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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रसनेद्रिय -रसव माभूषण । ५ कमरबंद, कमर पेटी। ६ रस्सी, डोरी। तर । ४ मनोहर, सुन्दर, मनोज्ञ । ५ भाव पूर्ण । ६ प्रीति ७ रास, लगाम । ६ हठयोग में पिंगला नाड़ी। पूर्ण, प्रेममय । ७ प्रेमी, रसिक । ८ रसज्ञ । ९ दिलचस्प, ९ बल्गम, कफ। १० प्रथम गुरु के ठागरण का नाम । माकर्षक । -वि० रक्ताभ, लाल। -प्रह-पु० मुख, मुह। -लट; | रसवतमन-पु० सुन्दर। लोह-पु. श्वान, कुत्ता। रसवति, रसवती-स्त्री० [सं०] १ रसोईघर, पाकशाला । रसनेंद्रिय-स्त्री० [सं०] जिह्वा, जीभ । २ खाद्य सामग्री, भोजन । ३ पकाया हुप्रा भोजन । ४ शाक रसनोपमा-स्त्री० [सं०] साहित्य में एक प्रर्थालंकार। सब्जी । ५ पृथ्वी, धरा, धरती । ६ रामवेलि नामक लता। रसन्न-देखो 'रसना'। ७ सम्पूर्ण जाति की एक रागिनी। -वि०१ रस भरी, रस रसपति-पु० [सं०] १ चन्द्रमा, शशि । २ शृगार रस । पूर्ण । २ रसीली, रंगीली। ३ रमणी, सुन्दरी, प्रिया । रसपरपटी-स्त्री० [सं० रसपर्पटी] एक प्रौषधि विशेष । ४ स्वादिष्ट, रुचिकर । ५ दिलचस्प । रसपोटली, रसपोटी-स्त्री. घोड़ों का एक रोग। रसवतीकरम-पु० [सं० रसवतीकर्म] १ भोजन बनाने की क्रिया। रसबत्ती-पु. बन्दूक या तोप का पलीता (प्राचीन)। २ बहत्तर कलाओं में से एक । रसबाय-पु. हाथियों का एक रोग। रसवतीग्रह-पु० [सं० रसवतीगृह ] पाकशाला, रसोईघर । रसभरी-स्त्री० [अं० रेप्सबेरी] १ लाल-पीला एक स्वादिष्ट रसवत्ता-स्त्री० १ रसीलापन, स्वाद । २ मीठास । ३ सुन्दरता । फल । २ इस फल का बना पेय पदार्थ । ३ रस से परिपूर्ण ४ प्रसन्नता। एक मिठाई। रसवान-पु० [सं० रसवान् ] रस या स्वाद युक्त पदार्थ । रसमाव-पु. हाथियों का एक रोग। -वि० रसदार, रसवाला। रसमंडूर-पु० [सं०] गंधक के योग से बनी एक पोषधि । | रसवाद-पु० [सं०] १ रस प्रधान काव्य या साहित्य । २ रस रसमंत्री-पु. संधि मादि का कार्य कराने वाला मंत्री। की बात । ३ छेड-छाड़। ४ बहत्तर कलानों में से एक। रसम-स्त्री० [अ० रस्म] १ परंपरा, रीति-रिवाज। २ प्रथा रूढ़ि । ३ रीति-रिवाज के अनुसार दिया जाने वाला धन । रसवायो-वि० (स्त्री० रसवायी) १ उमंग या जोश युक्त, उत्साहित । २ प्रसन्न, हर्षित। ४ कर, लगान । ५ वेतन, तनख्वाह । ६ न्यायालय शुल्क । रसवाळी-वि० [सं० रस-प्रात्म] (स्त्री० रसवाळी) १ रसों से ७ संस्कार । देखो 'रस्मि'। पूर्ण । २ जायकेदार, स्वादिष्ट । ३ दिलचस्प । ४ मधुर । रसमय-वि० १ रस से परिपूर्ण । रस युक्त। २ मधुर, मीठा । | रसवास-पु० ढगण के प्रथम भेद का नाम । -पु. मकरंद, पराग। रसाण-पु. [सं. रश्मि] १ सूर्य का प्रकाश, तेज । २ सूर्य की रसविरोध-पु० [सं० रसविरोध] वे विभिन्न रस जिनका मेल किरण, रश्मि । उचित नहीं माना जाता है। रसमाता-स्त्री० [सं०] जिह्वा, जीभ । रसविलास-पु० [सं०] रतिक्रीड़ा, मैथुन । रसमि, रसमी-देखो 'रस्मि'। रसवीर-देखो वीररस'। रसमंत्री-स्त्री० [सं०] विभिन्न रसों का योग । रसवेता, रसवेत्ता-वि० [सं०] रस मर्मज्ञ, रसज्ञ । रसम्म-१ देखो 'रसम' । २ देखो 'रस्मि'। रसवेलि-स्त्री० रस की वेल, लता। रसयो-पृ० रस से उत्पन्न होने वाला कीड़ा । कीटाणु। रससंस्कार-पु० पारे का संस्कार (वैद्यक)। रसरंग-पु. १ प्रानन्द, उत्साह, खुशो प्रादि । २ एक छन्द | रससागर-पु. १ सात समुद्रों में से एक । २ प्रेम का सागर । विशेष। रससात-पु० दूध, दुग्ध । रसरसाटि-स्त्री. प्रावाज, ध्वनि । रससार-पु०१ शहद, मधु । २ विष, जहर । रसराज-पु. १ पारद, पारा । २ पारे के योग से बनी पौषधि । रससिंगार-पु० शृगार रस । -वि० मधुर । ३ रसांजन, रसौत । ४ साहित्य में शृंगार रस । ५ रतिफल । | रससिदूर-पु० [सं०] पारे के योग से बनी पौषधि । (वैद्यक) रसरी-स्त्री० [सं० रसना] डोरी, रस्सी। रससिधु-देखो 'रससागर'। रसळ-स्त्री.छत पर मुरड (चिकनी मिट्टी) जमाने की क्रिया। | रससिद्धि, रससिद्धी-स्त्री० [सं०] १ रसायन विद्या में कुशलता रसवंत, रसवत-वि० [सं० रसवत्] (स्त्री० रसवंती) १ रसदार, निपुणता। २ प्रौषधि बनाने की सफलता । रस से पूर्ण । २ स्वादिष्ट, जायकेदार । ३ भीगा हुमा, नम, | रससेव-पु. बलराम का एक नामान्तर । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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