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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra फूलनसो www. kobatirth.org ( १५० ) फूलनसौ - पु० १ हल्का नशा । २ फूल नामक शराब का नशा । फूलपगर पु० १ प्रकार का वस्त्र २ पुष्प समूह । फूलप्रियंगू - पु० एक श्रौषधि विशेष । फूलफगर देखो 'कुलपगर' । - फूलबाई [स्त्री० मेहा की पुत्री व करणीदेवी की बहन । फूल बाज-पु० नट जाति की एक शाखा । मा० सफेद ताल मखाना । o फूलमती जी० शीतला रोग की अधिष्ठायी एक देवी । फूलमहल - पु० [फा०] १ राजा महाराजानों का एक महल । जिसमें चित्रकारी की होती । २ भोग विलास का महल, रंग महल । फूलरी - स्त्री० १ सफेद रंग की या सफेद कानों वाली बकरी । २ देखो 'फूलड़ी' । फूलवाड़ी-देखो 'फुलवाड़ी' । फूलहत्य, फूलहब स्वी० तलवार फुलहरी - पु० शुभ रंग का घोड़ा । फूलहाथ - देखो 'फूलहत्य' । फूल देखो 'फूलबाई' | - पु० १ फूल की गठरी २ ढेर, समूह फूलसिज स्त्री० पुष्प शय्या फुलाला (बो) - देखो 'फुलाणी' (बी) । फूलाव देखो 'फुलवाद'। फुलांमाळ (माळा ) - १ देखो 'फूलमाळ' । २ देखो 'फूलमाळा' । फुलांरोमारी वि० १ अमीर, भाग्यशाली २ कोमल नाजुक । | फुलावणी (बौ) - देखो 'फुलाणी' ( बौ) । फूलि - १ देखो 'फूल' । २ देखो 'फूली' । फूलियो १ देखो 'फूल' २ देखो 'फूल' । । फूली - स्त्री० १ आक या मदार के फूल का मध्य भाग । २ आंख की पुतली पर होने वाला सफेद दाग । ३ सिर का एक श्राभूषण । ४ भुनी हुई ज्वार, मक्का, चावल, खीरा, लावा । ५ एक प्रकार का शाक। ६ देखो 'फूल'। ७ देखो 'फहली'। फूलेरी - पु० [सं० पुष्पमू वेला ] विवाहित कन्या के प्रथम रजो दर्शन की शुद्धि पर उसकी माता द्वारा मनाया जाने वाला उत्सव । फूलेल - देखो फुलेल' | फूलो- पु० १ प्रांख की पुतली पर पड़ने वाला सफेद दाग । २ खोला लावा देखो 'फूल' ४ फिटकरी, गोंद प्रादि को प्रांच पर भुनने से फूला हुआ दाना । फूस- पु० १ सूखा तिनका तृण । २ कचरा, कूड़ा करकट । फेंक देखो 'फँक' । फेंकणी (बौ)- देखो 'फेंकरणी' (बो) । फेंकल-देखो 'फेकल' । फूसगज - पु० पौष की पूर्णिमा के दिन घास-फूस का बनाया जाने वाला हाथी । फूह-देखो 'फूस' । फूहड़ (ड), फूहड-देखो 'फू' । फूहलि, फूहली - स्त्री० बहन की राखी प्राप्त होने पर भाई द्वारा बहन को भेजी जाने वाली पौशाक । फहारी देखी पंवारों । फूहौ - देखो 'फू' बौ' । फॅ-देखो 'फै'। फूलाळ, फूलाळौ - वि० (स्त्री० फूलाळी) फूलोंवाला, फूत्रों फेकळ- पु० कच्चा पीलू | से प्राच्छादित । फॅारण (बो), कावली (बी) देखो 'फेंकाणी' (बो) 1 फॅगळ - पु० फेन, भाग | Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फेंट-स्त्री० ० १ मल्ल युद्ध का एक दाव २ कटि प्रदेश, कमर का घेरा । ३ देखो 'फांट' । ४ देखो 'फैंटो' । ५ देखो 'फेंटो' । फेंटर (ब) - क्रि०१ लपेटना, बांधना । २ देखो 'फांटणी' (बौं) । फॅटो - पु० १ कमर पर लपेटकर बांधने के वस्त्र का छोर । २ देखो 'फैंटो' । फेफडो-देखो फेफड़ों । फे- पु० १ भ्रमरण । २ रट, जाप । फेकरी स्त्री० स्यालिनी । 1 फेटी फेकारी - स्त्री० १ एक वृक्ष विशेष । २ देखो 'फेकरी' । फेज- देखो 'फैज' । चपेट | फेट स्त्री० १ टक्कर, धक्का, प्राघात । २ झपट, ३ चोट । ४ हष्ट-पथ में होने की दशा या भाव। ५ किसी प्रासुरी माया या प्रेत बाधा का प्रभाव ६ अन्तराय, विघ्न । ७ नाश, ध्वंस | फेटो (ब) - क्रि० १ टक्कर, धक्का, झटका लगना । २ दृष्टि गोचर होना । ३ किसी आसुरी माया के प्रभाव में आना । ४ साक्षात्कार होना । फेडियो पु० १ पायरे के नीचे पहनने का लंबा व २ विधवा स्त्रियों का, एक रंग विशेष का अधोवस्त्र । ३ कमर पर लपेटने का वस्त्र | For Private And Personal Use Only फेटो - पु० १ किसी स्थान विशेष पर आने-जाने का मभ्यास या श्रवसर । २ भेंट, मिलाप, साक्षात्कार । ३ अधिक घूमने फिरने की क्रिया अवस्था या भाव। ४ दूरी का चक्कर, घुमाव । ५ देखो 'फैंटो' ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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