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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ५५० ) तंभ त-देवनागरी वर्णमाला का सोलहवां वर्ण । | तंडुळ-पु० [सं० तंदुल] १ चावल, धान। २ खण्ड, टुकड़ा तं-पु. १ पुण्यफल । २ युग। ३ सुर, देवता । ४ चरण। भाग। ३ शरीरका कटा हरा कोई भाग । ४ तमाल-पत्र । ५ भ्रमण। -सर्व० [सं० तद्] उस, [सं० युस्मद] तुम, | तंडुळकुसुमावळीविकार-पु० [सं० तंडुल कुसुमावली विकार] ६४ प्राप। कलाओं में से एक । तंइयासियो-पु० तेरासी का वर्ष । तंडेव देखो 'तांडव'। तंइयासी-वि० [सं० त्र्यशीति] अस्सी व तीन, तेरासी। -स्त्री० तंढमल-वि० वीर, युद्ध । अस्सी व तीन की संख्या, ८३ । तण-देखो 'तण'। तंई-कि० वि० [सं० तंत्र] लिये, निमित्त । -मर्व० [सं०त्वम् / तंणी-देखो 'तणौ'। तुम, तु। तंत-पु० [सं० तत्त्व] १ सत्यता, असलियत । २ प्रोज, तेज । तंउड़ौ-देखो 'तसबौ' । ३ शक्ति । ४ मौका, अवसर । ५ समय । ६ रहस्य, भेद । तंग-पु० १ घोड़े, ऊंट आदि का चारजामा बांधने का पट्टा। ७ सार, तत्त्व, सारांश । ८ तथ्य । १ शीघ्रता, आतुरता । २ शरीर का कमर के नीचे का या ऊपर का भाग । [सं० तंत्री] १० सारंगी, सितार । ११ तार । १२ तार ३ पशुओं के शरीर का पिछला भाग । -वि०१ दुःखी, वाद्य । १३ निश्चय । १४ देखो 'तंत्र'। -बायरी, वायरौं विकल, हैरान । २ संकुचित, संकरा। ३ चुस्त । -वि० तत्व या सारहीन, निस्सार । शक्तिहीन, क्षमता ४ छोटा । ५ अभाव, कमी। ६ अकड़ा हुआ, ऐंठा हुआ। | रहित । तेजहीन । तंगड़-देखो 'तांगड'। तंतर (से)-देखो 'तंत्र'। तंगड़ी-स्त्री० १ कच्छी, जांगिया । २ गुजराती नटों का तंतसपत-पु० [सं० सप्ततंतु] यज्ञ । कच्छा विशेष । तंताळ -पु० [सं० तंतु] जल-जंतु । तंगली-स्त्री० चार से अधिक सींगों वाली जेई, कृषि उपकरण । | तंति (ती)-स्त्री० [सं० तत] १ तारवाद्य । २ देखो 'तंत्री' । तंगाई, तंगी-स्त्री० [फा० तंगी] १ तंग या संकरा होने की | तंतु-पु० [सं०] १ सूत । २ तागा, डोरा । ३ रेशा । अवस्था या भाव । २ निर्धनता, गरीबी । ३ कमी, | ४ घास का तृण । ५ तांत । ६ देखो 'तांतो'। न्यूनता, अभाव । ४ तकलीफ, दुःख, कष्ट । तंतुरण-पु० [सं०] १ मत्स्य, नक्र । २ मकड़ी का जाला । तगोटी-स्त्री० छोलदारी, छोटा तंबू । तंतुनाग-पु० नक्र, मगर। तंजेब-स्त्री० [फा०] बढ़िया मलमल । तंतुल-स्त्री० कमलनाल । तंटर-पु० [सं० तट] किनारा, कूल, तट । तंतुसप्त-पु० [सं०सप्त तंतु] यज्ञ, होम । तंड-पु० तांडव नृत्य । ततूवाय-पु० [सं० तंतुवाय] बुनकर, जुलाहा। तडण-पु० १ मंथन । २ नृत्य नाच । ३ उछल कूद । तंत्र-पु० [सं०] १ तागा, डोरा, धागा । २ सूत, सूत । ३ तांत। तंडणी (बी)-क्रि० १ नृत्य करना, नाचना । २ तांडव नृत्य ४ मकड़ी का जाला। ५ सेना । ६ वस्त्र । ७ चौसठ करना । ३ उछल-कूद करना। ४ मंथन करना। ५ बैल कलानों में से एक । ८ जादू, टोना । ९ तार वाद्यों का आदि का जोश में बोलना । तार । १० मंत्र । ११ करघा। १२ ताना । १३ वंश । तंडळ-पु० [सं० तंड] १ ध्वंस, नाश । २ संहार । ३ टुकड़ा १४ परंपरा । १५ सिद्धांत, नियम । १६ मुख्य विषय । १७ विज्ञान शास्त्र । १८ अध्याय, पर्व । १९ तत्र शास्त्र । हिस्सा, खण्ड । [सं० तंडुल] ४ चावल । २० किमी कार्य की उचित पद्धति । २१ राजकीय परिवार । तंडव (वि)-स्त्री० १ जोश भरी आवाज, दहाड़ । २ देखो २२ प्रांत, प्रदेश । २३ शासन । २४ ढेर, समूह । 'तांडव'। २५ घर । २६ धन, सम्पत्ति। २७ यज्ञ। -नाळी-स्त्री० तंडिळ-पु० एक वृक्ष विशेष । तोप । --वाद-पु० ७२ कलानों में से एक । -वादी-वि० तंडीर, तडीरव-पु० तरकस, तुणीर । जादू टोना जानने वाला । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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