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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रिमीराह ( ४८७ ) रिसि रिमीराह-देखो 'रिमराह'। रिसवत-देखो 'रिस्वत' ।-बोर='रिस्वतखोर' ।-चोरीरिमांसाल-वि० शत्रमों के लिये शल्प रूप । 'रिस्वतखोर'। रिमी-देखो "रिम'। रिसम-पु० [सं० ऋषमः) १ एक प्राचीन राजा। २ विष्णु का रिमीभिमी-देखो 'रिमझिम'। एक अवतार । ३ वाराह कल्प मे शिव का एक अवतार । रिमीराह-देखो "रिमराह'। ४ इन्द्र मादित्य का पुत्र । ५ सप्त ऋषियों में से एक। रिमुकत, रिमुक्त-पु० [सं० ऋमुक्त] ४९ क्षेत्रपालों में से पाठवा ६ इन्द्र का एक पुत्र । ७ एक चंद्रवंशी राजा। कुश क्षेत्रपाल । वंशीय एक राजा। ६ मेरु के पास का एक पर्वत । रिमेस-पु. शत्रुओं का प्रधिपति । [सं० ऋक्ष] १. तारा, नक्षत्र । ११ सप्तस्वरों में से रिम्म-देखो 'रिम'। दूसरा स्वर । १२ पन्द्रहवां कल्प जहां से ऋषभ स्वर की रिम्मराह-देखो "रिमराह'। उत्पत्ति हुई। १३ साड। १४ बैल । १५ राम की सेना रियाण-पु. १ सगाई (मगनी) की एक राम (बांभी) ।। का एक वानर । १६ इन्न । १७ अग्नि ।-वि० १ उत्तम, श्रेष्ठ । २ देखो 'रिसमदेव'। २ बैठक, चौपाल। रिसमजिन, रिसभदेव, रिसभेसुर, रिसभेस्वर-पु. जैनियों के रिवावेल-स्त्री. एक लता विशेष । तीर्थ कर जो विष्णु के चौबीस अवतारों में से एक माने रियायत-देखो 'रिमायत'। गये हैं। रियासत-स्त्री० [40] राज्य, जागीर । किसी राजा के अधीन रिसम-धुज-पु० [सं० ऋषभ-ध्वज] शिव, महादेव । पाने वाला क्षेत्र। रिसवत-देखो "रिस्वत' ।-खोर='रिस्वतखोर' ।-खोरीरिरावरणी (बो)-देखो 'रीराणों' (बी)। 'रिस्वतखोरी'। रिळ-पु० मिलने की या एक होने की अवस्था या भाव। रिसह-१ देखो 'रिसभ' । २ देखो "रिसत्रदेव' । रिलकियो-पू० रूई बगह विथडे भरकर बनाई गई छोटी | रिसझेसर, रिसहेसह-१देखो 'रिसीस्वर'।२ देखो 'रिसभदेव' । गुदड़ी या गद्दी। . रिसाण, रिसरणी-वि० [सं०रिष] (स्त्री.रिसारणी) १ नाराज, रिळणी (बो)-देखो 'रळणी' (बो)। नाखुश, अप्रसन्न । २ क्रोधी स्वभाव का, रूठने वाला।-पु. रिळमिळ-क्रि०वि० हिल-मिल कर, साथ-साथ । १ गुस्सा करने, कठने या नाराज होने की क्रिया या भाव । रिमिळणी (बी)-देखो 'रळमिळणी' (बी)। २ क्रोध, गुस्सा, नाराजगी। ३ मान, रूठन । रिळणी (बी)-देखो 'रळणी' (बी)। रिसाघाती-पु० शत्रु, वैरी। रिव-१ देखो 'रवि' । २ देखो 'रब'। रिसाणो (बो)-देखो 'रीसाणी' (बो)। रिवताळ, रिवताळो-देखो 'रावताळो' । रिसायल-वि० क्रोधी स्वभाव का, गुम्सैल । रिवमंडळ-देखो 'रविमंडळ'। रिसालदार-पु० [अ० १ प्रश्वारोही सेना के एक दल का रिवदास-देखो 'रैदास'। नायक । २ एक सैनिक पद। रिवबंसी-देखो 'रविवंसी'। रिसालो-पु० [अ० रिसालः] १ अश्वारोही सेना । २ सैनिकों रिवाज-पु. [४०] प्रथा, रश्म । की टुकड़ी। ३ सेना, फौज । ४ रावणा राजपूतों के लिये रिवाड़ी-देखो रेवाड़ी'। प्रयुक्त होने वाला एक सम्मान सूचक सन्द । -वि. रिस-स्त्री. १ क्रोध, गुस्सा । २ देखो 'रिसि' ।-गारी-वि० गुस्सल, क्रोधी। क्रोधी, गुस्सैल । रिसि-पु० [सं० ऋषि] १ तपस्वी, मुनि, संन्यासी, ऋषि । रिसपो (बो -क्रि० [सं० रसनं] १ द्रव पदार्थ का धीरे-धीरे २ श्रुति, सत्य घोर तप में पूर्ण निरत रहने वाला मंत्र बहना, रसना । २ टपकना, चूना, झरना। ३ समाना, रष्टा, वेद मंत्रों का प्राचार्य । ३ अनुष्ठानादि कर्म बतलाने पास्मसात होना। ४ सोखा जाना। वाले सूत्रों का रचयिता। ४ कोई सिद्ध पुरुष, महात्मा, रिसतेदार-देखो "रिस्तेदार'। साधु । ५ नारद मुनि । ६ बृहस्पति । ७ एक देव जाति । रिसतो-देखो 'रिस्तो। ऋषिकेश नामक तीर्थ । प्रकाश की किरण । १० मत्स्य रिसपत-देखो 'रिस्वत'।-बोर-'रिस्वतखोर'। विशेष । ११ सात तारे, सप्तर्षि । १२ मात की संख्या । रिसपतियो, रिसपती-देखो 'रिस्वती' । -अस्त-पु. उत्तर व वायव्य के मध्य की दिशा। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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