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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra बांबाळ 'बंबी' । बांभ- देखो 'भांब' । बांबाळ - देखो 'बंबाळ' । लग्गी । ७ देखो 'वास' | बांब बांबी स्त्री० १ एक लता विशेष एवं उसका फूल २ देखो बांसट देखो 'वास'। 1 www. kobatirth.org ( १९६ ) बबल-१ देखो 'ब्राह्मण' २ देखो 'भावी'। बांभी. वांभीड़ो-देखो 'भांबी' । बांम देखो 'वांम' । बांभरण- १ देखो 'ब्राह्मण' । २ देखो 'वांमन' । बांमरण गिलोतरी - स्त्री० छिपकली जाति का एक जीव विशेष । बांमरनेगी - वि० दु:खद । मा०वियों की एक शाखा । बामदेव-देखो 'वामदेव' | बांमन- १ देखो 'वांमन' । २ देखो 'ब्राह्मण' । बांग - देखो 'वांममारग' । मासुमार पु० स्वर्णकारों की एक शाखा । यांमणी - स्त्री० १ घोड़े की प्रथाल या दुम में होने वाला एक बांसोली- देखो 'वसूली' । रोग । २ 'मोठ' में लगने वाला कीड़ा विशेष । मी स्त्री० सर्प के आकार की मछली विशेष । बांगली - पु० १ बेलों का एक दोष । २ उक्त दोष वाला बैल | ३ महा[िसं० वल्मिक] ४ दीमक का बनाया मिट्टी का ढेर । बंबीठा । बांमांग - देखो 'वांमांग' | बांगा- देखो 'वांमा' । बांमी- देखो 'वांगी' । – बंद, बंध - 'वांमीबंध' । बांसी- देखो 'वामी' । बी-१ देखो 'वाह' २ देखो 'बोय' । aint - वि० [सं० वाम] (स्त्री० बांइ, बाई, बांयी) १ बायीं ओर । । का वाम २ दाहिने से उल्टा, बायें से विपरीत ३ वाम भाग में स्थित । ४ वामांगी। -पु० १ वाम-भाग, वामांग । २ बायें हाथ से बजाया जाने वाला तबला । देखो 'वाह'। बांठ- वि० खिचा खिचासा, टेढ़ा-मेढ़ा | बांबळ, बांवल, बांबळियो, बांवळौ-पु० [सं० बर्बुर] १ लंबे-लंबे कांटों वाला एक प्रसिद्ध वृक्ष विशेष, बबूल वृक्ष । २ देखी बाह'। बावळि, बांवळी - स्त्री० [सं० बर्बुर] बबूल जाति की झाड़ी । बांबी- पु० एक देश का नाम । बायो-देखो 'बायो' । बांस बांसड़ी पु० [सं० वंश ] | १ गन्ने के समान गांठदार लंबी लकड़ी जो प्रायः अन्दर से खोखली होती है । २ इस जाति की कोई लकड़ी, लाठी ३ सवा तीन गज का एक नाप । ४ रीढ़ की हड्डी । ५ लट्ठा, लाठ । ६ नाव खेने की बांसुरी, बांगुली देखो 'वंसी' । बांस बसि देखो 'वां"। बांसरी, बांसली वि० [सं० वंश ] १ यांस को, बांस संबंधी। - स्त्री० १० १ बांस की बनी वस्तु । २ देखो 'वंसी' । बांसली-देखो 'बोसो' (स्त्री० बांसली) । बांसा-१ देखो 'वांसा' २ देखो 'वा' । बांसिया- क्रि०वि० पीछे । बांसियो देखो 'बांसियों' | Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बासोड़-पु० यह नया कपड़ा जो अधिक समय तक पड़ा रह जाने के कारण कमजोर हो गया हो । बा बांसी-१ देखो 'वांसी' २ देखो 'बांस' | बांह, बांडली, बोहड़ी स्त्री० [सं० बाहः] १ मनुष्य के कंधे से कलई के बीच का अवयव, भाग भुजा, बाहु । २ पहनने का वस्त्र का मुजा पर रहने वाला भाग । प्रास्तीन। ३ सहायता, मदद। ४ वचन, वादा, श्राश्वासन । ५ मुजबल, शक्ति । , बहरा देखो 'वाहन'। | वहतोड़ ० [सं०] बाहः + त्रुटित] कुश्ती का एक दाव पेच बाहर - वि० १ स्वागत या अगवानी करने वाला । २ विश्वास पात्र । ३ जमानत देने वाला, जमानती । बहिनौ - देखो 'बहानी' । २ श्राजानबाहु | बांहि - देखो 'बांह' | बाहि-देखो 'वाहन'। बाहोळौ - देखो 'वसूली' । बांहपसाव, बांहपासाव- पु० १ लंबे हाथ बढ़ाकर परस्पर मिलने की क्रिया या भाव। २ राजा महाराजाओं द्वारा दिया जाने वाला सम्मान । बहर-देखो 'बांवर'। बांहबळ - देखो 'बाहुबळ' | बांबेली - वि० १ सहायक, मददगार । २ रक्षक, संरक्षक । बांहबोल- पु० १ वचन, वादा २ विश्वास, भरोसा । बाहमरोड़ पु० कुश्ती का एक पेच । बांहळियो-देखो 'बोहळियो' | बांहवर - वि० [सं० बाहः वरः ] वीर, वो देखो 'बाहुब बाळ बाळ बाळ वि० १ वीर शक्तिशाली पराक्रमी For Private And Personal Use Only पराक्रमी । बा- पु० १ पिता बाप | २ वृद्ध पुरुष । ३ वृद्ध पुरुषों का एक " संबोधन । ४ बच्चों का एक प्यार भरा संबोधन । ५ माता;
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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