SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 308
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भेसाब ( ३०२ ) मोई मेसाद-देखो 'भैसाद'। मैराण-देखो 'भैरव'। भेहरण-पु०[सं० भय हरण] ईश्वर, भगवान । -वि० भय को | भैरव-पु० [सं०] १ तेल और सिंदूर से पूजे जाने वाले एक देवता दूर करने वाला। विशेष । २ शिव, महादेव । ३ शिव के गण जो उन्हीं के मैं-स्त्री० भेड़ या गाय प्रादि की बोली। अवतार हैं । ४ साहित्य में भयानक रस । ५ ताल के सात मैंचकरणी (बो)-देखो 'भचकणी' (बी)। मुख्य भेदों में से एक । ६ संगीत में एक रागका नाम । ७ एक भैण, भंगड, मैंन-देखो 'बहन' । प्रकार का बढ़िया वस्त्र । -वि० [सं० भै+रव] १ भीषण मैंह-देखो 'भैरव'। शब्द वाला । २ भयंकर, भयानक । ३ घोर विनाशकारी। भैंस, भैसड़ली, भैसड़ी-स्त्री० [सं० महिष] १ अधिक दूध देने । ४ प्रति उग्र या तीव्र । वाली प्रसिद्ध मादा पशु, महिषी। २ पाक का फल । | भैरवसांप (फ)-स्त्री० हिमालय पर्वत पर केदारनाथ के मंदिर के ३ काली व मोटी औरत । (लाक्षणिक) पीछे की एक कगार जहां से मनोकामना सिद्धि के लिये भैसपूछौ-पु. एक प्रकार का घोड़ा। ' छलांग लगाई जाती है। #सागूगल-पु. एक प्रकार का गूगल विशेष । भैरवमस्तक-पु. संगीत में ताल का एक भेद । भंसात-पु० विसायती। ' मैरवा-स्त्री० एक पक्षी विशेष । मैंसाव-स्त्री० महिषासुर मर्दनी देवी विशेष । भैरवी-स्त्री०१ तांत्रिक देवी, महाविद्या । २ चामुण्डा, दुर्गा, देवी। मैंसापाज-स्त्री. एक देवी बिशेष। ३ 'कोचरी' नामक चिड़िया। ४ पार्वती। ५ सगीत में मैसामाता-स्त्री० बड़े दानों वाली शीतला, चेचक । एक रागिनी । ६ एक प्रकार का उत्तम वस्त्र । -चक्र-पु० भैसालसण-पु० मानव शरीर पर होने वाला एक दाग विशेष । । तांत्रिक अनुष्ठान का समय चक्र । भंसासुर-पु. एक राक्षम विशेष । भरवेस-पु० [सं० भैरव-ईश] शिव, महादेव । भैसौ-पु० [सं० महिष] १ मोटे डील डोल का प्रसिद्ध चौपाया | भैरवी-देखो 'भैरव'।। जानवर । महिष । २ मदार वृक्ष का फल । ३ मोटा व भैरस-पु० [सं० भय+रस] साहित्य में एक रस ।। काला मनुष्य । भैराहर-पु० ऊंट। मै-पु० [सं०] १ नक्षत्र, तारा। २ देखो 'मैं'। ३ देखो 'भय' । भरिपु-पु० [सं० भय रिपु] ईश्वर, परमात्मा। अखज-देखो 'भेसज'। भैरू-देखो 'भैरव'। भेडी-कि० (स्त्री० भैड़ी) १ भयंकर, डरावना । २ खतरनाक, भैरूजी-पु० १ भैरव की मूर्ति । २ एक लोक गीत । बुरा। मैं' रौ-१ देखो 'भवरौ' । २ देखी 'भेळो' । मैचक-वि० (स्त्री० भचकी) १ भौचक्का, चकित, विस्मित । भैली-१ देखो 'बहल'। २ देखो 'भेलो' । २ घबराया हुमा । ३ भयभीत, डरा हुमा । ४ महान, | भेळो-देखो 'भेळो' । . बड़ा, प्रचण्डकाय । ५ भयकर, डरावना । -पु० एक भयंकर | भैसड़ी-देखो 'भैसौ' । .. जल जंतु। मैसी-देखो 'भैस'। मैचकरणो (बो), भचक्कणी (बौ)-क्रि० १ भयभीत होना, | अहरण-पु० [सं० भय-हरण] ईश्वर, परमात्मा । डरना। २ संभ्रमित होना। ३ भौंचक्का होना, स्तंभित भों-१ देखो 'भव' । २ देखो 'भय' । होना। ४ चौंकना । ५ घबराना । मोंगरी-स्त्री० एक प्रकार घास । मंण, भैरगडी-देखो 'बहन' । भोंदू-क्रि० १ बेवकूफ, मूर्ख । २ सीधा-सादा, भोला-भाला । भैत-१ देखो 'भीति' । २ देखो 'वै'त' । भोंपू-पु० १ तुरही के प्राकार का एक बाजा विशेष । २ किसी भैन, भैनड़ो-देखो 'बहन'। उद्योग आदि में लगी, समय-समय पर लंबी बोलने वाली अमंग-वि० [सं० भय अंग] १ भयभीत। २ देखो 'भुजंग' । सीटी । ३ मोटर आदि वाहनों में लगा बाजा, हार्न । ४ इसी तरह बोलने वाला खिलोना । ममीत-वि० १ निडर, निर्भय । २ जबरदस्त, बड़ा । ३ देखो मोंय-देखो 'भांय'। 'भयभीत'। भोंह-देखो 'भ्र'। भैतकार-पु. हाहाकार। मो-अव्य० १ हे, परे । २ देखो 'भय' । ३ देखो 'भव'। मैं' मी-देखो 'वहमी'। भोप्रणनंदन-पु. [सं० भूनंदन] मंगल ग्रह । बी-पू०१लोकदेवता (मेवात)। २ देखो 'भाई'। भोई-पु० (स्त्री० भोयण) १ कहार जाति व इस जाति का For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy