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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org फोरणाबाटी । १४५ ) फुरणांफेर कोणाबाटी, फोणारोटी-स्त्री० घी का संपुट देकर दुबारा बेली फुककार, फुफकारौ-देखो फूकार'। हुई अधिक परतों वाली रोटी विशेष । | फुफाडो-देखो फूफ़ ड़ो' । कोणी-स्त्री० [सं० फेनिका] १ स्त्रियों के नाक का छोटा फुबी-स्त्री० [सं० पृथ्वी] १ वर्षा ऋतु में होने वाला एक प्राभूषण, कांटा । २. मेदे के तंतु का गोल गुच्छा बना कर भू-फोड़ । २ देखो 'फूभी' । तैयार की जाने वाली मिठाई विशेष । फुबौ-पु० [देश॰] रुई का लच्छा या वस्त्र खण्ड । फीरणी-पु० [देश॰] रहट में लगने वाला लकड़ी का गुटका फुवार- १ देखो ‘फंवार' । २ देखो 'फवारौ' । विशेष । फुवारी-देखो 'फवारो'। फीत-स्त्री० [फा०] १ सेना या पुलिस कर्मियों को तरक्की पर | फु सहलि-स्त्री० एक वनस्पति विशेष ।। दिया जाने वाला चिह्न । २ देखो 'फीतो' । फुसी-स्त्री० [सं० पन सिका] छोटा फोड़ा, फुसी । फीतउ-वि० [सं० स्फीत] समर्थ, शक्तिशाली । फुहार-देखो' फंवार' । फीती-पु० [पुर्त० फीता] १ सूत प्रादि की पतली लम्बी पटी।। फुहारो-देखो 'फंवारी'। २ लंबाई नापने का फीता, टेप । ३ चौडी पटी का गोटा। कु-पु०१ कात्तिक मास । २ कृतज्ञता । ३ गुण । ४ विलम्ब । ४ कपड़े की लम्बी पट्टी। फुग्रारो-देखो 'फवारो'। फीदो-वि० [देश॰] खोखला । फुकनीबाज-वि० बकवास करनेवाला, व्यर्थ बकने वाला। फीनसताई-स्त्री० तारीफ, प्रशंसा । फुकार- १ देखो 'पुकार' । २ देखो 'फूकार'। फीफर, फीफरउ, फीफरड, फीफरियू. फीफरो-देखो 'फेफड़ो' ।। फुगतरो-पु० [देश॰] १ छिलका। २ छिलके का टुकड़ा । फीयो-देखो 'फियो' । ३ चमड़ा। फीरोजी, फीरोजौ-देखो 'फिरोजो' । फुडकली-देखो 'फिरकी'। फील-पु० [फा०] १ हाथी, गज । २ एक प्रकार का बाण । फुटकर-वि० १ अलग, पृथक । २ भिन्न प्रकार का, कई मेल का। -खांनो-पु. हस्तिशाला । -चराई, चरावणी-स्त्री० ३ जो थोक में न हो, परचून । ४ छोटी-छोटी इकाइयों हाथी को चराने का कर । वाला। कोलवांन-पु० [फा०] महावत, हाथीवान । फुटबाल-स्त्री० [अं॰] परों से खेलने वाली बड़ो गेंद । फीळाउगाड़, फोळाउघाड़-देखो ‘फलसाउघाड़' । फुटरो-देखो 'फूटरौ' । फोहो-देखो 'फियो। फट्टणी (बो)-देखो 'फूटणी' (बौ)। कुपारी-देखो 'फंवारों'। फुड, फुडवि, कुडियो, फुडौ-वि० [सं० स्फुट] १ प्रगट, साफ, फुकणी (बो)-देखो 'फूकणी' (बौ) । स्पष्ट । २ हृष्ट-पुष्ट । ३ एकाक्षी, काना । -पु० १ यवन । फुकारणी (बी)-क्रि० १ मुह से फूक निकलवाना । २ फूकने २ उपस्थ। की क्रिया कराना। ३ मंत्रादि पढ़कर झाड़ फूक कराना, | फणद, फणंद्र-देखो 'फणींद'। तांत्रिक उपचार कराना । ४ जलवाना, भस्म कराना । फुण-पु० १ पवन । २ देखो ‘फरण' । ३ देखो 'फुणो' । ५ दाह संस्कार करामा । ६ नष्ट कराना, नाश कराना। फुणकली, फुणकलो-पु० छोटा फोड़ा, फुसी। ७ किसी धातु की रासायनिक क्रिया से भस्म बनवाना । फुणकार, फुरणकारी-१ देखो 'फणकार' । २ देखो 'फरणकारो'। ८ सताने के लिये प्रेरित करना। ९ फूक वाद्य बजवाना । | ३ देखो 'फूकार' । फुकार-देखो 'कार'। फुरणगळ-देखो ‘फुरणकली'। कुंकावरणौ (बो)-देखो 'फुकारणो' (बौ) । फुडसरण-पु० [सं० फरण-दंश सर्प, सांप । फुणाळ-देखो 'फणाळी' । फुरणद-देखो 'फरणींद'। कुणौ-देखो 'फुणो'। फुरणधर-देखो 'फणधर'। फुतरको-देखो 'फूतरौ'। फुरणली-स्त्री० मादा सर्प, सर्पिणी, नागिन । फुद-देखो 'फौंद'। फुरणसहस-देखो 'सहसफुण' । फबळ,फुबल,फ दाळ, दाल,फुदाळी,दालो-देखो 'फ़ौंदाळी' । फुरणसी-देखो 'फुसी'। फुदो-देखो 'फूदी'। फणापति, फरणापति-१ देखो 'फणपति' । २ देखो 'फरिणपति' । फुदो-देखो 'फू'दो'। फुरणांफेर-पु० [सं० फण+रा० फेर] शेषनाग । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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