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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra बक्ताहक www.kobatirth.org मुक्ता देखो 'मुक्ता'। 1 मुक्ताहार - पु० [सं०] मोतियों का हार (माला) | मुक्ति, मुक्ती० [सं० मुक्ति] १ मुक्त करने को किया या भाव २ बंधन से छुटकारा, प्राजादी । ३ श्रात्मा का जन्ममरण से छुटकारा, मोक्ष निर्वाण ४ दैहिक व भौतिक कष्टों से छुटकारा, मृत्यु मौत ५ कार्य या उत्तरदायित्व से निवृत्ति । ६ जेल, कैद से छुट्टी । ७ त्याग ८ फेंकना क्रिया । ९ मुक्ति की पांच प्रवस्थाएं होती हैं१ सालोक्य । २ सामीप्य । ३ सारूप्य । ४ साष्टि । ५ सायुज्य । - क्षेत्र- पु० काशी, वाराणसी। वकुलारण्य नामक तीर्थपुरी-स्त्री० बँकुण्ड पुरी । ( २११ ) मुक्त स्वर-पु० [सं०] मुक्तेश्वर]] एक शिव लिंग विशेष मुखढ़ि पु० एक शस्त्र विशेष । मुख- पु० १ प्राणियों के शरीर का, खाने-पीने, बोलने, बात करने प्रादि क्रियाsों वाला अंग, मुंह । २ शक्ल, सूरत, चेहरा । ३ द्वार, दरवाजा । ४ विवर । ५ थैले, बर्तन आदि का खुला भाग । ६ ऊपरी शिरा, छोर । ७ नोक ८ श्रागे का हिस्सा अग्रभाग ६ हाव-भाव, प्रकृति । १० गर्दन के ऊपर या आगे का भाग । ११ पक्षी की चोंच वि० [सं०] मुख्य] १ मुखिया प्रधान धदा २ खास विशेष - क्रि० वि० ३ सामने, भागे, सम्मुख – प्रग्न- पु० प्रधर, श्रोष्ठ, होठ । अग्रभाग । मुखक - देखो 'मूसक' । मुखखुर - पु० [सं० मुखः + खुरः ] दांत | मुखधक पु० [सं०] प्याज मुख- देखो 'मुयाय' । मुखग्ग मुखड़ौ-देखो 'मुख' । मुखचबु-पु० चार मुख वाला, ब्रह्मा, चतुरानन । मुखवीरी-स्त्री० [१०]] बिह्वा, जीम मुखवा स्त्री० सुपारी । मुखचपळता - स्त्री० १ बकवाद, वाचालता । २ कटु भाषण । ३ लबारपन । मुखपेटिका स्त्री० [सं०] थप्पड़ । मुखन पु० [सं०]] बाह्य मुखजबानी - वि० कंठस्थ मुखतार - वि० [प्र० मुख्तार ] १ प्रतिनिधि एजेण्ट | २ किसी कार्य के लिये अधिकृत । ३ स्वतंत्र, प्राजाद, स्वच्छन्द | पु० १ किसी जागीर का व्यवस्थापक । २ छोटी अदालतों का वकील | - ग्राम-० समस्त कार्यों के लिये अधिकृत प्रति मुखपूर पु० [सं०] कुल्ला, घाचमन मुखप्रिय पु० [सं०] संतरा, नारंगी । मुखबंध पु० [सं०] भूमिका प्रस्तावना । मुखबंधन - पु० [सं०] १ ढक्कन, प्रावरण । २ भूमिका । मुखबर, मुखबिर पु० [प्र० मुखिबर ] गुप्तचर, जासूस । मखचंग - पु० एक प्रकार का वाद्य । मुखचपळ-वि० [सं० मुखचपल ] १ वाचाल, बकवादी । २ कटु मुखबरी, मुखबिरी स्त्री० १ गुप्तचरी, जासूसी । २ मुखबिर वक्ता । ३ लबार, बातें बनाने वाला | का पद । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निधि-पास पु० किसी कार्य विशेष के लिये अधिकृत प्रतिनिधि । मुखतारकार- वि० [०] किसी कार्य की देख-रेख करने वाला। मुखतारकारी- देखो 'मुखतारी' । मखतारनामो पु० [०] १ किसी को किसी कार्य के लिये अति करने का लेख पत्र अधिकार-पत्र २ प्रतिनिधि का नियुक्ति पत्र मुखतारी. मुखत्यारी- स्त्री० [प्र०] १ 'मुखतार' होने की दशा या भाव, प्रतिनिधित्व । २ 'मुखतार' का कार्य या पद । ३ कानून की एक परीक्षा विशेष । मुखतिवार, मुखत्यार देखो 'मुखतार' | मुखदरस ५० शीशा, दर्पण, काच मुखदीप(न) - पु० दांत दसन मुखदूसरण - पु० [सं० मुख दूषण ] प्याज । मुखधोवरण- वि० १ कड़वा, कटु । २ स्वावहीन । ३ श्रप्रिय, कटु । मुखनस, मुखन्नस पु० [० मुखन्नस] १ हिजड़ा, नपुंसक । २ कायर, डरपोक । " मुखपट पु० [सं०] १ घूंघट । २ नकाब | मुखपति - देखो 'मुहपति' । मुखम्मल मुखपाक-पु० मुंह का एक रोग । मुखपंड - पु० [सं० मुख्यपिंड ] १ मृतक के पीछे किया जाने वाला प्रमख पिण्ड दान २ कौर । मुखबास-पु० [स०मुख वास] १ भोजनोपरान्त मुख शुद्धि के लिये खाया जाने वाला सुगंधित पदार्थ । २ पान, ताम्बूल । मुखविख्य-पु० बड़ा चमगादड़ मुखमा पु० तोता, कीर मुखमिट्ट - देखो 'म' हमीठी' । मुखमुली - देखो 'मखमली' । मुखम्पल देखो मखमल' मुखमंडल (न) - पु० १ पान । २ चौसठ कलाओं में से एक । मुखमल पु० १ पुष्प, फूल २ देखो 'मखमल' । मुखमली, मुखमलू- - देखो 'मखमली' | मुखमहल देखो 'मखमल', For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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