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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पद्ममुद्रा ( २७ ) पनर पपमुद्रा-स्त्री० [सं०] दोनों हथेलियों को मिलाकर बनाई जाने | पधोरणी (बो)-देखो 'पाधोरणो' (बी) । वाली एक मुद्रा। पध्धर-देखो 'पाधरौ' । पाराग-देखो 'पदमराग'। पध्धारणो (बी)-देखो 'पधारणो' बो) । पपरेखां-स्त्री० [सं०] सौभाग्य सूचक हस्तरेखा। पनंग-देखो ‘पन्नग' । पालांछणा (ना)-स्त्री० [सं०पपलाञ्छना] १ सरस्वती का | पनंगणी-स्त्री० १ नाग कन्या । २ नागिन । एक नाम । २ तारा का एक नाम । ३ लक्ष्मी । पनंगपति, (पती)-देखो 'पन्नगपति' । पालेस्या-स्त्री० [सं० पद्मलेश्या] जैन मतानुसार एक लेश्या । पनंगपाळ-पु० [सं० पन्नग-पाल चन्दन । पग्रहथ, (हस्त)-देखो 'पदमहत'। पनंगलोक-देखो पन्नगलोक' । पना-देखो ‘पदमा'। पनंगसंधार, पनंगसिंघार-पु० [सं० पन्नग-संहार] मोर, मयूर । पपाएकादसी-स्त्री० भाद्रपद शुक्ला एकादशी। पनंगांरण-देखो 'पन्नग'। पनाकर-पु. [सं०] १ तालाब, सरोवर । २ कमलयुक्त तालाब। पनंगांराय-पु० [सं० पन्नगराज] शेषनाग । पद्मालय-पु० [स०] १ समुद्र । २ सरोवर । ३ ब्रह्मा। पनंगासन-देखो 'पन्नगासन' । पद्मालया-स्त्री० [सं०] १ लक्ष्मी । २ रुक्मिणी। ३ लौंग। पनंगेस-पु० [सं० पन्नग-ईश] शेषनाग । पद्मावती-स्त्री० [सं०] १ लक्ष्मी । २ पद्मिनी जाति की स्त्री। | पनग्ग-देखो 'पन्नग' । ३ चित्तौड़ की प्रसिद्ध रानी । ४ एक अप्सरा (पौराणिक)। | पन-१ देखो 'पुण्य' । २ देखो 'प्रण' । ३ देखो 'पान' । ५ उज्जयिनी का प्राचीन नाम । ६ बत्तीस मात्राओं का | ४ देखो 'पानी'। एक छन्द विशेष । | पनग-देखो 'पन्नग'। -पति, पती = 'पन्नगपति'। -लोक पद्मावळि (ळी)-पु० [सं० पद्मावली] एक वस्त्र विशेष । 'पन्नगलोक'। पद्मासण (न)-पु० [सं० पद्मासन] १ योग के चौरासी आसनों | पनगहार-पु० [सं० पन्नग-हार] शिव, महादेव । ___ में से एक । २ संभोग का एक आसन। . पनगांण-देखो 'पन्नग'। पद्मिनी पद्मोनी-देखो 'पदमणी' । पनगारि-देखो ‘पन्नगारि'। पद्मोत्तर-पु० [सं०] एक प्रकार का वस्त्र । पनगासन-पु० [सं०पन्नग-प्रसन] १ गरुड़ । २ विष्णु।। पद्य-वि० [सं०] १ जिसमें कविता के पद या चरण हों, जो | पनग्ग-देखो 'पन्नग' । छन्दोबद्ध हो । २ चरण संबंधी । ३ पद चिह्नों से चिह्नित। | पनग्गौ-देखो 'पन्नग'। ४ शब्द संबंधी। ५ अंतिम । -पु. पिंगल के अनुसार चार | पनघट-देखो 'पणघट'। चरणों वाला एक छन्द । पनड़ियो-पु. खूबकला नामक घास । पधड़ी-देखो 'पद्धरी' । पनड़ी-स्त्री० (ब. व.) [सं० पत्रम्] १ प्राभूषणों में लटकते हुए पधर-देखो 'पाधरौ' । छोटे-छोटे पत्तेनुमा भाग । २ पेड़ या पौधों के सूखे पत्तों पधराणो, (बौ)-क्रि० [सं प्र-धारणम्] १ प्रादर पूर्वक लाना, का समूह। ३ किसी पौधे की सुगंधित पत्ती। ४ चने के लेजाना । २ ससम्मान बुलाना । ३ स्थापित करना, प्रति पौधे के पत्तों का ढेर । ५ देखो 'पांनड़ी'। ६ देखो 'पान' । ष्ठित करना। ४ देव मूर्ति की स्थापना करना। ५ हड़प लेना, छीन लेना। ६ डाल देना, फेंक देना। ७ तिरोहित करना । | पनडुब्बी-स्त्री० १ एक जल पक्षी विशेष । २ पानी के अन्दर ८ धारण करना, पहनना, पहनाना । ६ भेंट करना। १० चलने वाली नाव। खाना, हजम करना । ११ लाना । १२ बैठाना, विराजमान पनपणी (बी)-क्रि० १ किसी पेड़ या पौधे का उगकर बढ़ते कराना । १३ प्रवेश कराना । १४ लेना । १५ ले जाना । जाना । २ पानी मिलने से हरा होना । ३ स्वस्थ व तंदुरुस्त १६ भेज देना। १७ प्रकट या जाहिर करना। होना । ४ आर्थिक दृष्टि से संभलना । ५ वैभव युक्त होना । पधरावणी-स्त्री० किसी महन्त को घर बुलाकर दी जाने वाली ६ बढ़ना, वृद्धि होना । ७ प्राप्त होना, मिलना। पनपाणी, (बी)-क्रि० १ किसी पेड़ या पौधे को पानी देकर पधरावणों (बौ)-देखो 'पधराणो' (बी)। बढ़ाना। २ स्वस्थ या तंदुरुस्त करना । ३ प्रार्थिक स्थिति पधरी-देखो 'पद्धरी'। मजबूत करना। ४ बढ़ाना वृद्धि करना। ५ प्राप्त कराना, पधारणौ (बो)-क्रि० [सं० पद् धारणम्] १ आना, पहुँचना । मिलाना । २ जाना, चला जाना । ३ ससम्मान प्राना-जाना। पनर, पनरह-देखो 'पनरह। भेट । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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