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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra लांठो सांठी वि० [सं० लुठकः] (स्त्री० [लांठी) १ जबरदस्त जोरदार । २ शक्तिशाली, बलवान । ३ वीर। ४ बड़ा ५ हढ़, मजबूत । ६ विशाल, भारी । ७ प्रतिष्ठित, सम्माननीय । श्रायु में बड़ा, वयस्क । ९ दीर्घ, लंबा । १० अत्यधिक बहुत । ११ महान्, बड़ा । १२ समर्थ सक्षम । १३ महत्वपूर्ण । १४ श्रेष्ठ, उत्तम । १५ खराब, बदतर । १६ बड़ा भारी । १७ संख्या, मान, मात्रा में जो अधिक हो । १८ कठिन मुश्किल । १६ धनी, मोर | 1 www. kobatirth.org लांड - वि० १ जबरदस्त जोरदार । २ शक्तिशाली, बलवान । लांण-वि० बेचारी । लाखत (ति) स्वी० १ धिक्कार, फटकार, भर्त्सना । २ निवा अपकीति । लाखौ पु० एक प्रकार का पौधा । सांत (ती) देखो 'लागत' । लांप, लांपड़ी, लोपड़ी लांडियो, लांपो पु० अत्यन्त बारीक सींक वाला, छोटा घास विशेष । ( ५२६ ) लापो पु० [सं० ज्वालाप] १ दाह क्रिया में रथि में भाग लगाने के लिये जलाया जाने वाला घास । २ शव दाह की अग्नि । ३ प्रग्नि, भाग ४ निर्लज्जता पूर्ण बात या काम । - वि० निर्लज्ज । लांब स्त्री० समय की लंबाई, दूरी । लांबक - बक- पु० गुच्छा । - वि० वस्त्र-गहनों से अलंकृत । लांबड़धर्क - क्रि०वि० फटकारने, डांटने, बुरा भला कहने के लिये । लांबछड़ देखो 'लांमछड' । लांबाहाथ-पु० १ प्राजानबाहु । २ अपना कार्य साधने की शक्ति । लाबीकांचळी, लांबाबायांरी स्त्री० विधवा स्त्रियों के पहनने की कचुकी । लांबेड़ौ - पु० उद्दण्ड पशु को बांधने लांबोड़ो, बोड़ी लांबी० [सं०] लंब] समानान्तर दूरी बहुत हो, हुप्रा । ३ समय या अवधि में का लंबा रस्सा | (स्त्री० [लांबी) १ जिस की लंबा । २ काफी ऊंचा उठा बड़ा, लंबा । ४ विस्तृत । ५ बहुत देर में पूरा होने वाला । ६ विशाल । लाम स्त्री० लड़ाई बुढ लामख देखी 'सांवण' । - मणी लछिड़ स्त्री० एक प्रकार की बंदूक बि० घड़ी की तरह लंबा । छड़ी (बी) देखो 'सांवणीजणी' () लांमी - वि० हल्की, प्रोछी । लामो पु० (स्त्री०लामी) १ बोद्धों के धर्माचार्यं । २ ऊंट की तरह पागुर करने वाला एक घास भनी जीव । ६ देखो 'साब' वि० का छोटा, तुच्छ देखो 'साइली' | लांवरण-स्त्री० १ स्त्रियों के लहंगे या घाघर का निचला किनारा । २ ऋतुमति स्त्रियों के ससर्ग से कुछ वस्तुओंों में होने वाला विकार । सांप वही पु० एक प्रकार का घोड़ा लोहण - देखो 'लाइण' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लांवरणीजणी (बी) - क्रि० १ ऋतुमति स्त्रियों के संसगं से वस्तुनों मे विकार होना २ इसी तरह धन्वष कहीं प्रभाव होना । लावणी- पु० १ बांटी जाने वाली मिठाई का भाग । २ देखो 'लवणी' | लाइणी- पु० प्रग्नि काण्ड, धाग लां, लांकू, लांफी - वि० १ सीधा-सादा सरल । २ लुच्चा, लाइणी (बी) - क्रि०१ स्पर्श करना, लगाना। २प्रलिंगन में लेना । लफंगा । ३ देखो 'लागो' (बो) । लाइन स्त्री० [सं०] १ पंकि, कतार, २ - लकीर । ३ रेल की पटरी ४ व्यवसाय, पेशा । ५ विषय | ६ स्वभाव, प्रकृति । लाइक देखो 'लायक' । लाइकी देखो 'लायकी' । साक्षकी ला- पु० १ खून, रक्त । २ रंग । ३ नालिका । ४ स्त्री के बाल । ५ रति । ६ लक्ष्मी । ७ कुछ शब्दों के प्रागे लगने वाला एक उपसर्ग ८ देखो 'लाह' । लाइ देखो 'लाय'। लाई - वि० (स्त्री०लांग, लायरण ) १ बेचारा, गरीब । २ दया का पात्र | [सं० लात] ३ अपनाया हुम्रा, ग्रहीत । लाईरांड - वि० १ कमजोर, डरपोक । २ बेचारा, प्रसहाय । ३ बिगड़ा हुमा, बेकार। ४ खेदजनक, लज्जाजनक । ५ मूर्ख । लाउबी-देखो 'लावी' । लाऊड़ो-देखो 'लासू' । लाउभयो, साशा स्त्री हर समय की हाय-तोबा, हाय-हाय ', हा-हुल्लड़ | लाकड़, लाकड़ पु० १ लकड़ी का कुंदा २ लकड़ी। लाकड़ियो - पु० खूबकला नामक घास या उसकी श्रोषधि । लाकड़ी (डि, डी) स्त्री० लकड़ी । लाकड, लाकडियो, लाकडी देखो 'लकड़ी। लाकिनी स्त्री० मांस योगिनी, एक देवो । लाको पु० प्राबादी के पास का ऊंचा स्थान । लाक्षकी स्त्री० [सं०] जानकीजी का एक नाम । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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