SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 659
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दिग्गज दिनाई ---------- दिग्गज-पु० [सं०] ग्राठों दिशाओं के हाथी । -वि० दिढ़ाणी (बौ), दिढ़ावणौ (बी)-क्रि० सं० दृढ] दृढ़ करना, १ दिग्विजयी । २ प्रमुख, मुख्य । ३ बड़ा, महान । मजबूत करना । ४ जबरदस्त। दिशंकर-देखो "दिनकर'। दिग्गयंद-पु० [सं. दिग्गेन्द्र] दिग्गज । दिणंत, दिणदो-देखो 'दिनंद'। दिग्गीस-देखो 'दिगीम'। दिरणयर, दिरणयर-देखो 'दिनकर'। दिग्दाह-देखो 'दिगदाह। दियरो-देखो 'दिनकर'। दिग्देवता-पृ० [सं०] दिशात्रों का स्वामी, देवता, दिक्पाल । दिरिंणद-देखो ‘दिनंद'। दिग्पति-पु० [सं०] दिशापति, दिक्पाल । दिरिण-देखो 'दिन'। दिग्बळ-पु० [सं० दिग्बल ] लग्नादि केन्द्रों पर स्थित ग्रहों | दिणिपर, दिरिणयर-देखो 'दिनकर'। का बल। दिरण-देखो 'दिन'। दिग्बळी-पु० [सं० दिग्बलिन्] किसी दिशा में बली ग्रह। दित-देखो 'दत्य'। दिग्भरम, विग्भ्रम-पु० [सं० दिग्भ्रम] दिशा-भ्रम। दिशा दितवार-देखो 'प्रदीतवार'। का अज्ञान । दिति, दिती-स्त्री० [सं० दिति] १ कश्यप ऋषि की पत्नी व दिग्मडळ -पु० [सं० दिग्मंडल] १ दिशाओं का समूह । दैत्यों की माता । २ उदारता । ३ काट-छांट । -पुत्र-पु० २ क्षितिज वृत्त । दैत्य, असुर । दिग्राज-पु० स०] दिशा का राजा, दिकपाल । | दितेस-पु० [सं० दैत्येश] १ असुर, राक्षम । २ राजा बलि । दिग्वसन, दिग्बस्त्र-पु० [सं०] १ शंकर, शिव । २ नंगा यती। ३ रावण । ३ संन्यासी। ४ क्षपणक । दिदार-देखो 'दीदार'। दिग्वारण-पु० [सं०] दिपाल । दिधा-देखो 'द्विधा'। दिग्विजय-स्त्री. १ आठों दिशाओं पर की जाने वाली विजय, | दिनकर-देखो'दिनकर' । विजय यात्रा। २ दशों दिशाओं में ज्ञान आदि की होने दिनंद-पु० [सं० दिनेन्द्र] १ सूर्य, रवि । २ दिन । वाली ख्याति, प्रभाव। | दिन--पु० [सं०] १ सूर्योदय से सूर्यास्त तक का समय । २ चौबीस दिग्विजयी-वि० पाठों दिशानों का विजेता । चक्रवर्ती। घंटे की एक अवधि। ३ समय, काल । ४ निश्चित समय । दिग्विजे (ज)-देखो 'दिग्विजय'। ५ तिथि,तारीख ।६ सूर्य । ७ जीवन का अच्छा बुरा समय । दिग्यापी-वि० [सं०] जो दिशाओं में व्याप्त हो। -पर- 'दिनकर'। -अवसांण-पु० सूर्यास्त, संध्याकाल । दिग्वत-वि० [सं०] जैनियों का एक व्रत । --कंत-पु० सूर्य । -कर-पु० सूर्य । --क्षय-पु० तिथि का दिग्सिधुर-पु० [सं०] दिग्गज । अभाव, तिथिक्षय । -चरचा-स्त्री० नित्य कर्म, दिन का दिम्सिखा-स्त्री० [सं० दिशिखा] पूर्व दिशा । कार्यक्रम । -दसा='दिनमांन' । -दीप-पु० सूर्य । दिच्छा-१ देखो 'दीक्षा' । २ देखो 'दिसा'। -नाथ, नाह, प, पति-पु० सूर्य । -पात-पु० तिथि क्षय । दिच्छिण-देखो 'दक्षिण। -पाळ-पु० सूर्य । ---मण, मणि, मणी-पु. मर्य । दिज-१ देखो 'दुज' । २ देखा 'दिज' । -मान-पु० रात व दिन का मान । भाग्य । -माळी-पु० दिट्टती-देखो 'द्रस्टांत'। सूर्य । --रत्न, राई, राउ, राव-पु० सूर्य । दिट्ट-१ देखो 'द्रस्ट' २ देखो 'द्रस्टि'। दिनकर,दिनकरण, दिनकरन-पु० [सं०] १ मूर्य । २ एक मात्रिक विट्टरपो (बी)-देखो 'देखणो' (बौ)। छंद विशेष । -कन्या-स्त्री० यमुना। -सुत-पु० कर्ण, दिट्टि, दिठ-देखो 'द्रस्टि'। यम, शनि, सुग्रीव, अश्विनी कुमार । दिठाळौ-देखो 'देठालो । दिनडो-देखो 'दिन'। दिठोण, विठोणी-पु० दृष्टि दोष से बचाने के लिय लगाई गई दिनत-देखो 'दिनंद'। काली बिंदी। दिनदुलह (हो)-पु० [सं० दिन दुर्लभ] कामदेव । -वि० वीर, दिन-देखो 'द्रढ़'। बांकुरा। दिनबळ-पु० [सं०] दिन के समय प्रबल रहने वाली राशि । दिढ़क--पु० सं० हद | स्वामि कात्तिकय। दिनाई-पु० [स० दिनस्थायी] सूर्य, दिनकर । -क्रि० वि० दिढ़वंत-पु० सं० दृढवान ] मरुड़ । प्रतिदिन, नित्य। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy