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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मनोव्यांन मनोनीत वि० [सं०] १ मन के अनुकूल हुआ ४ नियुक्त या पदासीन या उत्तराधिकार के लिये प्रस्तावित समर्पित मनोध्यांन - पु० [सं०] एक राग विशेष । मनोनिग्रह पु० [सं०] मन-निग्रह] संयम । इन्द्रियों को वश में रखने की क्रिया । www. kobatirth.org मनोभाव - पु० कल्पना । ( ३३४ ) , २ पसंद ३ चुना ५ किसी स्थान पद नियत निश्चित व [सं०] १ कामदेव, मदन । २ चन्द्रमा । ३ प्रेम, मनो-देखो मनोभव'। मनोमन पु० [सं०] कामदेव | मनोमय - वि० [स०] १ मन से युक्त, मानसिक । २ श्राध्यात्मिक | -कोश पु० वेदान्त के अनुसार शरीरस्थ एक कोश मनोयोग पु० [सं०] मनस् योग ] मन की एकाग्रता । मनोरंजक वि० [सं०] १ मन का रज मिटाने वाला । २ हास्यास्पद । मनोन्य- १० एक फल विशेष मनोभव - पु० स्नेह । ४ कामवृत्ति । मनोहरता, मनोहरताई-स्त्री० सुन्दरता [स०] मन के विचार, भाव, इच्छा, खयाल | मनोहरा स्त्री० अनुस्वारों की बाहुल्यता वाला गाथा छन्द । मनोहरी-देखो 'मनोरी' । मनोरंजण, मनोरंजन- पु० [सं० मनस् रंजनम् ] १ मनोविनोद, हंसी-खुशी का कार्य, दिल्लगी ।२ दिल बहलाव । ३ रज मिटाने का कार्य । मनोरच पु० [सं०] १ अभिलाषा, इच्छा, कामना २ संकल्प ३ मन का विचार । ४ कल्पना । मनोरथावसी स्त्री० [सं० मनोरथ द्वादशी) १ यंत्र शुक्ला द्वादशी की तिथि । २ इस दिन किया जाने वाला व्रत । मनोरम - वि० [सं०] सुन्दर, मनोज्ञ। जिसमें मन रमे । मनोरमा स्त्री० [सं० मनस् रमा] १ सुन्दर स्त्री । २ सात सरस्वति में से चौथी ३ गौतम बुद्ध की एक शक्ति ४ एक प्रप्सरा । ५ ध्रुवसंधि राजा की पत्नी । ६ एक । गंधर्व कन्या । ७ आर्या छन्द का एक भेद । एक छन्द विशेष | ९ दश प्रक्षर का एक वर्ण वृत्त १० चौदह अक्षरों का एक छन्द । १९ दोधक छन्द का एक नाम। १२ गोरोचन । मनोराज ( राज्य ) - पु० [सं० मनोराज्य] मानसिक कल्पना । मनोरी स्त्री० मन की भावना या इच्छा । मनोवरी- देखो 'मनोहर' । मनोवांछा देखो 'मनोधा' मनोविकार पु० [सं० मनस्-विकार ] १ चित्त वृत्ति, चित्त की अवस्था । २ मन के दूषित विचार । ३ ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध आदि की भावना । मनोविग्यान पु० [सं० मनोविज्ञान] मन की अवस्था या विचारों का विश्लेषरण करने वाला शास्त्र या सिद्धान्त । मनोवेग - पु० [सं०] मन का प्रावेश, जोश । मनोवति स्त्री० [सं० अन-वृत्ति ] मन की प्रकृति भारत। विचारधारा | मनोहर पु० [सं०] १ परमेश्वर ईश्वर २ श्रीकृष्ण ३ एक राग विशेष ४ छप्पय छन्द का एक भेद । वि० १ मन का हरण करने वाला, चित्ताकर्षक । सुन्दर, मनोज्ञ । २ देखो 'मनहर' | मनोहारू देवो मनोहर । मनो-देखो 'मानी' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मनी (बौ) - देखो 'मनी' (बौ) । मन्नमोट- देखो 'मनमोट' । मनि- देखो 'मन' । मन्मथ - देखो मनमथ' । मनोती स्त्री० १ किसी देवी-देवता की पूजा के लिये किया गया संकल्प । २ मनुहार, निहोरा । मन्न- देखो 'मन' | मन्ना-देखो मं मम्मी - वि० [सं०] मम्मचिन्] कामुक, कामी. मन्यु मम्पू पु० [सं०] मन्यु] १ यज्ञ, हवन ३ अभिमान, गर्व । ४ दुःख, शोक ७ स्तोत्र । ८ अग्नि । ९ शिव, महादेव का पुत्र । ५ । मन्वंतर पु० [सं०] १ इकहत्तर चतुर्युगी काल दिन का चौदहवां भाग । २ प्रत्येक मनु के अवधि । ३ चौबीस अवतारों में से एक । दुर्भिक्ष । मन्हा देखो 'मना' | मन्हे सर्व ० १ मुझको । २ देखो 'मना' । ममकार मपणी (बो) - क्रि० मापा जाना, नाप किया जाना । मधुनि स्वी० ढोल की हवा मयारी स्त्री० एक जाति विशेष मकरा- स्त्री० नशीली वस्तु मफो-देखो 'मापो' । मर्मकार देखी 'महार' | नि For Private And Personal Use Only । २ फोध, गुस्सा | दीनता ६ कर्म 1 १० वितथ राजा ब्रह्मा के एक शासन की ४ प्रकाल, मम सर्व० [सं०] मेरा, मेरी, मेरे, मुझ । - प्रव्य० [सं० म] नहीं, न, मत । ममकार - देखो 'मकार' ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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