SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 277
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मयंगर । २७१ ) भरपो वाला। भयंगर, भयंव-देखो 'भयंकर'। कटे पौधों को, एक बार में बैलगाड़ी में भरने लायक भय-पु० [सं०] १ डर, खौफ, भीति । २ चिता, प्राशंका, मात्रा । १० बालू का टीबा । -वि०१ कुल, समस्त, सब । अनिष्ट की संभावना । ३ जोखिम । ४ बीमारी, रोग । २ पूर्ण, चरमोस्थिति में । ३ पोषक ।-क्रि०वि०४ तक - ५ अधर्म द्वारा उत्पन्न एक राक्षस । ६ द्रोण का एक पुत्र । पर्यन्त । ५ अवधि या परिमाण पर्यन्त । ६ अच्छी तरह, भयकर, भयकार-देखो 'भयंकर'। भली प्रकार से । ७ के, द्वारा, से । ८ देखो 'भेरी'। भयकारमुखी-स्त्री० [सं० भय-मुख] तोप । -वि० डरावने मुख | भरकुट, भरफूट-देखो 'भ्रकुट'। वाली, विकराल मुख वाली। भरखमो, भरखवू, भरखियो, भरखीमो-वि० (स्त्री० भरखमी). मयचक-देखो 'भंचक'। सहनशील, सहिष्णु । भयट्ठाण-पु० [सं० भयस्थान] भयप्रद स्थान । भरग, भरगु-देखो 'गु'। भडि, भडिहि-स्त्री० [सं० भ्रकुटि] भौंह । भरगुलता-देखो 'भ्रगुलता' । भयरिण (पी)-देखो 'बहन' । | भरह-स्त्री० ध्वनि विशेष । भयद-पु० [सं०] १ सूपर, वराह । २ देखो 'भयदाई'। भरड़कोट-पु० एक प्राचीन दुर्ग । भयदाई-वि० [सं०] १ डरावना, भयप्रद । २ डराने-धमकाने | भरडणी (बी)-क्रि. १ मारना, संहार करना । २ कुचलना; | रौंदना । ३ दांतों से चबाना । भयनामण (न)-वि० [सं० भय-नाशिन्] भय, प्राशंका या कम-भरड़ा-स्त्री० एक जाति विशेष। . जोरी मिटाने वाला, भयनाशक । -पु० ईश्वर, परमेश्वर । | भरडौ, भरडउ, भरतु-पु०१ उक्त जाति का व्यक्ति । २ श्वेत भयपद, भयप्रव-वि० भयानक, डरावना, खतरनाक । व स्याह रंग का घोड़ा। भयमजक, भयभजण-देखो 'भयनासण' । भरडपो (बो)-देखो 'भरड़णो' (बी)। भयभीत, भयभूत-वि० [सं०भयभीत] डरा हुमा, सहमा हुआ भरण, भरणको-वि० [सं० भृ] १ भरने वाला, परिपूर्ण करने प्राशंकित, भ्रमित । वाला । २ पालन-पोषण करने वाला ।-पु. १ भरने की भयमोचरण-देखो 'भयनासण' । क्रिया या भाव । २ पालन-पोषण । ३ क्षति पूर्ति । ४ बांस भयरव-देखो 'भैरव'। की खपचियों का बना, मनाज नापने का टोकरा । ५ मेघ, भयरवी-देखो 'भैरवी'। बादल । ६ तगारी, पात्र । ७ प्रथम गुरु के गगण का भयहर, भयहरण, भयहरता, भयहारी-वि० [स० भय+हरण] नाम । ८ देखो 'भरणी'। डर और भय का हरण करने वाला।-पु० ईश्वर, परमात्मा।। भरणनद, भरणनिवारण-पु. बादल । भयाणक, भयाणख-देखो 'भयानक'। भरणाटे, भरणाट-क्रि०वि० वेग से, तेजी से। चक्र की तरह । भयांण-पु. १ एक जाति विशेष का घोड़ा। २ देखो 'भयानक'। भरणाटी-पु०. चक्कर। भयारणउ-पु. १ एक प्रदेश का नाम । २ देखो 'भयानक' । | भरणारणो (बो)-क्रि० १ भ्रमित करना, घुमाना । २ तेज भयाणक (ख, ग)-देखो 'भयानक' । मयांगो-देखो 'भयावरणो' । घुमाना। भयान, भयानक-वि० [सं० भयानक] १ जिससे भय लगता हो, | मरणियो-वि० भरने वाला। भयप्रद, डरावना । २ प्रबल, प्रचण्ड । -पु. १ साहित्य में | भरणी-स्त्री० [सं०] १ सत्ताईस नक्षत्रों में से एक । २ एक एक रस । २ बाघ । ३ राहु । प्रकार का शुभ लग्न । ३ सांप को चीर देने वाला कीड़ा भयागर-देखो 'भयंकर'। विशेष । ४ काच, चीनी मादि का पात्र विशेष । ५ करघे भयातिसार-पु. भय के कारण होने वाला प्रतिसार रोग। की ढरकी । ६ बुनाई में बाने का सूत । भयातुर-वि० [सं०] भय से व्याकुल । भरणीजळ-स्त्री. उत्तर और ईशान के मध्य की दिशा । भयावरणौ (नौ)-वि० डरावना, खौफनाक । भरणी-पु. [सं० भरणं] १ सेवाओं के बदले दिया जाने वाला भयावह-वि० [सं०] डरावना, भयानक । द्रव्य या पदार्थ, एवजाना, मुपावजा। २ क्षति पूर्ति । भरंग-वि० अत्यन्त काला, श्याम । कमी पूति । भर-पु.१ उत्तरदायित्व, जिम्मेवारी। २ संग्रह। ३ भराव । भरणी (बो)-क्रि० [सं० भृ] १ अपेक्षित वस्तु से परिपूर्ण ४ रिक्तता का प्रभाव । ५ भार, बोझ । ६ तोल । होना, रिक्त न रहना। २ रिक्तता की पूर्ति होना, अवकाश ७ पूर्णता, यथेष्टता । ८ एक तोले का तौल । ९ तिल के न रहना । ३ हृष्ट-पुष्ट होना, पुष्ट होना । ४ रिक्त पद पर For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy