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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दाबदी दाक्योखित ७ प्रतिभा को उभरने न देना । ८ शिकस्त देना, हराना । दायाद-वि० [सं० दाय-प्राद] सम्पत्ति या जायदाद का ९ शांत करना, उभड़ने न देना। १० अफवाह आदि फैलने | उत्तराधिकारी, दावेदार । -पु० १ पुत्र । २ रिश्तेदार, न देना । ११ बलपूर्वक अधिकार में करना। १२ हड़पना, भाई बन्धु । ३ दूर का संबंधी। ठगना। १३ दबोचना, धर-दबाना । १४ मंद या धीमा दायादी-स्त्री० [सं०] कन्या, पुत्री। करना। १५ शर्मिदा करना, झेपाना। १६ गुप्त रखना, दायिणी (नी)-स्त्री० [सं० दायिनी] देने वाली। छुपाना । १७ बेबश करना। १८ जमीन में गाढ़ना, दफन दायेंदार, दायेदार-देखो 'दावेदार' । देना। १६ ठूसना, दबाना। दायौ-पु० [अ० दावा] अधिकार, हक, कब्जा। दाबदी-देखो 'दाऊदी' । दार-स्त्री० [सं० दारा] १ पत्नी, भार्या । २ स्त्री, औरत । दाबेड़ी-पु० ए पर चड़स खाली करने का स्थान । [सं० दारु] ३ काष्ठ, लकड़ी । ४ अग्नि, पाग। ५ दरार । धाबोतरी-पु० एक प्रकार का सरकारी लगान । -प्रत्य० [फा०] वाला। दाबी-पु० [सं० दमन] १ दबाने की क्रिया या भाव । २ किसी दारक, (क्क)-पु० [सं० दारक] १ पुत्र लड़का । २ देखो 'दरक'। वस्तु को दबाये रखने के लिए रखा जाने वाला भार। -वि० चीरने वाला, फाड़ने वाला, तोड़ने वाला। ३ सीमा सुरक्षार्थ तैनात योद्धा । ४ धोखा, ठगी। ५ घी- दारण-देखो 'दारुण'। शक्कर का पथ्य । दार-मदार-पु० [फा०] १ अवलंबन, निर्भरता । २ प्राश्रय, दाभ-देखो 'डाव'। ठहराव। दायंदार-देखो 'दावेदार'। दारा-स्त्री० [सं०] १ स्त्री, पत्नी, भार्या । २ एक प्रकार की दाय-पु० [सं० दायः] १ विभाजन योग्य पैतृक संपत्ति। मछली । २ दान भेंट। ३ दहेज । ४ भाग। [सं०]] ५ तरह, : दाराज-देखो 'दराज'। भांति, प्रकार । ६ हानि, विनाश । ७ दुर्भाग्य । दारिद (द्र)-पु० १ गरीबी । २ देखो 'दाळद' । [सं० ध्य] ८ इच्छा, मंशा। ९ पसंद, रुचि । -वि० दारियो-पु० [सं० दारक] १ वेश्या पुत्र । २ पुत्र । ३ सोलंकी वंश १ इच्छित । २ रुचिकर। ३ पसंद का। -क्रि०वि० की दारिया शाखा का व्यक्ति । १ इच्छानुसार । २ तरह से । ३ लिये, वास्ते । । दारी-स्त्री [सं० दारिका] १ वेश्या, रंडी। २ पुत्री। -वाडउदायक-वि० [सं०] देने वाला, दाता। -पु० वेश्याओं का घर, मुहल्ला । दायचौ, दायज, दायजउ-देखो 'दायज'। दारु-स्त्री० [सं०] १ काष्ठ, लकड़ी। २ डंडी। ३ चटकनी । बायजवाळ, दायजाळ, दायजावाळ-पु० दहेज में दिया जान ४ देवदारु का वृक्ष । ५ पीतल । ६ कच्चा लोहा । वाला प्राणी, दास-दासी। ७ देखो 'दारू' दायजौ-पु० [सं० दाय] विवाहोपरान्त विदाई के समय कन्या वारुक-पु० [सं०] १ देवदारु का वृक्ष । २ श्रीकृष्ण का एक को दिया जाने वाला सामान, द्रव्य आदि । दहेज । सारथी। दायरण-देखो 'दाई। दारुकदळी-पु० [सं०] जंगली केला। दायणौ-पु. एक प्रकार की लगाम । दारुका-स्त्री० [सं०] कठपुतली । दायभाग-पु० [सं०] १ पैतृक सम्पत्ति के वितरण का विधान ।। दारुकाबन-स्त्री० [सं०] एक वन विशेष । २पैतृक संपत्ति का भाग । । दारुडी, दारुडो-देखो 'दारू'। दायम-क्रि०वि० [अ०] सदा, हमेशा, नित्य । दारुजोखित-स्त्री० [सं० दारुयोषित] कठपुतली । दायमा-देखो 'दाहिमा'। । दारुण-वि० [सं०] १ भयंकर, भीषण, घोर । २ दुःसह, कठिन, रायमो-देखो 'दाहिमौ'। विकट । ३ प्रचंड, शक्तिशाली । ४ योद्धा वीर । दारुणारि-पु० [सं०] श्रीविष्णु । दायर-वि० [अ०] १ जारी, चालू, गतिमान । २ चलता दारुणी-स्त्री० [सं०] १ एक महाविद्या का नाम । २ देखो'दारुण' । फिरता। ३ पेश, प्रस्तुत । दारुन-देखो 'दारुण'। दायरौ-पु० [अ० दाएर] १ गोल घेरा। २ मंडल । ३ वृत्त, कक्षा। ४ क्षेत्र। ५ सीमा। ६ फकीरों के रहने का दारुनटी, दारुनारी-स्त्री० [सं०] कठपुतली। स्थान । दारुपात्र-पु० [सं०] काष्ठ-पात्र । दाया-देखो 'दाई'। | दारुयोखित-स्त्री० [सं० दारुयोषित] कठपुतली । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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