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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सूसी मूळचक्र-पु. एक प्रकार का हाथी। मूळू-देखो 'मूळा' । मूळछेद-पु० [सं० मूल-च्छेद] जड़ मूल से काटना क्रिया, मूळो, मूलौ-देखो 'मूळी'। समूल नाश । मूल्य-पु० [सं०] १ मुद्रा के रूप में या वस्तु के रूप में किसी मूळजग-पु० जगत का मूल,ब्रह्मा, विष्णु, महेश व शक्ति। चीज का भाव कीमत, बिक्री दर। २ महत्व, विशेषता। मूळजड़ी-स्त्री० [स०मूल-जड़ी] जीवन का मुख्य प्राधार । -बांन-वि. कीमती। महत्वपूर्ण। मूळजांवउ-पु. एक प्राचीन देश। मूबो-वि० [सं० मृत] मरा हुमा, मृत । मूळजात-पु० प्रारंभ की जाति, बंश। मूस-स्त्री० [सं० मूसिका] स्वर्णकारों का एक उपकरण । मूळतारिण-देखो 'मुलतान' ।' मूसउ, मूसक-पु० [सं० मूषक] १ चूहा । २. चोर। मूळत्रिकोण-पु० [सं० मूल-त्रिकोण] सूर्य प्रादि ग्रहों की कुछ | मूसककरणी-स्त्री० [सं०मूषककरणी] एक लता विशेष । विशेष स्थिति। । मूसकवाहण (न)-पु० [सं० मूषक-वाहनम] गणेश, गजानन । मूलयांरण-देखो 'मुलतान'। मूसको (खो)-पु. स्वर्ण पात्र। मूळदेवी, मूलदेवी-स्त्री. एक लिपि विशेष । मूसंगो (बो)-क्रि. [सं० मूषणं] १ चोरी करमा, चुराना। मूलद्रव-पु० [सं०मूल-द्रव्य] ऋण की शुद्ध रकम । असल लूटना, खसोटना । ३ ठगना । ४ अपहरण करना, उड़ा पूंजो । मूलधन । लेजाना। ५ मोहित करना लुब्ध करना । ६ मसोसना, मूळद्वार-पु० [सं० मूम-द्वार] १ शरीर का गुदा द्वार। दबोचना । ७ पकड़ना। ८ छीनना, झपटना । ९ ढकना, २ योनि, भग । ३ मुख्य दरवाजा, सिंहद्वार। लपेटना, छिपाना। १० प्रसना। . मूळधन-पु. [सं०मूल-धन असल पूजी, मूल धन । मूसळ मूसल-पु० [सं० मुसल] १ ऊखली में अनाज मादि कूटने मूळपुरुख, मूळपुरुस-पु० [सं० मूल-पुरुष] १ सृष्टि का मादि का मोटे लकड़े का उपकरण । २ बलराम का शस्त्र । पुरुष । २ वंश का प्रथम पुरुष । ३ गदा का एक भेद । ४ स्वर्णकारों का एक उपकरण । मूळप्रक्रति-स्त्री० [सं० मूल-प्रकृति] १. सृष्टि की मूल प्राकृतिक ५ वार व नक्षत्रों संबंधी एक योग । -वि० मूर्ख व वधूफ। सत्ता, कुदरत । २ मूल भूत गुण या प्रकृति । तासीर । मूसलदंती-वि० बड़े-बड़े दांतों वाला। . . मूळबंध-पु० [सं०मूलबंध] १. हठयोग में एक क्रिया । २. एक मुसळधार (धारा)-स्त्री० मोटी-मोटी छींटों की तेज वर्क। प्रकार का अंगुली-न्यास। मूसळमाण (न)-देखो मुसलमान'। मूलवटणी-पु. एक प्रकार का वस्त्र । मूसलाधार-क्रि०वि० मूसल के समान मोटी धारा के रूप में। मूळस्थान-पु० [सं० मूलस्थान] १ ईश्वर, परमात्मा । २ उत्पत्ति मूसलायुद्ध, मूसलायुद्ध, मूसळायुध, मूसलायुध-पु. बलराम का या उद्भब स्थान, मादि स्थान । ३ पूर्वजों का स्थान, जन्म | मायुध । भूमि । ४ प्रधान या मुख्य स्थान । मूसळियौ-पु.१दायें सफेद पैर वाला घोड़ा । २ देखो 'मूसण' । मूळा-स्त्री० [सं०. मूला] १ पृथ्वी, धरती । २ सतावर । मूसळी (मी)-स्त्री० [सं० मुशली] १ एक प्रकार की जड़ीय ३ पूना के पास. बहने वाली एक नदी । ४ मूल नक्षत्र । पौषधि । २ बलराम । ३ घोड़ों का एक रोय । मूलागौ-देखो 'मुळगो'। ४ मूसल वाला। । . मुळाधार-पु० [सं० मूलाधार] हठयोग में मानव-शरीर के | मुसळी, मूसल्यौ-पु० १ एक प्रकार का बोड़ा। २ देखो 'भूसब'। छः चक्रों में से एक। मूसाब-स्त्री० मादा चूहा, चुहिया । मूळासी-वि० [सं०मूल-प्राधित कंद-मूल के माहार पर माश्रित मूसाळ-देखो 'मोसाळ। रहने वाला। मुसावाहण-पु० गणेश, नजानन । मूसिक-देखो 'मूसक'। मूळिका, मूलिका-देखो 'मूळी' । मूसिकांक-पु० [सं० मूर्षिकांक] गणेश का एक नामान्तर । मूलिकाप्रयोग-पु० बहत्तर कलामों में से एक । मूसिल्ल-देखो 'मूसल'। मूलिम-क्रि० वि० बिल्कुल, कतई। मूसिल्लमांण (न)-देखो 'मुसलमान' । मूळी, मूली-स्त्री० [सं० मूलक] १ कुछ मोटी व लंबी जड़ मसौ-पु० [सं० मूषक] १ चूहा । २ चोर। ठग । सिरस तथा बड़े-बड़े पत्तों वाली एक सब्जी विशेष, मूली। | का पेड़ । ५ अन्तः करण, मन । ६ एक देश का नाम । २ जड़ी, बूटी । ३ कंद-मूल, प्रादि। ४ एक प्रकार का ७ स्वर्णकारों का एक छोटा पात्र । बहुषियों के स्थावर विष । ५, छिपकली। ६ देशो 'मूल'। । पेगम्बर । ९देखो 'मोसौ'। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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