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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir झोकायत । ५०७ ) नग झोकायत (ती)-देखो 'झोकाइत' । झोळी-स्त्री० १ किसी वस्त्र के चारों कोणों को रस्सी से बांधकर झोकावणो (बौ)-देखो 'झोकारणो' (बो)। बनाया हुआ झोला । २ वस्त्र के चारों शिरों को परस्पर झोको-पु० १ झपट्टा, धक्का । २ झटका, प्राघात । ३ हवा का बांधकर बनाया हुआ थैला। ३ वस्त्र को शरीर से ऐसे बांधना प्रवाह झकोरा । ४ रेला। ५ हिलने-डुलने की क्रिया । कि पीछे थैलानुमा बन जाय । ४ थैली । ५ घायलों को ६ प्रवाह । ७ लहर, तरंग । ले जाने के लिये प्रयोग किया जाने वाला बड़ा थैला, झोला, झोखणौ(बी)-१ देखो 'भैकणी' (बौ) । २ देखो 'झोकरणी' (बौ)। उपकरण । ६ बच्चों को हिंडाने की झोली । ७ याचना झोखाइत, झोखाई, झोखाऊ-देखो 'झोकाइत' । के लिये फैलाया जाने वाला दामन । ८ अंक, गोद । झोखाणौ (बौ) झोखावणो (बो)-देखो 'झोकाणी' (बी)। -झडौ, डंडो-पु. साधुओं की झोली व डंडा । झोड़-स्त्री० १ टक्कर, प्राघात । २ देखो 'झोड़। झोळी-पु० १ बड़ा थैला । २ कपड़े के चारों छोर मिला कर झोट-१ देखो 'झोटो' । २ देखो 'झोटौ' । बनाई गई गठरी । ३ ढीला-ढाला आवरण। ४ साधुओं का झोटी-स्त्री० युवा भैस । चोला । ५ गोद, अंक । ६ पहनने के वस्त्र का कोई झोटौ-पु० १ झूले का झोंका । २ धक्का, टक्कर । ३ हिलने- वस्तु डालने के लिये बनाया हुअा झोला । ___ डुलने की क्रिया या भाव । ४ युवा भैंस । -वि० हृष्ट-पुष्ट । झोलो-पु. १ वायु का प्रवाह, झौंका टक्कर, प्राघात । झोतिखिक, झोतिसिक-देखो 'ज्योतिसी' २ वायु-प्रकोप । ३ प्रवाह । ४ तरंग, हिलोर । ५ झूलने झोबा-झोब-वि० पसीने से तरबतर । को क्रिया या भाव । ६ जल-विलोड़न । ७ वात रोग झोर-पु० समूह. झुण्ड । विशेष । ८ पाश्विन मास में सप्तर्षि के अस्त होने के झोरो-पु० १ गुच्छा, झूमका । २ देखो 'झोरौ' । स्थान से चलने वाली वायु जो फसल के लिये हानिकारक झोळ-पु. १ धातुनों पर चढ़ाया जाने वाला मुलम्मा, निकल, होती है । ६ आपत्ति, संकट । १० पीड़ा, दुःख । कलाई । २ तरकारी का द्रव भाग, शोरबा । ३ वह घोल ११ विक्षेप, बाधा। १२ संग, सोहबत । १३ शोभित होने जो अन्न के आटे में मसाले मिलाकर पकाया जाता है। का भाव । १४ चितवन, दृष्टि । १५ अाक्रमण, झपट । ४ परदा, प्रोट । ५ हाथी की चाल का दुर्गुण। १६ उलझन, फंदा । १७ प्रभाव, असर। ६ देखो 'झोळो । -दार-वि० जिसमें झोल हो, रसदार, | झोबरी-स्त्री० एक प्रकार का आभूषण विशेष । शोरबेदार । झोवी-पु० मिट्टी का एक पात्र विशेष । झोल-स्त्री०१ रस्सी आदि का तनाव कम होने के कारण | झौंक-स्त्री० १ ध्वनि, अावाज । २ देखो 'झोक' । ढीलेपन का झुकाव । २ बीच में से मुड़कर झुक जाने की | झौंप-पु. शमी वृक्ष की टहनियों का बना उपकरण । दशा । ३ शिथिलता। ४ लटकाव । ५ दुःख । ६ देखो | झोक-१ देखो 'झोक' । २ देखो 'झौंक' । 'झोलौ'। -दार-वि० जिसमें झोल हो, ढीला-ढाला। झोका-देखो 'झोका' । झोलउ-देखो 'झोलौ'। झोड़-स्त्री० १ झंझट, प्रपंच । २ कलह, झगड़ा, टंटा । झोळणी-पु० यात्रा में साथ ले जाने का कपड़े का थैला। ३ राड़, तकरार । ४ बहस । ५ युद्ध । ६ विवाद । झोळणी (बी)-क्रि० १ हिलाना-डुलाना । २ झक-झोरना, -झपाड़, झपोड़-पु० टंटा, फिसाद । मथना। झोडो-पु० विवरण, हाल, वृत्तान्त । झोलणी-पु० लोहे का बना दीपक । झौर-देखो 'झोरौ'। सोळायत-पु० गोद लिया पुत्र, दत्तकपुत्र । झोरापो (बी)-देखो 'झुरापो' । झोळि-स्त्री० १ तलहटी ।२ देखो 'झोळी'। झोरौ-पु० खुजलाहट, खुजली । झोळियां-क्रि० वि० अंक में, गोद में । इयंकारतन-पु०स्त्रियों के पैरों को प्राभूषण विशेष । मोळियौ-पु०१ दही का मट्ठा, पतला दही । २ बच्चे का पालना ।। झ्याश-देखो 'जा'ज'। ३ बच्चों को सुनाने की कपड़े की झोली। झंग--पु. एक प्रकार का वाद्य विशेष । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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