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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बकट बकाई बकट-देखो विकट' । बकरियो-पु. बकरी का बच्चा । छोटा बकरा । बकरणी-स्त्री० बकने की क्रिया या भाव । बकरी-त्री० दो थन बाला दूधारू, छोटा चौपाया मादा पशु । बकरणौ (बी)-क्रि० [सं० वच्] १ कहना, बोलना । २ उपदेश बकरीद-देखो 'बकरा ईद' । देना । ३ अधिक बोलना, व्यर्थ बकना । ४ हल्ला करना, बकरी-पु० [सं० वर्कर] (स्त्री० बकरी) लम्बे बालों व दो चिल्लाना । ५ अचेतन अवस्था में बड़बड़ाना । ६ प्रलाप सींगों वाला चौपाया छोटा जानवर । बकरा। करना, बड़बड़ाना । ७ विलाप करना , रुदन करना । बकवती-स्त्री० [सं०] एक प्राचीन नदी । बकत-१ देखो 'बखत' । २ देखो 'वक्त' । बकवाद-स्त्री० [सं० वच्+वाद] १ व्यर्थ बोलने या बकने की बकतर-देखो 'बखतर' । क्रिया या भाव । २ सारहीन बात, प्रलाप। ३ व्यर्थ का बकता-देखो 'वक्ता'। वाद-विवाद । ४ विवाद, हुज्जत । ५ शेखी, डींग । बकतावर-देखो 'बखनाबर'। ६ भागड़ा, तकरार। बकत्तर-देखो 'बखतर'। बकवावी-वि० १ व्यर्थ बोलने वाला, बकने वाला । २ प्रलापी। बकत्तावर-देखो 'बखतावर'। ३ विवादी । ४ शेखी मारने वाला, डींग हांकने वाला। बकत्र-देखो 'वकत्र'। बकवास-देखो 'बकवाद'। बकध्यान-पु० [सं० बक-ध्यान] बगुले की तरह का दिखावटी बकवती, बकवत्ती-वि० [सं० बकवृत्ति] १ बुगले के समान ध्यान, ढोंग, पाखण्ड । अपने शिकार की ताक में शांत बैठने वाला । २ मौका बकध्यांनी-वि० [सं०] १ ढोंगी, पाखण्डो। २ छली, कपटी, धूर्त । पाकर घात करने वाला। ३ ढोंगी, पाखण्डी, छलिया । बकपंचक-स्त्री० [सं०] कात्तिक शुक्ला ग्यारस से पूर्णमासी -पु० उक्त प्रकार के चरित्र वाला व्यक्ति । तक की तिथियां। बकस-१ देखो 'बक्स'। २ देखो 'वक्ष' । बकबक-देखो 'बकझक' । . बकसरणी (बी)-क्रि० [फा० बख्श] १क्षमा करना, माफ करना। बकबकरणो (बी)-देखो 'बकरणौ' बो)। २ इनायत करना, पुरस्कार देना । ३ दया पूर्वक छोड़ बकबाद-देखो 'बकवाद' । देना, मुक्त करना । ४ देना, वितरण करना । बकमारण-पु० [सं०] १ बकासुर को मारने वाले, श्रीकृष्ण । बकसारणी (बी), बकसावरणौ (बी)-क्रि. १ क्षमा कराना, माफ २ भीम। कराना । २ इनायत कराना, पुरस्कार दिलाना । ३ दया बकमौन-देखो 'वकध्यांन'। बकमौनी-देखो 'बकध्यांनी' । पूर्वक छुड़ा देना, मुक्त कराना । ४ वितरण कराना। बकयंबलि-स्त्री० एक वृक्ष विशेष । बकसी-पु० [फा० बख्शी] शाही सेना का प्रमुख अधिकारी जो बकयली-स्त्री. एक वक्ष विशेष । सेना के कार्यों के प्रति उत्तरदायी रहता था और सैनिक बकर-पु० [अ०] १ गाय । २ देखो 'बकरौ' । गति-विधियों में बादशाह को परामर्श देता था। बकरकसाई-वि० [अ० बकर-कस्साव] गौ वधिक, गौ हिंसक । बकसोजागीर-पु. १ जागीर की व्यवस्था या प्रबन्ध का महकमा। बकरडौ-देखो 'बकरौ। २ इस विभाग का अधिकारी। बकरणो (बी)-क्रि० १ अपनी ग़लती या भूल कबूल करना, | बकसीफौज-पू०१ सेना की व्यवस्था व प्रबंध वाला महमा । मानना । २ गुप्त बात कहना, भेद प्रकट करना। ३ मुश्किल २ इस विभाग का अधिकारी। से सत्य बोलना । ४ बोलना, चिल्लाना। बकसीस-स्त्री० [फा० बख्शिश] १ दान । २ इनाम, पुरस्कार, बकराईद-पु० [अ०] एक मुस्लिम त्यौहार । इनायत । ३ देने की क्रिया । ४ प्रस्तुत करने की क्रिया । बकराड़ियो-पु० बकरी या भेड़ के बच्चों को रखने का स्थान । बकारण, बकांरिण, बकारणी-पू०१ एक प्राचीन देश । २ देखो बकरारणी (बो)-क्रि० १ गलती मंजूर करवाना, भूल कबूलवाना। 'बकायन' । ३ देखो 'बखाण' । २ गुप्त बात या भेद प्रकट कराना। ३ सत्य बुलवाना । बकांनी-स्त्री० १ दाढ़ी के बालों को ठीक जमाये रखने के लिये ४ बुलवाना, चिल्लाटी कराना । बांधी जाने वाली कपड़े की एक पट्टी । २ ऐसी पट्टी बांधने बकराबाव-पु० एक प्रकार का सरकारी कर । की क्रिया। बकराळ, बकराळो-देखो 'विकराळ' । बकाइन-देखो 'बकायन'। बकरिपु-पु० [सं०] १ बकासुर का शत्रु, भीम । २ श्रीकृष्ण। बकाई-स्त्री० हकला कर बोलने की क्रिया, हकलाहट । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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