SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 404
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुफ्त [ ३६८ ] मरमरणी मुफ्त-वि० [म.] १ जिसका कोई मूल्य या कीमत न हो। मुरगखांनो-पु० मुर्गे रखने या पालने का स्थान । २ जो बिना कुछ दिये प्राप्त होता है । ३ बिना मेहनत के | मुरगबाज-पु० [फा०] मुर्गे लड़ाने या खेलाने वाला। मिलने वाला। ४ जो व्यर्थ में जा रहा हो, नष्ट हो रहा मुरगाजी, मुरगाबू-स्त्री० [फा०] १ मुर्गे की जाति का एक हो। ५ भेंट के रूप में लिया-दिया जाने वाला, फ्री। पक्षी, जल-मुर्गा । २ एक प्रकार की तलवार । ३ जूती। ६ प्रकारण, बेसबब ।-खोर-वि. बिना श्रम के कुछ लेने मुरगी-स्त्री० [फा० मुर्ग] मादा मुर्गा । एक पक्षी। या खाने वाला । दूसरों की कमाई व्यर्थ में काम लेने वाला, | मुरगौ-पु० [फा० मुगं] (स्त्री० मुरगी) १ शिर पर किलंगा हरामखोर । जो दूसरों पर भार या बोझा हो।--खोरी- वाला एक नर पक्षी । २ एक चिड़िया विशेष । स्त्री० बिना श्रम के खाने, माल लेने, हरामखोरी करने | मुरड़-पु. १ एक प्रकार की मिट्टी जो चुनाई प्रादि में काम को क्रिया । हरामखोरी की प्रादत । पाती है । २ प्रात्म-गौरव, स्वाभिमान । ३ गर्व, अभिमान मुफ्ती-पु. [४०] मुसलमानों का धर्मशास्त्री, धर्माचार्य, घमंड । ४ ऐंठन, प्रक्कड़ । ५ क्रोध । ६ देखो 'मूढ' मौलवी। ७ देखो 'मुड'। मुबारक, मुबारको, मुबारिक-वि० [अ०] १ मंगलमय, शभ. | मुरड़क, मुरडक्क-स्त्री०१ मरोड़ने की क्रिया या भाव । २ मोच कल्याणकारी। २ धन्य, खुश-किस्मत । ३ लाभकारी। मरोड़, ऐंठन। -स्त्री० बधाई, शुभकामना। -बाद, वाव-स्त्री० बधाई मुरड़णी (बी)-क्रि० १ मुड़ना, बलखाना, ऐंठना, घुमाना। देने की क्रिया, धन्यवाद । बुश-खबरी। -बादी, वावी २ कुपित होना, क्रोधित होना, नाराज होना। ३ विरुद्ध, वि० बधाई देने वाला, धन्यवाद करने वाला। विपरीत होना । ४ पलटना, लौटना, घूमना। ५ भागना, मुबालिग-स्त्री० [अ० मुबालग] १ किसी बात को बढ़ा-चढ़ा पीछे हटना। ६ अलग हटना, दूर होना, विलग होना । कर कहने की क्रिया या भाव । २ उक्त प्रकार से कही जाने ७ मोड़ना, मरोड़ना, बल देना, घुमाव देना । ८ गर्व करना वाली बात । ३ प्रतिशयोक्ति । अभिमान करना । ९ छीनना, झपटना। १० उखाड़ना । ११ नष्ट करना। मुमकिन-वि० [अ० मुम्किन] संभव, शक्य । मुमानियत-स्त्री० [अ०] मनाही, निषेध, रोक । मुरच, मुरचौ-पु. १ चरणग्रंथि, पैर का मध्य भाग। २ टखना गुल्फ । ३ हाथ-पावों के संधिस्थल । ४ देखो 'मोरची'। मुमारखी-देखो 'ममारखी'। मुरच्छा, मुरछ-देखो 'मुरछा' । -गत, गति-'मुरछागत'। मुमुक्षा-स्त्री० [सं०] मोक्ष की इच्छा। मुरछणो (बो)-देखो 'मुरछाणों' (बी)। मुमुक्ष, ()-वि० [सं०] मोक्ष का इच्छुक । मुरछळ-वि० १ मूच्छित, बेहोश । २ देखो 'मोरछल'। मुरंगी-वि० मृदुभंगी, कोमलांगी। नाजुक । मुरछा-स्त्री० [सं० मूर्छा] १ बेहोशी या संज्ञा शून्य होने की मुर-पु० [सं०] १ एक दैत्य । २ श्रीकृष्ण द्वारा मारा गया एक अवस्था, प्रचेतनता। २ शिथिलता, कमजोरी।३ प्रमाद, राक्षस । ३ एक यवन राजा। ४ तीन की संख्या। ५ कोई पालस्य । ४ गश। -गत, गति, गती-वि० बेहोश, तीन । ६ कश्यप व दनु का पुत्र एक राक्षस । ७ वेष्ठन, प्रचेतन, संज्ञा शून्य । घेरा । ८ मृदंग। -प्रव्य० दुबारा, फिर। मुरछाणौ (यो)-क्रि० [सं० मूर्छनम्] १ बेहोश, मूच्छित या मुरकी, मुरकीय-स्त्री० [प्रा० मुरुक्की] १ पुरुषों के कान का संज्ञा शून्य होना । २ समाधिस्थ होना। ३ ऐन्द्रजालिक पाभूषण विशेष । २ स्त्रियों के नाक का प्राभूषण विशेष । प्रभाव में माना। ३ सफेद जलेबी, मिष्ठान्न । ४ नुकती, बूंदी। ५ संगीत में मरछावत-वि. मूछित, बेहोश । अचेत । एक विधि । ६ एक प्रकार की गायन विधि । ७ तलवार मुरलित-वि० [स० मूच्छित] संज्ञा-शून्य, बेहोश, मूच्छित । की मूठ की कड़ी विशेष । मुरज, मरजा-पु० [सं०] १ मृदंग, पखावज । २ कुबेर की मरको-पु० बड़े व सुन्दर दांतों वाला हाथी । पत्नी का नाम । मुरक्की-देखो 'मुरकी'। मुरजाद, मरजादा-देखो 'मरजादा'। मुरखा-पु० तीन लोक। मुरजाबी, मरजावीक-वि० [सं० मर्यादिक] मर्यादा में रहने मुरख-देखो 'मूरख'। वाला। मुरखाई-देखो 'मूरखाई। मुरजीत-पु० श्रीकृष्ण। मुरग-देखो 'मुरगौ' । | मुरमणो (बौ)-देखो 'मुरझाणो' (बो) । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy