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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra फटरपो www.kobatirth.org फटणी (बौ) - १ देखो 'फाटणी' (बौ) । २ देखो 'फंटणी' (बौ) । फटफट- देखो 'फटाफट' | ( m ) 4 फटफटाणी (बौ) - क्रि० १ फड़फड़ाना । २ पक्षियों का परों के पर पशुओं का कानों को झटका देना । ३ फट फट ध्वनि करना । फटफटियो - वि० व्यर्थं बकने वाला। फटा पु० [सं० स्फटा ] सांप का फन । फटाक - क्रि०वि० शीघ्र, तुरंत । फटाको देवो पटाको' । -पु० मोटर साईकिल । फटाफट क्रि० वि० १ शीघ्र, तुरंत । २ निरंतर, लगातार । -स्त्री० ध्वनि विशेष । फडियाळ-देखो 'पडियाळ' | 1 फटि देखो 'फिट' | फटिक देखो 'स्फटिक' । फटिकमरिण देखो 'स्फटिकमरिण' । फटित देखी 'स्फटिव' । फूटने की ४ चोट, फटीड़, फटोड़ी-पु० हवा वास भरी वस्तु के श्रावाज । २ थप्पड़, चांटा । ३ चांटे की ध्वनि । आघात की ध्वनि । ५ वस्तु के गिरने की ध्वनि । फट्टणी (बी-१ देखो 'फाटणी' (बी) । २ देखो 'फंटरणी' (बी) । फड - देखो 'फड़' | फडड, फडडाट--देखो 'फड़ड़ाट' | फडद - १ देखो 'फड़द' । २ देखो 'फरहद' | फडफड - देखो 'फड़फड़' । फडहर देखो 'फाट फडियो, फडीयौ देखो 'फड़ियो' । फलं० [सं० फरिन + अंग] शेषनाग | करण - पु० [सं० फरण] सांप का मुख ठोडी, फन । —कर - पु० साप - मंडप पु० फन का फैलाव, या विस्तार । फणकार, फणकारौ स्त्री० १ बेल या घोड़े को चलाते समय अभीष्ट दिशा में मोहने के लिये रात या लगाम का जाने वाला झटका । २ सांप की फुफकार । ३ पशुओं के सांस लेने की क्रिया । ४ उक्त क्रिया से उत्पन्न ध्वनि । फणकारणी (बी) १ बैलों की रास या घोड़े की लगाम का झटका देना । २ फुफकारना । ३ पशुनों द्वारा श्वास लेना । ० फरगट- देखो 'फरगट' । फरगटो-देखो 'फागोटी Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फणगर स्त्री० ० १ पर, पंख [सं० फरिणधर ] २ सांप, नाग । फरगगरी स्त्री० शाक विशेष । फणगी - पु० पतंगा । फरणधर वि० [सं० फलधारिन्] फनवाला कधारी पु० १ सांप । २ शेषनाग | - 3 , रंगति फणपती स्त्री० [सं० पंक्ति पानों की पंक्ति । फणपत ( पति पति पती, पत्त, पति, पत्ती) - ० [सं०फा-पति] १ सर्प सांप २ देखो 'फणिपति' । 1 फतवा फणफण - स्त्री० १ तीर, पत्थर आदि तेज गति से चलने से उत्पन्न ध्वनि । २ उद्दण्डता, बदमाशी । ३ तुनतुनाहट । फणमंडप पु० [सं०] फल मण्डप ] सर्प का फैला हुआ फल फरणमाळ - स्त्री० [सं० फरण माल ] शेषनाग । फणस - स्त्री० [सं० पनस] कटहल का वृक्ष और उसका फल । फणसहस देखो 'सहरुफणधार महसफलधार फणाकार - पु० [सं० करण - प्रकार ] १ सर्प का फन । २ सर्प, सांप, शेषनाग । फडहटीया स्त्री० एक व्यावसायिक जाति । फडली (बी) १ देखो 'फड़णी' (बो) । - देखो 'फड़हड़णी' (बी) । २ देखो फरिणयास पु० शृंगार में एक प्रासन का नाम । 'फड़फड़णी' (बौ) । फणिफेन पु० [सं० फखिन्नः ] अफीम फडडा देखो 'फडाट । फणिराज - पु० [सं० फणिन् - राज ] १ शेषनाग । २ वासुकिनाग । फणींद, फणींद-पु० [सं० फणींद्र ] १ शेषनाग । २ नागराज वासुकि । ३ सर्प । ४ एक प्रकार का वृक्ष विशेष । फणी - पु० [सं० फरिणन् ] १ सांप, सर्प । २ शेषनाग । ३ एक प्रकार का बिना पत्तों का भू-फोड़ । ४ टगरण के पांचवें भेद फणाधर देखो 'फरणधर' | फरपाळी, फणाळौ - वि० फनधारी । पु० १ शेषनाग । २ सर्प सप फलिय-देखो 'फणींद फरिण - पु० १ रागरण के प्रथम भेद गुरु का नाम । २ देखो 'फणी' | फणिजकुमारी स्त्री० [सं० फरिणजकुमारिका ] नाग कन्या । फणिपति पु० [सं० फरिणन्पतिः] १ शेषनाग, नागराज २ वासुकि नाग । का नाम । फणीधर देखो 'फसवर कणीस पु० [सं० फणीश] १ शेषनाग २ सर्पसच फर्णजा - सर्व० आपका अपना । फली-देखो 'फु' | फल- देखो 'फतह' फतन देखो 'फित For Private And Personal Use Only फतवा - पु० [० फतवः] मुसलमान धर्माचार्य द्वारा किसी विवाद का लिखित निर्णय ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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