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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org ( ४३३ ) ( य ) य - देवनागरी वर्णमाला का २६ वां व्यंजन । यछा, यछा देखो 'इच्छा' । यत यता पु० [सं० पंतु] १ सारथी, गाड़ीवान २ चालक, परिचालक । -देखो 'एक'। यी वि० [सं०] एक अंगी ] १ एक अंग वाला २ जिसके एक ही पति या पत्नी हो । कुंडल-पु० [सं०] एक कुंडस ] मेवनाग पता- देखो 'एकता'। पहलकदेयो 'एकल' यकलास देखो 'इकळास' । यत्र पु० [सं०] यंत्रम् ] १ कम मशीन २ धौजार, उपकरण। ३ श्रस्त्र, हथियार । ४ वाद्य, बाजा । ५ ताबीज, गंडा । ६ जादू टोना । —कार - पु० यंत्र निर्माता या यंत्र संचालक । -वाहक पु० यंत्र चलाने वाला। मशीनमेन । यंत्रणा स्त्री० [सं०] १ कष्ट, पीड़ा । २ कष्टदायक सजा । यत्रमात्रका स्त्री० [सं०] यंत्रमातृका] ६४ कलाधों में से एक । यंत्रमुक्त- पु० [सं०] एक प्रकार का प्रस्त्र विशेष । यंत्रराज - पु० [सं०] ज्योतिष संबंधी एक यंत्र । कवीस, पक्कवीस-देखो इक्कीस महतर देखो इफोर' । कांचन देखो 'इक्यावन' कार ० [सं० य: कार ] १ छन्दशास्त्र में का नाम । २ 'य' वर्ण का नाम । यत्रवाद पु० [सं०] ७२ कलाओं में से एक। यत्रवादी - वि० [सं०] यंत्रवाद का ज्ञाता । Darar - देखो 'इक्यावन' । यकीन पु० [०] विश्वास, प्रतीति यंत्रविद्या स्त्री० [सं०] यंत्र या कल बनाने प्रथवा संचालन यक्ष-पु० [सं०] (स्त्री० यक्षणी, यक्षिणी, पक्षी) १ एक देव करने की विद्या । जाति विशेष व इस जाति का देव । २ कुबेर का एक नाम । ३ इन्द्र के राजभवन का नाम । ४ भ्रात्मा विशेष । मंद, यंदर - देखो 'इंद्र' । बंदरा-१ देखो 'इंदिरा' २ देखो 'इंद्राणी'। यंदु, यदू-देखो 'इंदु' | = मंद्र देखो इंद्रजीत 'इंद्रजीत 'पुर, पुरी 'इंद्रपुरी' यंद्रांण- देखो इंद्र' | पाली-देखो डाली' | चंद्रावर देखी 'इंद्रावरज' | यंद्रावरध - देखो 'इंद्रावध' । पास देखो 'इद्राखरण' यंद्रिय मंत्री-देखो 'इंद्रिय' यंनांमी - वि० व० १ इनाम प्राप्त करने वाला २ जहां पर इनाम यक्षरूप - पु० [सं०] महादेव । का प्रावधान हो । यंबर देखो 'अंबर' । म पु० १ कपट, छल । २ देखो 'यम' । य - पु० [सं०] १ गाड़ी यान, सवारी। २ हवा, वायु । ३ कीर्ति, यश । ४ सम्मेलन । ५ यव, जो ६ बिजली, विधुत । ७ रोक, रुकावट । यमराज त्याग । १० योग । ११ संयम । १२ प्रकाश, रोशनी । १३ गणेश । १४ ईश्वर । १५ पुरुष १६ छन्द शास्त्र में यगण का संक्षिप्त रूप । - वि० जाने वाला - 1- क्रि०वि० पुनः 1 श्रीर I Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नायक, पति, पती- पु० कुबेर ।-पुर, पुरी-स्त्री० अलकापुरी । - राज-पु० कुबेर । —लोक- पु० अलकापुरी । यक्षकरम - पु० [सं० यक्षकर्दम ] एक प्रकार का लेपन । यक्षग्रह - पु० [सं०] १ एक कल्पित ग्रह विशेष । २ प्रेत-बाधा । यक्षतरु - पु० [सं०] वट वृक्ष, बड़ का पेड़ । पक्षधूप - पु० [सं०] गूग्गल धूप, लोबान । यक्षरात ( रात्रि) - स्त्री० [सं० यक्ष-रात्रि ] कात्तिक मास की अमावस्या या पूर्णिमा की रात । क्षति (विस) ० [सं०] यक्षवित] कजूस कृपण यक्षस्थळ- पु० एक प्राचीन तीर्थं । पास यक्ष केंद्र, यक्ष स्वर- पु० कुबेर । पु० [सं०] तीर, शं आस पु० [सं० पास] धनुष यक्षावास १० [सं०] वट वृक्ष यक्षिणी, पक्षी स्त्री० [१] यक्ष की स्त्री २ कुबेर की पत्नी का नाम । ३ दुर्गा की एक धनुवरी । ४ एक अप्सरा । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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