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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मथज मंथज - पु० [सं०] मक्खन, नवनीत । मचण - देखो 'मंथन' | www.kobatirth.org ( ३१४ ) (ब) देखो 'मचखी' (दो) । मंथन - पु० [सं०] १ मथने की क्रिया या भाव, विलोड़न । २ म दण्ड र ३ देखी 'मन' मंथरां - क्रि० वि० [सं० मंथर ] धीरे से, मंद गति से । धीमे । मंथरा - स्त्री० [सं०] १ कैकई की प्रमुख दासी, कूबड़ी । २ देखो 'मथुरा' । अभाग्य । पण वि० १ मंचन संबंधी २ देखो 'मयांणी' ३ 'देखो मंदादा-देखो 'मंदाकिनी' । 'मणी' ४ देखो 'मध्य' ५ देखो 'मचांरण' मंद - वि० [सं०] १ मूर्ख, मूढ । २ कृपण, कंजूस । ३ तनिक, थोड़ा ४ कांतिहीन, फीका, नियम ५ कमजोर, झील ६ हल्का, धीमा । ७ खल, दुष्ट ८ कम वेग वाला, मंथर, धीमा । ९ प्रभावहीन । १० सुस्त, प्रालसी । ११ उदासीन । १२ कोमल । १३ दोष युक्त । १४ अभागा । १५ जिसमें तेजी, तीव्रता का प्रभाव हो । पु० १ घोड़ी की गर्दन का एक रोग । २ एक प्रकार का हाथी । ३ यमराज, यम । ४ शनिश्चर । ५ देखो 'मद' । ६ देखो 'मंदी' । मदरियाँ देखो मंदिर' । मदरी - वि० [० मंद] (स्त्री० मंदरी) धीमा, हल्का मंगळ-देखो 'मावळ' मंदगति - स्त्री० [सं०] १ धीमी चाल गति । २ ग्रहों की एक " अवस्था । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मदवाड़, मवाद (डी) देखो 'मांदगी'। मंदहास-पु० [सं०] धीमी हंसी, मुस्कान। मंदा स्त्री० १ एक संक्रान्ति विशेष २ गंगा । मंदाप्राखर- पु० [सं० मंद + प्रक्षर ] मवाक - वि० [सं० मंद] तुच्छ, तनिक मंथांणी - स्त्री० १ दो तगरण का एक छद विशेष । २ देखो मंदाकण, मंदाकणी (नी), मंदाकिण, मदाकिणी (नी ) - स्त्री० 'मथांणी' । १ स्वर्ग में बहने वाली गंगा की धारा । २ गंगा का नामान्तर । ३ श्राकाश गंगा । ४ चित्रकूट के पास बहने वाली एक नदी । ५ सात प्रकार की संक्रान्तियों में एक । ६ एक वणिक छंद विशेष । ७ कुबेर की माता का नाम । [मंदाक्रांता][स्त्री० [सं०] सत्रह अक्षरों का एक वर्ण वृत्त विशेष मदागनी - देखो मंदाग्नि' । मदागिरणी-देखो 'मंदाकिनी' | मंदागिर देखो 'मंदरविर' । मंदता स्त्रो० धीमापन, हल्कापन । मंदफळ- पृ० [सं०] मंदल) ग्रहों की गति का एक भेद । भाग मंदभागी वि० [सं० मद भाग्य ] ( स्त्री० मंदभागस) १ अभागा, दुर्भाग्यशाली २. गरीब, निर्धन, दरिद्र । मंदमति, मदमती वि० मूड, मूर्ख, छोटी बुद्धि वाला, जिसकी बुद्धि प्रखर न हो । मंबर - पु० [सं०] १ मंदराचल पर्वत । २ इन्द्र । ३ वरुण । ४ स्वर्ग ५ कुल द्वीप पर्वत का एक तीर्थ ६ देखो 'मंदिर' । ७ देखो 'मंदरा' । ८ देखो 'मंदार' । मंदरगर (गिर, गिरि, गिरी ) - पु० [सं० मंदरगिरि ] पर्वत । मंदरा - स्त्री० एक छंद विशेष । मंदराव० [सं०] मंदराचल] एक पर्वत जो समुद्र मंथन में काम आया । मवादर मदभाग्य, हतभाग्य, मंदक - वि० [सं०] १ मूर्ख, मूढ़। २ देखो 'मंदी' । मंदकोश स्त्री० [पोड़ों की एक जाति विशेष । मंदग - वि० [सं०] धीमी गति या चाल वाला। -पु० शाकद्वीप मदार, मंदारक- पु० [सं०] १ इन्द्र के नन्दन-वन के पांच वृक्षों के ब्राह्मणों के चार वर्णों में से एक । में से एक । २ नाक मदार ३ धतूरा ४ मंदराचल पर्वत ५ हिरण्यकशिपु का ज्येष्ठ पुत्र, एक प्रसुर । ६ धौम्य ऋषि का पुत्र । ७ डिंगल का एक छंद । मंदाग्नि स्त्री० पाचन शक्ति मंद होने का रोग विशेष । मंदायण, मंदारण (गी, नी) - देखो 'मंदाकिनी' । For Private And Personal Use Only मंदजुर, मदज्वर - पु० [सं० मंदज्वर] निरन्तर बना रहने वाला मंदासय पु० [सं० मंदाशय ] अनुचित अर्थ का भाव । हल्का ज्वर । मंदिर मंदिरडर, मंदिर- पु० १ देवालय, देव प्रासाद । २ भवन, मकान । ३ राजमहल । ४ वह स्थान जहाँ पवित्र भावनाओं की गंगा बहती हो [सं० म] ५ वरुण मंदी स्त्री० १ मंद होने की दशा अवस्था या भाव मन्दता । २ पदार्थों के बाजार भाव कम होने की अवस्था सस्तीवाड़ा ३ व्यापार की धीमी दशा । ४ तेजी, तीव्रता का अभाव । ५ उदासी । ६ धीमापन । ७ धुंधलापन | मंदील - स्त्री० [प्र० ] जरदोजी का वस्त्र विशेष । मंदीवार, मंदीवाडी-१ देखो 'मंदी' २ देखो 'मांदगी' । मंदराचल मंदुर-स्त्री० [सं० मदुरा ] अश्वशाला, घुड़साला । बोच्च पु० [सं० मंद + उच्च] ग्रहों की एक प्रकार की गति । मंदोदर - वि० [सं०] १ छोटे व पतले पेट वाला । २ मंदाग्नि के रोग वाला। -पु० १ मय दानव का नामान्तर । २ देखो 'मंदोदरी' ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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