटना । ७ उमड़कर कमाना । ५ छीनना, झपटना । ६ खुनी वस्तु को अधिक से पाना । अधिक लेना। ७ मजा, धानन्द या रसास्वादन करना । लू बल'बाळी-वि० जिसके किनारों में लूबें लगी हों। ८ किसी साधन या सुविधा का नाजायज उपयोग करना । लूबालूब-वि० 'लूबों' से परिपूर्ण । ६ मोहित या प्राकर्षित करना। १० व्यापार में ठगी या लूबाळो-देखो 'लुबाळो' । चोर बाजारी करना । ११ नष्ट करना, बरबाद करना । लू बो-पु०१ धन, सम्पत्ति । २ लाभ । लूटमार-स्त्री० लूटने व मारने की क्रिया, तबाही। लूम-देखो 'लूम'। लुटारणौ (बी), लूटावणो (बी)-देखो 'लुटारणो' (बो)। लूमभूम-देखो 'लूबझूम'। लटी-स्त्री० चिपके या पिचके कानों वाली बकरी । लू मणौ (बो)-देखो 'लूबरणो' (बो)। लुटेरो- देखो 'लुटेरों'। लूमी-देखो 'लूम'। लूठानइ (ई)-देखो 'लाठी'। लू, लअ-पु. १ लोप । २ काल । ३ प्रलय । ४ छेदन । ५ गुदा।। लड-वि० बदमाग, शैतान । ६ रुद्र ।-स्त्री०७ ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली प्रत्यन्त गर्म लूडणी (बौ), लूडारणौ (बौ), लूडावरणी (बो)-क्रि० लड़खड़ाना । हवा । ८ पोंछना क्रिया। डिगना। लूंअगो (बी)-क्रि० पोंछना । लूण-पु. नमक, क्षार। लूप्रर-देखो 'लूर'। लगणौ (बो)-क्रि० १ भेड़ों की ऊन कतरना, काटना । २ फसल लूकड़ी-देखो 'लांकी'। काटना। लूकमुख-पु० एक देश का नाम । लूको-पु. १ लुच्चा, बदमाश । २ लफंगा, चोर । लगपण (णो)-पु० स्वामी भक्ति । नमक हलाली । लगहरांम-वि० कृतघ्न, दुष्ट । बईमान । लूखट-पु० वृक्ष विशेष । लखाणो (बो)-क्रि० सूखना, रूखा होना, शुष्क होना । लूणहरांमी-स्त्री० कृतघ्नता, बईमानी। लखाणो, लखासरणी, लूखाहणी-वि० १ किसी परिवार में दूध | लगाई-देखो 'लुणाई। " दही पादि का पूर्ण प्रभाव । २ ऐसे मवेशियों का पाभाव। लूणागर-पु० लूणी नदी का एक नाम । लखौ-वि. (स्त्री० लूखी) १ जिसमें चिकनाहट या स्निग्धता न लणाणी (बी), लूणावरणी (बी)-क्रि० १ भेड़ की ऊन कतर. हो। २ पौष्टिक तत्त्व की कमी वाला। ३ निस्सार । | वाना । २ फसल कटवाना । ४ नीरस, फोका । ५ शुष्क, रूखा । ६ अप्रिय, अरुचिकर । लरिण-पु० मांस, गोश्त । ७ बिना चुपड़ा। जो नम्र या शिष्ट न हो। ९ स्नेह, दया | लरिणयो-पु० । एक प्रकार का घास । २ मक्खन ' ३ वर्षा जैसी कोमल भावनामों के प्रभाव वाला । १० खुरदरा। । कालीन एक वनस्पती ।-वि० नमक का बना, नमकीन । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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