SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 343
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org मरणी ( ३३७ ) मरपूरो मरणो (बी)-क्रि० [सं० म्रियते १ किसी प्राणी का मरण | मरवणी (बी)-क्रि० [सं० मर्दन] १ मर्दन करना, मसलना, होना, मृत्यु या प्राणान्त होना । मरना । २ वीरगति रगड़ना । २ मलना, मसलना, उबटन करना । ३ लेपन पाना। ३ भूख, प्यास प्रादि से व्याकुल या त्रस्त होना। 1 करना । ४ दबाव डालना, दबाना । ५ सन्तापित ४ हत्या द्वारा मारा जाना । ५ न्यौछावर या उत्सर्ग होना। करना पीड़ित करना । ६ पीसना, घोंटना । ७ कुचलना, ६ विकल या विह्वल होना । ७ कुम्हलाना, मुरझाना, रोंदना । ८ नष्ट करना, उजाड़ना । सूख जाना । ८ कष्ट या विपत्ति से मृत प्रायः होना। मरवन-पु० [सं० मर्दन] १ मसलने या रगड़ने की क्रिया ९ शक्ति, पौरुष प्रादि से हीन, निश्चेष्ट होना । १० बोझ या भाव । २ मालिश, लेपन, उबटन । ३ संताप, उत्पीड़न । से दबना । ११ शर्म, चिन्ता प्रादि से अधिक ग्रस्त होना। ४ दबाव । ५ विनाश । -वि. कुचलने वाला, पीसने वाला, १२ अधिक श्रम करना, पचना । १३ किसी पदार्थ के नाश करने वाला । -काळी-पु. श्रीकृष्ण । ईश्वर । गुण या शक्ति समाप्त होना, अप्रयोज्य होना । १४ इच्छा -मेघ-पु० श्रीकृष्ण ! या वेग समाप्त होना । १५ खेल में परास्त होना। मरदनी-स्त्री० [फा० मुर्दनी] मूर्छा, उदासी, श्रीहीनता, १६ जलन या ईर्ष्या होना। १७ पैठना, रिसना । ___ कमजोरी। मरण्ण-देखो 'मरण' । मरवनीयो-वि० मर्दन करने वाला, मालिश करने वाला। मरतंग-पु० मरण. गमी, मौत। -पु० उबटन करने वाली जाति, वर्ग या व्यक्ति । मरत-पु० [सं० मत:] १ मनुष्य, प्रादमी, मानव । २ पृथ्वी। मरदमी-स्त्री० [फा० मर्दुमी] १ बल, पौरुष, शक्ति । २ साहस, ३ मृत्यु लोक । ४ देखो 'म्रित्यु'। ५ देखो 'मरत्य'। हिम्मत । ३ पुसत्व गुण, स्तंभनशक्ति। ४ मानवता, मरतकाळ (गाळ)-पु० [सं० मृत्यु+काल] अन्तिम समय, मौत इन्सानियत । ५ सुशीलता, शालीनता। -वि० बलशाली की घड़ी। पुरुषार्थी, साहसी। मरतब-पु. [म. मर्तबः] १ पद, दर्जा, श्रेली । २ प्रतिष्ठा, मरवल-पु. एक प्रकार का वाद्य विशेष । इज्जत । ३ वर्ग। मरवानगी-स्त्री० [फा० मर्दानगी] १ मर्द होने की अवस्था मरतबान-पु. १ प्राचार, मुरब्बा प्रादि रखने का बर्तम । या भाव। २ बल, पौरुष । ३ साहस, हिम्मत । ४ वीरता, २ अमृतबान । बहादुरी। ५ पुसत्व गुण। मरतबा-पु. [अ० मर्तबः] वार, दका, पारी। मरवानी-वि० [फा०मर्दानी] मर्दो की, मदों के काम पानेवाली। मरतबो-देखो 'मरतब। -डोढ़ी, बोढ़ी-स्त्री. महल में पुरुषों का प्रवेश द्वार । मरतलोक-देखो 'म्रित्युलोक' । मरदांनू (नौ)-वि० [फा०मर्दानः] (स्त्री० मरदांनी) १ मर्दो का, मरतुजय-देखो म्रित्युजय' । मर्दो संबंधी । २ बल-पौरुष वाला, शूरवीर। -पु० बल, मरतु-देखो "म्रित्यु। पौरुष व वीरता। मरतुजामली-स्त्री० हजरत अली की एक उपाधि । | मरदांमरव-वि०१मों में मर्द, नर श्रेष्ठ । २ अद्वितीय पुरुष, मरत्य-पु० [सं० मयं] शरीर, बदन । -वि० १ मरणशील, वीर, योद्धा। -पु० अर्जुन का एक नामान्तर । -क्रि. वि. मरणासन्न । २ देखो 'म्रित्यु'। -सोक-'म्रित्युलोक' । जबरदस्ती, बलात् । येन-केन-प्रकारेण । मरदग-देखो 'म्रदंग। मरवाई-स्त्री० मर्दानगी। मरद-पु० [फा० मर्द] १ पुरुष, नर, प्रादमी । २ पति, खाविंद। मरवुम-पु० [फा० मर्दुम] मनुष्य, इन्सान । -सुमारी-स्त्री. जन-गणना । मंत्री। ४ वीर पुरुष । ५ मनुष्य जाति, मानव वर्ग । मरदूद-वि० [फा० मर्दू द] तिरस्कृत, बहिष्कृत, नीच । शक्ति, साहस व पौरुष वाला व्यक्ति । -वि० १ बल, मरद्द- देखो 'मरद'। पौरुष व साहस से युक्त । २ साहसी । ३ पुरुष का, पुरुष मरहक-देखो 'मरदक' । संबंधी। ४ कुचलने व नष्ट करने वाला। ५ पीसने वाला, मरद्दण, मरद्दन-देखो 'मरदन' ।-काळी : 'मरदनकाळी'। घोंटने वाला। मरद्दल-देखो 'मरदळ'। मरवक-वि० [सं० मर्दक] १ मर्दन करने वाला । २ चबाने मरद्दां-मरह-देखो 'मरदांमरद'। वाला। मरहित-वि० [सं० मर्दित] १ यसला हुमा, जिसका मर्दन • मरदगी-देखो 'मरदानगी' । किया गया हो । २ पीसा हुआ। ३ नष्ट किया हुधा । मरवण-देखो 'मरदन'। | भरपूरी-वि० मर-डूब कर किसी तरह पूरा किया गया। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy