SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 700
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धणियांणी । ६९१ ) धनंतरजी धणियांणी-स्त्री० [सं० धनिका] १ स्वामिनी । २ अधिष्ठात, धतूरी-पु० जहरीले एवं नशीले बीजों वाला एक पौधा विशेष । देवी । ३ मातां । ४ स्त्री, गृहिणी। धती-पु. १ धोखा, छल । २ झांसा, झूठा आश्वासन । धरिणया-देखो 'धारणा'। ३ अविश्वास । धरिणयाप (परण,पौ)- स्त्री० [सं० धनिक] १ स्वामित्व, मालि- धत्त-देखो 'धत' । काना हक । २ अधिकार, वश । ३ कृपा, दया, | धत्ता-देखो 'धता'। -नंद='धतानंद' । महरबानी । धत्त र, धत्त रउ, धत्त रियउ, धत्त रौ-देखो 'धतुरौ' । धणियाळी-वि० सौभाग्यवती। धत्तो-देखो 'धत्तौ'। धरणी-पु० [सं० धनिक] (स्त्री० धणियांणी) १ ईश्वर, धधक-स्त्री० १ अग्नि का प्रज्वलन, आग की लौ, लपट । परमात्मा । २ स्वामी,मालिक । ३ पति, खाविंद । ४ राजा २ क्रोध । ३ अावेश, जोश । ४ दुर्गन्ध, बदबू । नप। ५ शासक । ६ देखो 'धनु'। ७ देखो 'धनी'। धधकणौ (बौ)-क्रि० १ अग्नि का प्रज्वलित होना, लपट या लो -चोधार-पु. राजा, नृप। -धोरी-पु० स्वामी, मालिक उठना । २ क्रुद्ध होना। ३ आवेश या जोश पाना । कर्ता-धर्ता । ४ सड़ना, दुर्गंध या बदबू देना। धरणीप-देखो 'धणियाप'। धधकाणी (बौ)-क्रि. १ प्राग को प्रज्वलित करना, जलाना। धणीमाळ-पु० [सं० धनिक-माल] राजा, नृप । २ क्रोध दिलाना। ३ जोश दिलाना। ४ सड़ाना, बदबू धरणीमो-वि० [सं० धन्यवयाः] बढ़िया, उत्तम । फैलाना। धरणीयांणी-देखो 'धणियांणी'। धधकारणो (बौ)-क्रि० १ उत्तेजित करना । २ प्रेरित करना । धणीयाप-देखो 'धणियाप' । ३ हांकना । ४ देखो 'दुत्कारणों' (बी)। धणीवउ-वि० [सं० धन्यवया:] १ दीर्घजीवी। २ जिसका धधकावणी (बौ)-देखो 'धधकाणी' (बौ)। जीवन सफल एवं धन्य हो। धधक्करणौ (बौ)-देखो 'धधकरणी' (बौ)। धणीव्रत-पु० [स० धनिक-व्रत] स्वामित्व, मालिकपन । धधमा-वि० १ बेडौल, विडरूप । २ मोटी-ताजी। धणु, धणु, धणुहु-१ देखो 'धनु' । २ देखो 'धारणा'। धधियो-पु० 'ध' वर्ण। धणुहरु-पु० [सं० धनुर्धर धनुर्धर । अधूकरणौ. (बो)-क्रि० कांपना, थर्राना। धणुहि (हो)-देखो 'धनु' । धधूकारणों (बौ), धधूकावणी (बी)-क्रि० कंपाना, थरथराना । धरणं-पु० १ देखो 'धारणा' । २ देखो 'धनु' । धधूणरणी (बी)-क्रि० १ जोर से हिलाना, झकझोरना, झटका धरणी-पु० [सं० धान्या] धनिया का पौधा व उसका बीज । देना। २ हराना, पराजित करना। धत-स्त्री० १ हठ, जिद्द । २ बुरी बान, आदत । ३ कोई बात | धधूणी-स्त्री० १ पकड़ कर जोर से हिलाने की क्रिया या भाव । जो दिमाग में जम जाय । ४ देखो 'दुत'। -अव्य. २ हार, पराजय । ३ झटका । धधौ-पु० [सं० ध] 'ध' अक्षर, धकार । १ दुत्कारने का शब्द । २ हाथी का एक संबोधन । -वि० धनंक-देखो 'धनुस'। मस्त, उन्मत्त । नशे में चूर । धनंककंध-पु० [सं० धनुष+स्कंध] धनुषाकार कंधे वाला धतकार-देखो 'दुत्कार'। घोड़ा। धतकारणी (बौ)-देखो 'दुत्कारणी' (बो)। धनंकी-देखो 'धांनकी'। धतराठ, धतरासट, धतरास्ट-पु० [सं० धृतराष्ट्र] कौरवों का | धनख-देखो 'धनुस'। पिता, धृतराष्ट्र। धनंजय, (धनंज)-पु० [सं०] १ अर्जुन का एक मामान्तर । धता-स्त्री० १ हाथी को उत्साहित करने का शब्द । २ एक २ अर्जुन नामक वृक्ष । ३ अग्नि की एक उपाधि । मात्रिक छन्द विशेष । ४ अग्नि, आग । ५ विष्णु । ६ जलाशयों का अधीश्वर एक धतानंद-पु० एक मात्रिक छन्द विशेष । नाग । ७ शरीरस्थ दश वायुओं में से एक । ८ पवन। -वि. धती-वि० दुराग्रही, जिद्दी। धन को जीतने वाला । धन प्राप्त करने वाला। धनंतर-पु० [सं० धन्वतरि] १ देवताओं का वैद्य । २ चौबीम धतूरो-देखो 'धतूरौ'। अवतारों में से एक। ३ चिकित्सा का अधिष्ठाता देव । धतुर-पु० १ एक लोक गीत विशेष । २ देखो 'धतूरौ' । ४ देखो 'धनेर'। धतूरउ-देखो 'धतूरौ'। | धनंतरजी-१ देखो 'धंतरजी' । २ देखो 'धनंतर' । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy