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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेहरवी भूरि-पु० [सं०] १ ब्रह्मा। २ विष्णु । ३ शिव । ४ इन्द्र। भूवळ-, भूवल-पु० [सं० भू+वलयं] भूगोल । ५ उपहार, भेंट। ६ दान । ७ स्वर्ण, सोना। बालू रेत। भूवल्लम-पु० [सं०] राजा, नप। __ -वि. बहुत, अधिक, प्रचुर । भूवा-देखो 'भूमा'। भूरिक, भूरिज-स्त्री० [सं०] पृथ्वी, अवनि । भूवाजी-स्त्री० १ कंगाली, दरिद्रता। २ देखो 'भूया' । भूरिमायु-पु० गीदड़, सियार । भूवारि-स्त्री० 'हाथी पकड़ कर बांधने का स्थान । भूरियो-देखो 'भूगै'। भूवाळ-देखो 'भूपाळ'। भूरिसरव, भूरिस्रवा-पु० [सं० भूरिश्रवस्] १ कुरुवंशीय एक भूविवार-पु. [सं०] सूपर। राजा। २ अंगिरस् ऋषि का एक शिष्य। ३ एक यादव | भूविद्या-स्त्री० [सं०] भू-विज्ञान । • राजा । ४ एक पितृगण । भूसक्र-पु० [सं० भूशक] राजा, नप । भरी-स्त्री० भरे रंग की भैस । -वि० १ भूरे रंग की, भूरी। भूसण-पु० [सं० भूषण] १ प्रलंकार, गहना, भूषण । २ गुण २ देखो 'भूरि'। विशेष। ३ शोभा बढ़ाने वाला पदार्थ। ४ साहित्य में भूरेस-पु० सिंह, शेर । अलंकार । ५ एक वनस्पति विशेष । ६ बारह की संख्या । भूरी-पु० [सं० वभ्र] (स्त्री० भूरी) १ मिट्टी जैसा रंग, मटमैला -वि० बारहवा । रग। २ सिंह, शेर । ३ ऊंट। ४ यूरोप का निवासी। भूसरणभोजन-पु० स्त्रियों की ६४ कलामों में से एक । ५ एक कबूतर विशेष । ६ महीन चूर्ण । ७ एक विशेष | भूसपोपमा-स्त्री० [सं० भूषणोपमा] उपमा अलंकार का एक प्रकार का अमल । भूरे रंग का भंसा । -वि०१ भूरा, मट | भेद । मैला, मिट्टी जैसे रग का । २ गौर वर्ण का। ३ वीर, योद्धा। भूसरग-पु० सुमेरु पर्वत का एक नाम । ४ उदार हृदय, दानवीर । ५ यशस्वी । ६ देखो 'भंवारो' || भूसी-स्त्री० १ किसी वस्तु के छिलकों का महीन चूर्ण । भूरोबाघ-वि० वीर, योद्धा। २ पत्तियों का महीन चूर्ण । ३ देखो 'भूसौ' । भूल-स्त्री. १ भूलने की क्रिया या भाव । २ अज्ञानता । भ्रम । भूसुर-पु० [सं०] ब्राह्मण । ३ नासमझो । ४ गलती, चूक । ५ अशुद्धि, त्रुटि । ६'अपराध | भूसो-पु. १ चारे का महीन चूर्ण । २ चोकर, चापड़ । दोष, कसूर। ७ विस्मरण । ८ पाखण्ड । ९ कमी, अभाव । मूह-देखो '5'। भूलणी (गे)-क्रि० १ यादी या स्मृति न रहना, विस्मृति | भूहर-स्त्री० आकाश में छाए रजकण, गर्द, अंधड । . होना । २ अनुरक्त या पाशक्त होना । ३ इतराना, फूलना । | भूहरणौ (बौ)-स्त्री. प्रकाश में गर्द छाना, अंधड़ माना। ४ गलती करना, त्रुटि करना। ५ भ्रम में पड़ना, भ्रमित | भूहरो, भूहार, भूहारी-१ देखो 'भ्र.। २ देखो 'भवारी' । होना । ६ भुलाना, विस्मृत करना । ७ अभ्यास छूटना । | भूहि-देखो 'भूमि' । भूलभूलैया-स्त्री०१ भ्रमित करने वाली बात । २ चक्करदार | भैइसि-देखो 'भैस'। या पेचीदी बात । ३ अधिक कक्षों एवं दरवाजों वाली | भेंच-देखो 'भीच'। इमारत जिसके बाहर जाना मुश्किल होता है। भेंठ-देखो 'भेट' । भूलिंग-पु० एक छोटा पक्षी। भेंटगणसचौथ-पु. मरहठों द्वारा गणेशचौथ पर किसानों से भूलोक-पु० [सं०] १ पृथ्वी लोक, संसार, जगत । २ मृत्यु लोक ।। वसूल किया जाने वाला कर। भूलोड़ी-वि० (स्त्री० भूलोडी) भूला हुओ । भ्रमित । भेंटणी (बी)-१ देखो 'भेटणी' (बी)। २ देखो 'भीटणी' (बी)। भूली-वि० (स्त्री० मूली) १ विस्मृत हुवा हुमा । २ भ्रम में पड़ा | भेंटदसरावी-पु० दशहरे के उपलक्ष में मरहठों द्वारा, किसानों से हमा, भ्रमित । ३ अनुरक्त या प्राशक्त। ४ गलती या त्रुटि वसूल किया जाने वाला कर। किया हमा । ५ इतरा हुमा, फूला हुआ । -पु. भेंटहोळी-स्त्री० होली पर्व पर मरहठों द्वारा लगाया गया कर १ विस्मृति । २ भूल । जो किसानों से वसूल किया जाता था। भूवंग-देखो 'भुजंग'। मेंटी-देखो 'भेटी' । भूवंतरी-पु०. एक कंद विशेष । मेंसाखवियो-पु० स्वर्णकारों का एक प्रौजार विशेष । भूवरण (रिण)-1 देखो भुवन' । २ देखो 'भवन'। भेसाद-देखो 'भैसाद'। वर-पु. एक प्रकार का घोड़ा विशेष । प्रवरियो-वि.१ गोलाकार, गोल प्राकृति का । २ देखो | सोनालिका २ देखो भे-सर्व० [सं० भवन्त] पाप । 'सुगरियो' । | भेइरवी-देखो 'भैरवी'। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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