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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org द्वमग्रह ( ६८५ ) द्रु मग्रह-पु. देवल । द्रोह-पु० [सं०] १ प्रतिहिंसा, वैर । २ ईर्ष्या, जलन, द्वेष । तुमची-देखो 'दुमची'। ३ अहित चिंतन । ४ उत्पात, उपद्रव, विप्लव । ५ विद्रोह । द्र मभूप-पु० [सं०] वसंत । ६ अपराध । ७ विरोध । द्र मसार-पु० [सं०] फूल । द्रोही-वि० [सं० द्रोहिन] विद्रोह करने वाला, उत्पात मचाने द्रमामय-स्त्री० लाख, लाक्षा। वाला । ईर्ष्या करने वाला। -पु० शत्रु, वैरी। द्र मारि-पु० [सं०] हाथी, गज । द्रौरिण-देखो 'द्रोरिण' । द्र मालय-पु० [सं०] जंगल, वन । द्रौपत, द्रौपद-पु० [सं० द्रौपद] १ राजा द्र पद का पुत्र । द्र मिल-पु० [सं०] १ नो योगेश्वरों में से एक । २ एक छन्द | २ देखो 'द्रौपदी'। विशेष । द्रौपदी (अ)-स्त्री० [सं०] राजा द्रुपद की पुत्री व पांडवों की द्र मिला-पु० [सं०] एक मात्रिक छन्द विशेष । स्त्री, कृष्णा । -वि. कृष्ण, काली, श्याम*। द्रम्म-देखो 'द्र म'। द्रौपदेय-पु० [सं०] द्रौपदी का पुत्र । द्र यमणि-स्त्री० रुक्मिणी। द्रौह-देखो 'द्रोह' । द्रुहिण-देखो 'दुहिरण'। द्वंद, द्वंद्व-देखो 'दु'द'। द्रठ, (ठि,ठी)-देखो 'द्रस्टि'। द्वंद्वचारी-पु० [सं०] चकवापक्षी । द्रेहड़-देखो 'द्रह। द्वद्वज-पु० [सं०] १ राग द्वेष से उत्पन्न मनोवृत्ति। २ त्रिदोष से द्रोंगी-वि० हतभागिनी, अभागिन । उत्पन्न रोग। द्रोण-पु० [सं० द्रोण] १ चार सो बांस लंबी झील । २ जल से | द्वंद्वर, द्वंध-देखो 'दुद' । भरा बादल । ३ वनकाक। ४ बिच्छु । ५ वृक्ष । ६ सफेद द्वद्वजुध-पु. दो योद्धाओं का युद्ध, कुश्ती। फूलों का पेड़ । ७ गुरु द्रोणाचार्य । ८ एक तौल विशेष । | द्वजराज-देखो 'दुजराज' । ९ कटौता । १० टब । ११ देखो 'द्रोण'। द्वाई-देखो 'दुहाई'। द्रोण (गु)-पृ० [सं०] १ पत्तों का दोना । २ लकडी का पात्र । द्वाज-पु० [सं०] जारज पुत्र । ३ डौम कौया । ४ एक प्रकार का रथ । ५ मेघों के नायक | द्वात-देखो 'दवात'। का नाम । ६ द्रोणाचल पर्वत । ७ द्रोणाचार्य। -वि. द्वादस-वि० [सं०] १ दश व दो, बारह । २ ग्यारह के बाद भयंकर, भयावह । -कळ-पु० लकड़ी का एक पात्र । वाला। -प्रात्म, प्रात्मा-स्त्री० सूर्य, आदित्य । -कर-काक-पु० बड़ा कौमा। -गिर, गिरि-पु० एक पर्वत -पु० स्वामि कात्तिकेय । गुरु बृहस्पति । -चख, लोचन । का नाम । -गुरु- 'द्रोणाचारच' । -धार-पु० हनुमान । -पु० स्वामि कात्तिकेय। -पुर-पु० द्रोणाचार्य का शहर । द्वादसक-वि० [सं० द्वादशक] बारह का। द्रोणमो-स्त्री० धनुष की प्रत्यंचा। द्वादसतूरच निनाद-पु० बारह वाद्यों की ध्वनि । द्रोणमुख-पु० [सं०] ४०० ग्रामों की राजधानी । द्वादसभाव-पु० [सं० द्वादशभाव] जन्म कुडली में एक स्थान । द्रोणागरंद, (गिर, गिरि, गिरी)-देखो 'द्रोणगिरि'। द्वादसवारसिक-पु० [सं० द्वादशवार्षिक] ब्रह्म हत्या के प्रायश्चित द्रोणारिख, द्रोणाचारज, द्रोणाचारच-पु० [सं० द्रोण ऋषि] में बारह वर्ष तक किया जाने वाला व्रत । द्रोणाचार्य । द्वादससुद्धि-स्त्री० [सं० द्वादश शुद्धि] तत्रोक्त बारह प्रकार की द्रोरिण-पु० [सं०द्रौणि] अश्वत्थामा का एक नाम । शुद्धियां । द्रोणी-स्त्री० [सं०] १ द्रोणाचार्य की स्त्री, कृपी । २ नाव ,नौका । द्रोणु-देखो 'दोणाचारच'। द्वावसांग-पु० [सं० द्वादशांग] जैनियों का एक ग्रंथ संग्रह । द्रोपत-१ देखो 'द्र पद' । २ देखो 'द्रौपद' । ३ देखो 'द्रौपदी' । २ बारह द्रव्यों का एक धूप विशेष । द्रोपता- देखो 'द्रौपदी'। द्वादसि (सी)-स्त्री० [सं० द्वादशी] मास के प्रत्येक पक्ष की द्रोपद-१ देखो 'द्रुपद'। २ देखो 'द्रौपद' । ३ देखो 'द्रौपदी' । बारहवीं तिथि। द्रोपदजा, द्रोपदी-देखो 'द्रौपदी'। द्वादसौ-पु०१ मृतक का बारहवां दिन । २ इस दिन का संस्कार द्रोपदि-देखो 'द्रौपदी'। व भोज । द्रोपां-देखो 'द्रौपदी'। द्वापर, द्वापुर (रि)-पु० [सं० द्वापर] सतयुग आदि चार युगों द्रबि, द्रोबड़, द्रोबड़ी-देखो 'दोब' । में से एक । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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