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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org तटी ( ५५५ ) ततबाउ तटी-देखो 'तटा'। तणय-पु० [सं० तनय] पुत्र, लड़का । तटे (है)-देखो 'तटे'। तणया-देखो 'तनया'। तठा-सर्व० [सं० तत्] उम । -क्रि०वि० [सं० तत्र] १ वहां । तणस-स्त्री० वृक्ष विशेष । २ तव । तणहस्तक-पु० [सं० तृणहस्तक] घास का पुपाल । तठी-क्रि०वि० [सं० तत्र] १ वहां । २ उधर, उस ओर । तणाव-पु० १ मादा ऊंट की ऋतुमती होने की अवस्था या भाव । तठे (8)-क्रि०वि० वहां।। २ खिचाव, तनाव । ३ तम्बू प्रादि का फैलाव । ४ मन तड-१ देखो 'तट' , २ देखो 'तड़' । मुटाव, वैमनस्य । ५ किसी वस्तु की ऐसी दशा जब उसमें तडकस-वि० तंग, कमा हुआ, दृढ़ । शिथिलता या ढीलापन न हो । ६ जोश या कोध पूर्ण तडक्करणौ (बौ)-देखो 'तड़कों ' (बी)। अवस्था। तडफडणौ (बौ)-देखो 'तड़फणौ' (बौ)। तणियर-पु० [सं० त्रिनयन:] शिव, महादेव । तडरको पु० जल्दबाजी, शीघ्रता । तणी, तरणी-स्त्री० १ मांगलिक अवमरों पर चौक या मण्डप में, तडळ-पु० अग्निकरण, चिनगारी। ऊपर बांधी जाने वाली मूज की डोरी । २ दीवार के तडा-स्त्री० [सं० तट] तट, किनारा, कूल । सहारे या खुले मैदान में बांधी जाने वाली डोरी । तस्कु, तडूको-पु० [सं० ताटंक] स्त्रियों के कान का आभूषण । ३ तराजू की डोरी। ४ किसी वस्त्रादि की कस । ५ पुत्री, तडौ-देखो 'टड्डौ। लड़की । ६ देखो "तिरणी' । -प्रत्य० षष्ठी विभक्ति का तणक (को)-पु० तार वाद्यों की झंकार । चिह्न की। -बंध-पु० पाणिग्रहण संस्कार । तण-पु० [सं० तनय] १ पुत्र, लड़का । [सं० तनु] २ काया, | तणु-प्रत्य० षष्ठी विभक्ति का चिह्न, का । -पु० [सं० तनय] शरीर, तन । -वि. तीन । -सर्व० उस, उन । -प्रत्य० १ पुत्र । २ देखो 'तन' । -वि० अत्यन्त निकट के रिश्ते संबंध या षष्ठी विभक्ति का चिह्न का, की, के । -क्रि०वि० वाला, अत्यन्त प्रिय। लिये, इसलिए । देखो 'तिण' । तणुयरी-वि० [सं० तनुतरी] बहुत पतली । तणइ, तरणउ-प्रत्य० १ षष्ठी विभक्ति का चिह्न, का, के। तणुया-स्त्री० [सं० तनुजा] १ पुत्री, बेटी। २ सर्प की कैंचुल । २ देखो 'तनय । तणुवाय-स्त्री० स्वर्ग के तल की वायु । (जैन) तरणकरणौ (बौ)-क्रि० १ खिचाव में आना, तनना । २ ढील | तरण-देखो 'तणु' । निकलना । ३ वाद्यों के तार झनझनाना । ४ गुस्सा होना। तणे-प्रत्य० षष्ठी विभक्ति का चिह्न, के । -क्रि० वि० १ पास, तणकार (कारी)-स्त्री० १ तार वाद्यों की झन्कार । २ तनाव, । समीप, निकट । २ देखो 'तनय' ।। खिचाव । ३ तनाव देने की क्रिया या भाव । तणौ-प्रत्य० षष्ठी विभक्ति का चिह्न, का। -पु० [सं० तनय] तणकारी-पु. १ खींचने या तानने की क्रिया या भाव । २ तार १ पुत्र, बेटा । २ पेट की प्रांत । ३ पेट का खाली भाग । वाद्यों की झन्कार । ३ झटका । ४ आश्रय, सहारा बल । तणकासप-पु० [सं० कश्यपतनय] सूर्य । ततं-१ देखो 'तत' । २ देखो 'तत्व' । तणको-वि० १ तना हुअा खिचा हुआ । २ देखो 'तिणको'। ततंग-वि० निर्वस्त्र, नग्न । तरणक्कणो (बौ)-देखो 'तणकरणौ' (वी)। तत-सर्व० [सं० तद्] वह, उस । -क्रि०वि० [सं० तत्र] तरणखा-देखो 'तनखा'। १ वहां, तहां । २ देखो 'तत्व' । तणच (च्छ, छ)-स्त्री० नरम व लचीली लकड़ी वाला वृक्ष ततकार-पू० नत्य का बोल । -क्रि०वि० शीघ्र, जल्दी ।। विशेष । ततकारणौ (बौ)-क्रि० १ बैलों आदि को उकसाना, उत्तेजित तरणरणी (बी)-क्रि० १ खिचना, तनाव खाना । २ ऐंठना, करना । २ तेज गति से चलाना । ३ दौड़ाना, भगाना। अकड़ना । ३ शामियाना प्रादि ऊपर फैलाया जाना, ताना ततकाळ (ळि,ळी. ळो)-देखो 'तत्काळ'। जाना । ४ गर्व करना, शेखी बघारना । ५ बल पूर्वक ततक्षण, ततक्षणि, ततक्षिरण, ततखण, ततखिरण, ततखिणी, प्रवृत्त हाना । ६ खिचाव में पाना । ७ जोश में | ततखिन, ततखेब, ततस्परण-देखो 'तत्क्षरण'। पाना । ८ युद्धार्थ तत्पर होना । ६ रूठना, गुस्सा करना।। | ततग्यांन-देखो 'तत्वग्यांन'। १० चित्रित होना । ११ उभरना । ततताथेई, ततत्वी, ततथेई, ततथेयव-पु० नृत्य का बोल विशेष । तणतणाणौ (बौ)-क्रि० १ तनना, तनाव में पाना । २ क्रोध | ततपर-देखो 'तत्पर'। करना, कुपित होना। | ततबाउ-पु० [सं० तंतुवाय] जुलाहा, बुनकर । विशष । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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