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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परमेसरी परवतसुत परमेसरी-देवो पर मेस्वरी'। परळउ-देखो 'प्रळय'। परमेसर, परमेसुर-देखो 'परमेस्वर' । परळको-देखो 'पळको'। परमेस्ट-देखो 'परमेस्ठ' ।। परळय-देखो 'प्रळय' । -करण-'प्रळयकरण' । परमेस्टि, परमेस्टी-देखो 'परमेस्ठी' । परळाई-स्त्री० उछल कूद । परमेस्ठ-पु० [सं० परमेष्ठ] ब्रह्मा, प्रजापति । परळे-देखो 'प्रलय'। -करण-'प्रळयकरण' । परमेस्ठि, परमेस्टिनी-स्त्री० [सं० परमेष्ठिनी] १ देवी। २ श्री। परल-क्रि०वि० [सं० पर-लै] उस ओर, दूसरी ओर, उधर । परमेस्ठी-पु० [सं० परमेष्ठिन्] १ ब्रह्मा, चतुरानन । २ अग्नि -वि० उधर के, उस ओर के । प्रादि देवता । ३ तत्त्व, भूत । ४ एक यज्ञ विशेष । परल दिन-देखो 'पैलदिन' । ५ शालिग्राम की एक मूर्ति । ६ ब्रह्म का रूप, विराट पुरुष। परलोक-पु० [सं०] १ वैकुण्ठ । २ दूसरा लोक । ३ यमलोक । ७ अहंन्, सिद्ध, प्राचार्य, उपाध्याय और मुनि । परळो-देखो 'प्रळय'। परमेस्वर-पु० [सं० परमेश्वर] १ ईश्वर, ब्रह्म । २ विष्णु। परलो-वि० [सं०पर-रा+लौ] (स्त्री०परली) १ उस प्रोर का, ३ शिव । दूसरी पोर का। २ सामने की पोर भगा हुआ। ३ ध्यान परमेस्वरी-स्त्री० [सं० परमेश्वरी] देवी, दुर्गा । देने वाला । ४ उत्तर काल भव । ५ दूसरा। परमेह-देखो 'प्रमेह' । परव-पु० [सं०पर्वन्] १ ग्रथि, जोड़, गांठ । २ अंश, भाग,टुकड़ा, परम-प्रव्य० परमों। विभाग। ३ ग्रंथ का भाग। ४ निर्दिष्टकाल, अवधि । परमोच्छव, परमोछव, परमोतसव-पु० [सं० परम-उत्सव] | ५ पूर्णिमा, अमावस्या और संक्रांति । ६ देव पूजन या व्रत १ बड़ा उत्सव, महान् उत्सव । २ हंसी, खुशी व मानन्द उपवास की तिथि विशेष । ७ उत्सव, पुण्यकाल । का अवसर । ८ अवसर, मौका । ६ त्यौहार । १० यज्ञादिक उत्सव । परमोद-१ देखो 'प्रबोध' । २ देखो 'प्रमोद'। ११ चन्द्र या सूर्य ग्रहण। [सं० प्रपा] १२ पौसाला, परम्म-देखो 'परम'। प्याऊ । १३ कूप, कुण्ड । १४ समय । -कार-पु. लोभ वश परम्मळ-देखो 'परिमळ' । पर्व दिनों का धर्मानुष्ठान अन्य दिन को कराने वाला परम्मुख-देखो 'परमुख' । ब्राह्मण । -काळ-पु० पर्व का समय, पुण्य काल । परम्य-देखो 'परम'। चतुर्दशी, अष्टमी, पूणिमा, अमावस्या और संक्रान्ति । परयंक-पु० [सं० पर्यक] पलंग, शय्या । चन्द्रमा के क्षय का समय। --गांमी-स्त्री० पर्व के दिन परयंत-प्रव्य० [सं० पर्यंत] तक, लो, निश्चित सीमा तक स्त्री प्रसंग करने वाला। परयटन-पु० [सं० पर्यटन] भ्रमण, देशाटन । परवज-पु० [सं० पर्वज] तने में गांठ वाला वृक्ष । परयाग-देखो 'प्रयाग। परवरणी-स्त्री० [सं० पर्वणी] पूर्णिमा, पूनम । परायागत-देखो 'प्रियागत' । | परवत-पु० [सं० पर्वत] १ पहाड़, पर्वत । २ पहाड़ की तरह परयाप्त-वि० [सं० पर्याप्त] यथेष्ट, यथोचित, पूरा, जितना ही ऊंचा ढेर । ३ दशनामी संन्यासियों की एक शाखा । आवश्यक हो। ४ वृक्ष, पेड़। ५ महाभारत के अनुसार एक गंधर्व का परपुक्षण-पु० [सं० पर्युक्षणम्] पूजन से पूर्व मंत्रोच्चार से नाम । ६ एक प्रकार की मछली। पवित्र करने की क्रिया। परवतमरि-देखो 'परवतारि'। परयुक्षणी-स्त्री० [सं० पर्युक्षणी] शुद्धिकरण के लिये पानी परबतजा-स्त्री० [सं० पर्वतजा] १ पार्वती, गिरिजा । २ नदी। लेकर छिड़कने का पात्र । परवतनंदणी (नी)-स्त्री० [सं० पर्वतनन्दिनी] १ पार्वती परयुसण, परयूसरण-पु० [सं० पयुषणम्] १ पूजन, अर्चन, | गिरिजा । २ गौरी। सेवा। २ जैनियों का एक पर्व विशेष । ३ वर्षाकाल में वर्षाकाल में | परवतमाळ, परवतमाळा-स्त्री० [सं० पर्वतमाळा] १ पर्वत साधुमों का एक ही स्थान पर विश्राम । श्रेणी । २ हिमालय पर्वत । पररउ-वि० पराया, दूसरे का । परवतमेर-पु. मेरु पर्वत। परळंब-देखो 'प्रलंब'। परवतराज-पु० [सं० पर्वतराज] १ हिमालय पर्वत । २ कोई परळंबो, परसंबो-देखो 'प्रलंब'। बड़ा पर्वत । ३ सुमेरू, पर्वत । परळ-स्त्री. १ झूठ। २ असत्य बात, गप्प । | परवतस्त-पु० [सं० पर्वतसुत] लोहा । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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