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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बश्वोर बढ़ारणो बस्वोर-देखो 'बडबोर'। बडीसांकळी-स्त्री० एक व्रत विशेष । (जैने) बडहंस-पु० एक राग विशेष । बड़यों-देखो 'बटुक'। बहससारंग-पु० सम्पूर्ण जाति का एक राग । बउ, बनौ-देखो 'बडी'। बरहल-देखो 'बडहिल'। बडूकलियो, बडूकल्यौ-देखो 'भड़भोलो' । बडहार-पु० [सं० वड़-पाहार] १ विवाह के बाद बरात को | बंडूजा-देखो 'विडूजा' -बाह='विजाबाह'। दिया जाने वाला विशेष भोज । २ देखो 'बडहर'। बडेर-देखो 'वर'। बडहिल-स्त्री० रथ, गाड़ी आदि को धुरी, कील । बढेरौ-वि० (स्त्री० बडेरी) १ महान्, श्रेष्ठ । २ मुख्य, प्रधान । बडांबडी-स्त्री. देवी, दुर्गा । ३ वृद्ध, दाना । ४ बड़ा, ज्येष्ठ । ५ प्रायु के हिसाब से या बहाई-स्त्री. १ बड़प्पन की भावना । २ गुणों की श्रेष्ठता, रिश्ते या पद में बड़ा । -पु. १ पितामह, प्रपितामह, महत्ता । ३ तारीफ, प्रशंसा। ४ यश, कीर्ति, प्रतिष्ठा । पूर्वज । २ परिवार का वृद्ध पुरुष । ३ बड़ा भाई । ५ महिमा, प्रभाव । ६ भादर । ७ प्रभिमान, गर्व । ४ परिवार का वरिष्ठ सदस्य। ८ देखो 'बढ़ई'। बडोड़ो, बडो. बडोड़ो-वि० [सं०बड़ (स्त्री० बडी, बडोड़ी) बाणी (बौ)-१ देखो 'बढ़ाणी' (बौ)। २ देखो 'बधाणो' (बौ)। १ प्रायु में बड़ा, ज्येष्ठ । २ अग्रज । ३ पूर्वज, पुरखा। बडातत-पु० [सं० वडू-तत्त्व] महतत्त्व । बुद्धितत्त्व ४ पद या रिश्ते में बड़ा । ५ महान्, श्रेष्ठ । ६ उत्तम । बडादिन-पु० [सं० वड-दिन] १ पर्व या त्यौहार का दिन । - ७ समर्थ, प्रबल । ८ जबरदस्त, जोरदार । ९ महत्वपूर्ण । २.२५ दिसम्बर का दिन । १० सम्मानित । ११ सम्पन्न । १२ विशाल, विस्तृत । बापण (परणो)-देखो 'बडप्पण' । १३ दीर्घ, बड़ा । १४ अत्यधिक, बहुत । १५ अद्भुत, बडाबोल-देखो 'बडबोल'। अनौखा । १६ बुझा हुमा (दीपक) । १७ खण्डित । बडारण-देखो 'वडारण'। -पु० ब्राह्मण। बसळ-१ देखो 'वडाळ' । २ देखो 'बडी' । बडौराग-पु० वीर रस पूर्ण राग, सिंधु राग । बाळभुजाळ-वि० १ सर्व-समर्थ, ईश्वर । २ विशाल भुजामों बडोवेस-पु० विवाह के समय वधू के लिये बनाई गई विशिष्ट वाला, प्राजानुबाहु । ३ समर्थ, सक्षम । | पोशाक। बडाळी-१ देखो 'वडाळ' । २ देखो 'बडी' । (स्त्री० बडाळी) |बडो-देखो 'बडौं । बडिम, बडिमि-देखो 'बडम'। बढ़-वि० [सं० वधित] १ बढ़ा हुमा, उन्नत । २ अधिक, ज्यादा । बडियो-पु० वट वृक्ष का फल । [सं० वठरः] ३ मूर्ख । ४ देखो 'बाढ़' । बडिस-देखो 'वडिस'। बढ़ई-पु० [सं० वर्षकि] १ लकड़ी का इमारती सामान पादि बडी-स्त्री० [सं०वड] १ किसी व्यक्ति की दो स्त्रियों में से प्रथम बनाने वाली जाति । २ इस जाति का कोई व्यक्ति, सुथार, विवाहिता स्त्री, प्रध्यूढा, प्रधिविन्ना। २ ताई। ३ देखो। खाती । ३ लकड़ी का कारीगर । 'बडी' (स्त्री०)। -इलायची-स्त्री० पूर्ण पकी इलायची। बढ़को-देखो 'बडको'। गरम मसाले में डाली जाने वाली डोडा इलायची। इस बढ़चीत-देखो 'वडचीत'। इलायची का पेड़। -जान-स्त्री० बरातियों को दिया | बदरणी (बी)-क्रि० [सं० वर्धनम्] १ वीर गति प्राप्त होना, जाने वाला एक भोज विशेष । -तीज-स्त्री० भादव के शहीद होना । २ समाप्त होना, मिटना । ३ टुकड़े होना, कृष्ण पक्ष की तृतीया। -वाक-स्त्री० मुनक्का दाख । कटना। ४ युद्ध किया जाना। ५ अपने स्थान से कटना । बडोनीत-स्त्री. दीर्घ शंका निवारण की क्रिया । (जैन) ६ देखो 'बधणी' (बौ)। बडीबलाय-स्त्री. १ महान उलझन या झंझट वाला कार्य । बढ़वार-वि० [सं० वडू-वार] भाग्यशाली, योग्य । -पु. २ बड़ी विपत्ति । -पु० ३ पुण्य जन, पुण्य पुरुष । ४ दानव झड़बेरी का पौधा। दैत्य । ५ यक्ष । -वि० १ समर्थ, शक्तिशाली । २ महान् । बढ़हर-देखों 'वडहर'। बडीमा, बडीमाता-स्त्री०१ शीतला माता, चेचक । २ मां की बढ़हार-देखो 'वडहार। जेठानी, ताई। बढ़ारणी (बी)-क्रि० १ मरवाना । २ मिटवाना, समाप्त कराना। बडीराई-स्त्री० १ लाल रंग की सरसों विशेष । २ इस सरसों ३ कटवाना, टुकड़े करवाना। ४चिरवाना५ युद्ध कराना। का पौधा। | ६ देखो 'बधाणो' (बी)। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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