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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra तिरवेरणा तिरवेणा (बेसी) देखो 'त्रिवेणी' तिरस. (इ.ई) देखो तिरमा' । तिरसठ- देखो 'तिरेसठ' । तिरसठी- देखो 'तिरेसठी' । तिरसती (ब) देखो 'तरसी' (दो) । तिरसलगी (बी) - क्रि० फिसलना । तिरसा स्त्री० [सं० तृषा] त्या प्यास तिरसाली (बी), तिरसावो (बी) देखो 'तरम' (बो) | तिरसालु वि० तृषावान, प्यासा । तिरसिंघ - १ देखो 'तरसींग' । २ देखो 'त्रमींघ' । तिरसू कि० वि० तीसरे दिन लिये मुंह में डाली जाने वाली कीलदार लगाम | तिरसौ - वि० [सं० तृषित ] प्यासा तृषित | तिरस्कार पु० [सं०] अपमान अनादर । तिरस्यो-देखो 'तिरमी' । तिरहुत पु० [सं० तीरमुक्ति ] मिथिला प्रदेश । तिरहुतिथी वि० तिरहुत प्रदेश का तिरां क्रि० वि० १ तब। २ पाम, निकट | तिसवे देखो 'ते' www.kobatirth.org तिरेसठमी (व) - वि० सठ के स्थान वाला, ६२ के बाद वाला । तिरेसठे' क- वि० त्रेसठ के लगभग । तिरेसठी पु० ६२ का वर्ष । तिरेह - वि० [सं० त्रिरेख ] तीन रेखा वाला | तिरेहरण - वि० १ पार करने वाला, उद्धारक । २ रक्षक | तिरं - क्रि०वि० तब पु० हाथियों के लिये बोला जाने वाला एक शब्द । तिरोभाव० [सं०] पश्यता, अदर्शन, गोपन । तिरोभूत- वि० [सं०] गुप्त, अदृष्ट | तिरसूळ- देखो 'त्रिसूल' । अंतर्हित, । तिरािळीसगांमपी० उष्ट घोड़े को वश में करने के तिरोहित-वि० [सं०] १ छिपा हुआ अंत, गुप्त २ प्राच्छा उद्दण्ड अस्ता हुआ पु० मुजफ्फरपुर व दरभंगा जिलों का एक प्रदेश । तिलंग-पु० १ अंग्रेजी सेना का भारतीय सिपाही । २ देखो 'तैलंग' | ति-देखते तिरांग - देखो 'तेरांण" । तिराई देखो 'राई' । तिराक देखो 'तैराक' । तिराणी (बौ ), तिरावरणौ (बौ) - देखो 'तराणी' (बी) । तिरास- देखो 'त्रास' । । ५८४ ) 3 तिराह प० पाहिवाहि ० एक स्थान विशेष 7 तिराही स्त्री० तिराह नामक स्थान की बनी कटारी तलवार । तिरि तिरिन, तिरिख तिरियंव-देखो 'तिरवंत' । , तिरिय- देखो 'तिरजब'देखो 'तिरिया' तिरियलोग (लोय) - पु० [सं० तिर्यग्लोक ] मृत्यु लोक । तिरिया - स्त्री० [सं० स्त्री ] १ स्त्री औरत । २ पत्नी, भार्या । तिरोड - पु० [सं० किरीट ] मुकुट (जैन) तिरोडी वि० [सं० किरीटी | मुकुटधारी तिरुडि - स्त्री० १ उपजाऊ भूमि । २ तीर की पहुँच तक की हरी या भूमि तिरेपनमो (व) - वि० ५३ के स्थान वाला, ५२ के बाद वाला । तिरेपनेक वि० त्रेपन के लगभग । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तिरेपनी पृ० ५३ का वर्ष o तिरेसठ वि० [सं०] त्रिपष्टि] माठ व तीन सठ पु० साठ व तीन की संख्या, ६३ । दिल का 7 तिलकरणौ तिलंगणी स्त्री पिपी तिल पु० [सं०] १. दो फुट का पौधा जिसके डोरे लगकर उसमें दाने पकते हैं । २ उक्त पौधे का बीज, तिल । [सं०] तिलक शरीर पर होने वाला बारीक काला मस्सा । ४ तिल के समान कोई छोटा टुकड़ा । ५ स्त्रियों के अंगों पर गोदी हुई काली बिंदी । ६ प्रांख की पुतली के बीच की बिंदी । ७ तिलक । ८ जैनियों के ग्रहों - क्रि० वि० तिलमात्र । में से ३१ वां ग्रह । तिलङ-देखो 'तिलक' । तिलकड़ौ - पु० १ एक घोड़ा विशेष । २ तिलक । तिरेपन वि० [सं० त्रिपंचाशत् ] पचास व तीन त्रेपन पु० तिळकणी (बौ) - क्रि० १ फिसलना, पटना । पचास व तीन की संख्या ५३ । प्रज्वलित होना । J तिलकंठ - पु० एक प्रकार का घास । | तिलक - पु० [सं०] १ ललाट पर लगाया जाने वाला केसर, चंदन आदि का टीका २ राज्याभिषेक, राजतिलक । वैवाहिक संबंध स्थिर होने पर वस्त्राभूषण एवं धन्य भेंट के साथ वर के किया जाने वाला टीका । ४ स्त्रियों का एक ग्राभूषण । ५ श्रेष्ठ व्यक्ति या चरित्र । ६ एक जाति विशेष का घोड़ा । ७ शरीर पर छोटा काला चिह्न । ८ वृक्ष विशेष । ९ दो मगरण का एक वृत्त विशेष । १० मुसलमान स्त्रियों का एक पहनावा । कांमोद - स्त्री० एक रागिनी विशेष | तिलकरपौ (बौ) - क्रि० १ टीका लगाना २ राज्याभिषेक करना । For Private And Personal Use Only २ मुलगना, तिलक करना ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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