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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra यी www. kobatirth.org ठीठी स्त्री० हंसी की ध्वनि । ठीडी- वि० खड़ा । ( ५२६ ) ठोकरी- स्त्री० मिट्टी के पात्र का छोटा टुकड़ा 1 ठीकरी पु० [१] वर्तन, पात्र (व्यंग) २ टूटा-फूटा वर्तन, पुराना । बर्तन३ मिट्टी के पात्र का बड़ा खण्ड ४ तुच्छ या निकम्मी वस्तु । ५ भीख मांगने का पात्र । ६ ब्रह्माण्ड | ७ शरीर, देह । ८ खाली पात्र । । । डी-स्त्री० १ पौषी २ धुंध ०३ क्षय ४ कुल ५ कुटुंब । । । । । 1 ठीक [वि० [सं०] स्थितक] १ उचित वाजिय । २ अच्छा, - बढ़िया । ३ योग्य उपयुक्त ४ यथार्थ प्रामाणिक ५ दुरुस्त, सुधरा हुआ । ६ शुद्ध । ७ आवश्यकता अनुसार । ८ प्राकृतिक ९ नम्र, विनयी, सरल 1 १० निश्चित ठुरो (बी) फि० १ पिटना, मारा जाना २ हल्की चोट से उपयुक्त । ११ पक्का, स्थिर । १२ अखण्ड कायम | फंसना पंसना बढ़ना । शि०वि० १ घच्छी तरह २ उचित ढंग से ३ पूर्ण रूप ठुरियो पु० ऊंट की चाल विशेष । । से, निश्चित रूप से स्त्री० [१] बात २ निश्चय । दृढ़ । ३ ठिकाना, पता । ४ पता, इल्म, खबर I ५ स्थिर प्रबंध -ठाक - क्रि०वि० उचित रूप से, वाजिब ढंग से । - वि० व्यवस्थित । निश्चित पु० प्रबंध, व्यवस्था । ठीकर-देखो 'ठीकरौ' । 1 ', । । डुळियी पु० लकड़ी का छोटा डंडा । । ठुसकणी (बो) - कि० सुबक सुबक कर रोना । 1 ठुसकी - स्त्री० १ रोने की सुबकी । २ धीरे से अपान वायु निकलने की ध्वनि । हुआ | गाढ़ा । ठीमर - देखो 'ठिमर' । डीवो देखो 'ठियो' । ठु-पु० १ कदम । २ यमदूत । ५ त्वचा । वि० १ रोगी ठुकरणौ (बौ)-क्रि० पीटा जाना, ठुकरांणी-देखो 'ठकरांणी' । डीडी पु० [सं०] स्पा] खबर पता ठिकाना। ठोललो (बो) क्रि० उपालंभ देना बुरा भला कहना। ठीणी वि० [सं०] स्तब्ध] सर्दी के कारण जमा हुधा, उसा - ठुकराखौ (बी) - क्रि० १ पांव की ठोकर मारना । २ तिरस्कार करना । ३ नामंजूर करना । ४ त्यागना, छोड़ देना । ठुखकारणी ( बौ) - क्रि० १ अंगुलियों या किसी वस्तु से हल्की चोट पहुँचाना। २ ऐसी चोटें मस्तक में दिराना (स्त्री) । ठुरण, ठुरगक स्त्री० १ रोने की ध्वनि । २ बच्चे का रुदन । ठुकी स्त्री० दो अंगुलियों को चटका कर मस्तक पर की जाने बानी हल्की चोट (स्त्री) । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir । ठुमकार स्वी० ठुमक चाल से होने वाली ध्वनि । ठुमराई स्त्री० मंद-मंद व मस्त चाल । । ठुमरी-स्त्री० एक ही अंतरे का एक मीठ विशेष संशोटीस्त्री० एक राग विशेष । ठे ठुसरण (बी) - क्रि० १ ठूस ठूस कर भरा जाना । २ मुश्किल से घुसा जाना । घुसना, पैठना 1 ठुसी स्त्री० स्त्रियों के गले का प्रावरण विशेष । । ॐ के स्त्री० [सं०] १, चंचु । २ नोंच की चोट, ठूंठ वि० १ मूर्ख, गंवार २ देखो ''ठी' | डा स्त्री० पंवारों की एक शाखा डूठियो पु० १ बैलगाड़ी के पहिये में लगने वाला एक - उपकरण । २ देखो 'ठूंठौ । ठूठौ - पु० १ सूखा पेड़ । २ जमीन में धंसा कर खड़ा किया से पेड़ काटा। डूडल (बो) - देखो ''सरणी' (बी) स्त्री० ३ मक्खी । ४ रज । । २ दरिद्री । ढ, ढ़ियों, ढ़ो-देखो 'ठ' | मारा जाना, पिटना, कुटना । सखौ (बौ) - क्रि० १ दबा दबा कर या ठूंस-ठूंस कर भरना । २ जबरदस्ती धंसाना । ३ जोर से घुसाना, चोट मार कर घुसाना । ४ अधिक खाना । ५ छीनना, हड़पना । ६ संजोना सजाना । ठू सियो- पु० ऊ ंटों का एक रोग विशेष । हू-पु० १ विष्णु । २ बुध । ३ प्रेम । ४ धैर्य । ५ धर्म । - स्त्री० ६ लक्ष्मी । ठूमरौ - पु० ० सिंध व बलोचिस्तान की पहाड़ियों के बीच पाया जाने वाला पत्थर करण । मूळ पु० जड़ सहित निकाला हुआ पौधा या झाड़ी। - वि० १२ गंवार ३ मजबूत प्रहार । ग- स्त्री० शराब के साथ खाया जाने वाला चुर्बन । गार-स्त्री० १ भांग के नशे को शांत करने के लिए खाया जाने वाला खाद्य पदार्थ । २ छौंक, बघार । ठुरणको पु० १ बच्चे की रह-रह रोने की ध्वनि । २ रुदन । ठुमक स्त्री० १ उमंग भरी चाल । २ चलने का सुन्दर ढग ३ चलने से एडी से होने वाली ध्वनि । ठुमकणी (बौ) - क्रि० १ उमंग से चलना । २ ठसक से चलना ठे-पु० १ वामन २ शेष । ३ स्थान ३ बच्चे का धीरे-धीरे चलना । ६ शिखा । सरण (बौ) - देखो 'ठू'सरणी' (बी) । ठेल पु० कठोर व समतल भूमि For Private And Personal Use Only । ४ मन । ५ संक्षेप ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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