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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मेधामांन मेघामान, मेघावांन, मेधावाळ - वि० कुशाग्र बुद्धि, बुद्धिमान । मेधावी - वि० [सं० मेधाविन्] १ जिसकी बुद्धि विलक्षण हो, कुशाग्र बुद्धि । २ होनहार । ३ चतुर, बुद्धिमान । ४ पंडित, ज्ञानी, विद्वान । मेनका स्त्री० [सं०] १ पुराण प्रसिद्ध स्वर्ग । । परी २ पार्वती की माता का नाम www. kobatirth.org मेथि, मेथी-पु० कवि वि० बुद्धिमान, चतुर मेन - ०१ अंधकार। [सं० मदन] २ कामदेव । वि० १ काला, श्याम २ देखो 'मेरा' । [ ४११] मेनाक- देखो 'मैनाक' । मेनाव १० [सं०] १ मयूर, मोर २ बकरा मेनाथ पु० हिमालय । मेनिक - पु० मधुधा, मल्लाह । मेमंत देखो 'मेमंत' । मेमटा-देवो 'मैमट । उमा, पार्वती, शकुन्तला मेगा स्त्री० [सं०] १ पावती की माता का नाम २ देखो 'मैना' । की एक अप्सरा, मात्मना स्त्री० मेमती, मेमत्तिय- देखो 'ममंत' । मेमल पु० एक बरसाती कीड़ा विशेष । मेमार पु० [० ] भवन का कारीगर, शिल्पी, राजगीर । मेमूवी देखो 'महमूदी' । मेघ - स्त्री० [सं०] नाप-तौल या परिमाण निकालने की क्रिया । - वि० परिमाण निकालने योग्य । प्रव्य० समान, तुल्य । - सर्व० मुझे, मुझको । मेर - पु० [सं० मेरु] १ प्रस्ताचल । २ सीमा, हद । ३ एक पहाड़ी जाति या इसका व्यक्ति । ४ डिगल का एक छद । ५ देखो 'मेरु' । ६ देखो 'मे'र' । मेर-देखो 'मेरो'। मेरगरंब (गर, गिर, गिरम्बर, गिरि, गिर, गिरि) - देखो 'मेरुगिरि' | रखंड-देखो मेरुदंड' | मेरपब्बे, मेरपरबत, मेरपरवत, मेरपहाड़ देखो 'मेरुपरवत' । मेरम-१ देखो 'मरम' २ देखो 'महरम' | मेरवाड़ी १० जमेर तथा मेरी सर्व० खुद स्वयं से सन्यास का प्रदेश संबधित एक सार्वनामिक विशेषण रूप स्त्री० [१] महंभाव महंकार २ मेर जाति को स्त्री मेह - पु० [सं०] १ पुराणोक्त एक स्वर्ण पर्वत २ नाम जपने की माला का मध्य का बड़ा मशिया । ३ वीरणा का एक अंग । ४ छन्द शास्त्र में गणना की एक पद्धति । ५ छप्पय छंद का एक भेद । ६ हुक्के का एक भाग । ७ पर्वत, पहाड़ । 1 ८ प्रध । हिरन की त्वचा के बीच पड़ने वाला कीड़ा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - वि० घटल डिग, २ देखो 'मेस्मंड' | ३] देखो 'मे' | मेळची मेवगिर (गिरि, गिरी ) - पु० सुमेरु पर्वत । मेखंड (दंड) पु० [सं०] मेरुदंड] १ रीढ़ की हड्डी २ ब के मध्य की एक कल्पित रेखा ३ बड़ तंबू के मध्य का स्तंभ । " मेरुदेवी स्त्री० [सं०] ऋषभदेव की माता। मेधाया-१० [सं० मेध्यायन] महादेव शिव मेश्वश्वत (परबत) पु० [सं० मेव पर्यंत] सुमेव पर्वत । मेदसिखर - पु० [सं०] १ मेरु पर्वत की चोटी । २ मस्तक के छ - चक्रों में से एक ( हठयोग ) । मेरु- देखो 'मेरु' | मेहवन - पु० मेरु पर्वत के प्रास-पास का जंगल, वन । मेरे, मेरे सर्व ० १ 'मेरा' का बहुवचन २ देखी 'म्हार' । मेरे मेरं स्त्री० [सं० मेरेव] एक प्रकार की शराब, मदिरा , मेरी सर्व० 'मैं' का सम्बंधकारक एक सर्वनाम रूप, मेरा । -पु० १ मेर जाति का व्यक्ति २ देखो 'मे'। मेळ, मेल- पु० [सं० मेल: ] १ मिलन, भेंट साक्षात्कार । २ संयोग । ३ मिलने की क्रिया या भाव। ४ परस्पर एकता, प्रेम, स्नेह । ५ प्रेम सम्बन्ध । ६ मित्रता दोस्ती ७ सुलह समझौता, संधि समता, बराबरी, जोड़ । ९ ताल-मेल, सामजस्य । १० धनुकूलता, उपयुक्ता ११ मिश्रण, मिलावट १२ सम्बन्ध, लगाव । १३ यात्रा में सहगमन, सहचार्य, साथ। १४ एकाकार होने की स्थिति बिलय । १५ किसी घटना का योग, संयोग । १६ व्यवस्था इन्तजाम । १७ प्रभिवृद्धि । १८ टकराव । १६ समूह । २० फौज, सेना । २१ मौका, अवसर । २२ विवाह के समय किया जाने वाला भोज २३ मृतक का ग्यारहवां दिन २४ द्वादशे के दिन प्राये हुए लोगों का समूह। २५ गाय के स्तनों में दूध उतरने की स्थिति । २६ प्राय-व्यय का प्रतिदिन का लेखा । २० प्रकार, वर्ग; जाति । २८ वह गाडी, जिसमें डाक जाती है। २९छद का तुकांत ३० योग, जोड़ | ३१ देखो 'मेल' - वि० समान, तुल्य । मेल- देखो 'महल' | मेदेखी 'मेल' | मेलड़ी- देखो 'महल' । मेळवी - पु० मित्र, दोस्त, यार । मेळकी-स्त्री० एक प्रकार का घास व उसके दाने । मेळ ० १ संग्रह २ देखो 'मेजू' मेळगर - वि० १ मेल-मिलाप करने वाला । २ एकत्र व इकट्ठा करने वाला । -पु० १ दर्शकगण । २ एक वर्ग विशेष । मेलडियां - देखो 'मावलिया' । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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