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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाजी ( २९४ ) भुरजी-देखो ‘भुरजाळी'। भुवडंड-देखो भुजडंड'। भुरज्ज-देखो 'बुग्ज'। जवरण, भुवाणी-१ देखो 'सुवन' । २ देखो 'भवन' । -पत, पति भुरज्जाळ-१ देखो 'भुरजाळ' । २ देखो 'बुरजाळ' । _ 'भुवनपति'। भुरट-पु. १ लम्बे तण व बालों वाला एक घास विशेष । | भुवन-पृ० [सं०] १ संसार, जगत । २ पृथ्वी, भूमि । ३ जल, २ उक्त घास का कांटेदार डोडा। पानी। ४ स्वर्ग । ५ मानव जाति, मनुष्य । ६ प्राणी, भुरड-पु० ज्वार का भुट्टा। जीव । ७ तीन की सख्या । ८ चौदह की संख्या । भुरगाट-देखो 'भणणाट'।। ९ लोक । १० भवन । -क्षोमिनी-स्त्री० महाविद्या । भुरणौ (बौ)-क्रि० १ कोई वस्तु विकृत होकर धीरे-धीरे नष्ट ---गुरु-पु. जगद्गुरु । -पत, पति-पु० ईश्वर । इन्द्र । होना । २ क्षय होना। राजा, नुप । सम्राट । समुद्र ।। भुरभुर-स्त्री० एक प्रकार की घास । भुवनेस, भुवनेसर-देखो 'भुवनेस्वर' । . भुरभुरी-वि० (स्त्री भुरभुरी) कम गीला या कम चिकना । भुवनेसरी, भुवनेसी-देखो 'भुवनेस्वरी'। जिममें घी, तेल की कमी हो, फरका । भुवनेस्वर-पु० [सं० भुवनेश्वर १ शिव । शिव की एक मूर्ति भुररी-स्त्री० बाजरी की बालों पर पाने वाली फुनगी। या रूप । २ ईश्वर, परमात्मा । ३ उड़ीसा का एक तीर्थ भुरस, भुरसी-१ देखी 'भूरसी' । २ देखो 'बुरज' । स्थान । भुरियो-१ देखो भूरों' । २ देखो 'बुरौ'। भुवनेस्वरी-स्त्री० [सं०भुवनेश्वरी] १ देवी। २ दश महाविद्यानों भुलणी (बौ)-देखो भूलणी (बो)। में से एक। भुळभुळ-स्त्री० धूप में तपी हुई गरम मिट्टी। भवन-देखो 'भुवन'। भुळसरणों (बौ)-क्रि० झुलसना, जलना । भुवपत, (पति, पती, पत्त, पत्ति)-देखो 'भूपति' । भुळसाणो (बौ), भुळसावरणौ (बो)-क्रि० झुलसाना, जलाना। भुवपाळ-देखो 'भूपाळ' । भुलाडणी (बो)-देखो 'भुलाणी' (बौ)। भुवरलोक-पु० [सं० सुवर्लोक अतरिक्ष । भुलाचार-पु० भ्रम, भ्रांति । भुवरियो-वि० १ अधिक घुमावदार । २ घुघराला । भुळाणौ (बौ), भलाणो (बौ।-१ देखो 'भोळारणो' (बो)। भुवाणी (बो)-देखो 'बोवाणी' (बी)। २ देखो भुलागो' (बी)। भुवाळ-पु० १ बाल, केश । २ देखो 'भूपाळ' । भलाणी (बो)-कि. १ कोई बात, प्रसग या कार्य मस्तिष्क में | भवाळी-देखो 'भवळ । न रखना, बिसरा देना, विस्मृत कर देना । ध्यान में | भवि, भुवी-देखो 'भूमि' । न रखना। २ यादी में या कण्ठस्थ न रखना । ३ किसी | भुस-देखो भूसो' । खास बात या विषय से ध्यान बटा देना । ४ चलते काय | भुसण-पु. १ कुत्ता, श्वान । २ कुत्ते की बोली। से त्रुटि करा देना । भूल करा देना । ५ भ्रमित करना | भुसपो-वि० १ भुसने वाला । २ व्यर्थ बकने वाला। धोखे में डालना । ६ विश्वास या भुलावे में रखना । | भुरागी (बो)-क्रि० १ कुत्ते का भौंकना, भुसना। २ व्यर्थ ७ अनुरक्त या पाशक्त करना, कराना । ८ अभ्यास | बकना। छुड़ाना। | भुसाणी (बौ), भुसावरणौ (बी)-क्रि. १ कुत्ते को भौंकाना, भलापौ-पू० १ भूलने का भाव, अवस्था । २ विस्मृति ।। भौंकने के लिए प्रेरित करना । २ व्यर्थ बकवाना। ३ भ्रम, धोखा। भूसी-देखो 'भूसी'। भुळावरण (पी)-देखो 'भोळावण'। भुह, भुहर, भुहार, भुहारव-देखो 'भ्रू'। भुळावरणौ (बो)-देखो 'भोळाणी' (बी)। 'भुहि-देखो 'भूमि'। भुलावरणौ (यौ)-देखो 'भुलाणी' (बी)। भू-पु. १ रुदन की प्रावाज या ध्वनि । २ देखो 'भ्र'। भुलावनौ-वि० भुलाने वाला। भुलावी-पु० १ धोखा, भ्रम। २ विस्मृति । ३ छल, कपट । . भूइ-देखो 'भूमि'। भुल्लित-वि० भूला हमा। भूक-स्त्री० गधे के रकने की ध्वनि । भुवंग-देखो “भुजंग'। भूकरण-पु० १ गधा, खर । २ कुत्ता, श्वान । ३ कुत्ते की बोली। भुवगम-देखो 'मुजंगम'। भूकणी (बौ)-क्रि० १ गधे का रेंकना, बोलना । २ कुत्ते का भुव-देखो 'भूमि'। भौंकना । ३ व्यर्थ बकवास करना। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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