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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra भांगड़ो www.kobatirth.org भांगा - स्त्री० [सं० भंग] बिगाड़, खराबी । भांग, मांगी-देखो 'भाग' ( २७७ ) भांगड़ी-पु० १ एक प्रौषधि विशेष, भांगरा । २ देखो 'भंगेड़ी' । भांगरण - स्त्री० [सं० भंग] १ तोड़ने, भंग करने की क्रिया या भाव । २ वध, हत्या । ', भांगण - वि० [सं० मंग्] १ निवारण करने, मिटाने वाला २ विध्वंसक संहारक ३ मारने पीटने वाला । । । ४ तोड़-फोड़ करने वाला ५ खण्डित भंग करने वाला । मांगणी (ब) - क्रि० [सं० भंग्] १ तोड़ना, टुकड़े-टुकड़े करना, खण्डित करना 1 २ खर्च करना । ३ भंग करना । ४ मार-पीट करना । ५ निवारण करना, मिटाना ६ विनास करना, विध्वंस करना । ७ पराजित करना, हराना सूटना मिटाना, नष्ट करना । १० संहार करना, मारना । ११ नियम तोड़ना । १२ व्यय या खर्च करना । १३ प्रकट करना । भांगरी स्त्री० एक प्रकार की घास । मांगरी - पु० [सं० भृंगराज ] एक प्रकार का क्षुप । भांगेसुर - पु० [सं० भंगा-ईश्वर ] १ भंग । २ शिव, महादेव । ३ भंगे। भोजघड़ स्त्री० [सं० भंग घट् ] १ पशोपेश, संकल्प-विकल्प, अनिश्चितता की दशा २ विवाद चितन विचार ४ तोड़-जोड़ । ५ संकल्प । ६ सलाह । भांजणी-देखो 'भांगणों भांजणी (ब)- देखो 'भांगरणी' (बी) । भांड-पु० [सं० भंड] १ हास्यास्पद क्रियाएँ करने वाली एक याचक जाति । २ उक्त जाति का व्यक्ति । - वि० मुंहफट, बेशर्म । मांडणी (बी) - क्रि० १ बदनाम करना । २ निंदा करना । ३ प्रताड़ना देना । मी- पु० एक श्रादमकद पौधा जो श्रौषधि में काम श्राता है । भांडरति पु० कोषाध्यक्ष द्वारा भांडाई स्त्री० १ निदा करने की क्रिया या भाव। २ किया जाने वाला स्वांग रचना का कार्य । ३ निंदा । मांडाकार, भांडागार - पु० [सं० भंड + श्रागार ] कोष, खजाना । hiarifte - पु० कोषाध्यक्ष । भांडार - देखो 'भंडार' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मनो भांडेरू - वि० १ किसी कार्य को सुचारु रूप से पूरा करने वाला । २ निदक । ३ देखो 'भांड' । भांगड़ी-देखो 'भगेड़ी' । भागौ पु० १ टुकड़ा, खण्ड अंश २विघ्न, बाधा। भगत (सुन) पु० [सं० भानु सुत] यम, शनि क सुग्रीव । भांज स्त्री० १ तोड़ने-मरोड़ने की क्रिया या भाव। २ विघ्न, बाधा । ३ पंचायती । ४ विभाजन । ५ टूटन । प्रसुता स्त्री० [सं० भानुसुता ] यमुना । भाजक - वि० [सं० भंग्] भंग करने वाला, तोड़ने वाला - स्त्री० भांग -१ देखो 'भानु' । २ देखो 'भांणेज' । भांगेज (जौ) - पु० [सं० भगिनी + ज ] ( स्त्री० भांणजी, भांगेजी) बहिन का पुत्र भानजा । मांणौ- ०१ खाद्य सामग्री से युक्त भोजन का पात्र २ भोजन । ३ देखो 'भानु' | बाधा, विघ्न । भांडौ - पु० [सं० मंड] १ बड़ा पात्र, जल पात्र । २ शरीर । भांगव पु० एक प्रकार का बाथ वाद्य । भांग १ देखी 'बाण' २ देखो 'भानु' २ देखो 'बहन' भांण उगवण, भांणउगांण-पु० [सं० भानु-उदय ] सूर्योदय । भांणउगाळी-स्त्री० [सं० भानु-उदयकाल ] सूर्योदय समय । मांणकुळ-पु० सूर्यवंश । भांण कुळजा स्त्री० सूर्यवंशजा । मांण अड़ी, भांगजों पु० बहन का पुत्र । भांणनंव-पु० [सं० भानु-नंद] १ सूर्यपुत्र दानवीर करणं २ यमराज । ३ राहु । ४ सुग्रीव । ५ शनि । भोजनंदा स्वी० [सं०] भातु +नंदा] पूर्व पुत्री यमुना । भांग बंस- पु० सूर्यवंश | भरण- भांणकुळ - पु० [सं० भानुकुल भानु] १ सूर्यवंश के सूर्य श्रीराम २ ईश्वर का मांगरांणी स्त्री० [सं० भानु +राज्ञी] देवी, दुर्गा । मांणव- पु० [सं० भागव] १ काव्यकार, कवि । २ उत्तम वक्ता ३ चारणों की एक उपाधि | For Private And Personal Use Only भांत, भांतड़ली स्त्री० [सं०भाति] १ प्रकार किस्म । २ विशेष ढंग या परिरूप ३ भिन्नता ४ तुलनात्मक दृष्टि से भे अन्तर । ५ देखो 'भांति' । प्रांत पंतीलों-वि० (स्त्री० भांतभ तीली) तरह-तरह का, विभिन्न प्रकार का । प्रांतर-१ देखो 'भांत' २ देखो 'भांति' । भांति । ०१ प्रकार, तरह, किम २ चाल-ढाल रंग-ढंग ३ आचार व्यवहार की मर्यादा ४ प्रथा, रीति । ५ अनुरूप -क्रि०वि० प्रकार से तरह से मांन पु० [सं० भानं ] १ प्रकाश, रोशनी । २ ज्ञान, प्रतीति । ३] अनुभव ४ नाश, ध्वंस ५ प्राकट्य प्रकाशन, प्रादुर्भाव ६ देखो 'भानु' । भणी (ब) - देखो 'भांगरणी' (बौ) 1
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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