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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir झगरणी झझियो झगरणौ (बौ)-देखो 'जागरणौ' (बी)। से भागना । ११ झटके से गिराना, झटकना । १२ काबू झगमग (मगि)-देखो 'जगमग' । या अधिकार में करना। झगमगणी (बौ)-देखो 'जगमगणौ (बी)। झड़पा-झड़पी-स्त्री० १ गुत्थमगुत्था, हाथापाई । २ छीना झगर-स्त्री० १ सूर्य की गर्मी । २ लू । झपटी। झगरी-पु० १ जलने के लिये एकत्र किया हुआ, घास-फूस प्रादि | झड़पौ, झड़फ (फौ)-देखो 'झड़प' । का ढेर । २ उक्त ढेर के जलने से प्रज्वलित अग्नि । झड़फड़णी (बी)-क्रि० रोग विशेष के कारण निर्बल होना, झगिया-पु० झाग, फेन । दुर्बल होना। झगौ-पु० १ छोटा, बच्चा । २ छोटे बच्चे की अंगिया । झड़फड़ारणी (बौ)-क्रि० १ पीटना, मारना । २ कष्ट देना, सघाट-वि० [सं० झकट] १ झगडालु, यद्ध प्रिय । २ जबरदस्त, तकलीफ देना। ३ छीनना, लूटना । ४ पक्षियों द्वारा परों जोरदार । को फड़फड़ाना। ५ झटका देना। झड़-पु० १ समूह, ढेर । २ पद्य, छन्द या गीत का चरण, पक्ति । | झड़फरणौ (बी), झड़फ्फरणौ (बो)-देखो 'झड़पणौ' (बौ)। ३ देखो 'जड़' । ४ देखो 'झड़ी'। झड़बेरी-स्त्री० छोटे-छोटे बेरों की कांटेदार झाड़ी। झड़उलट-पु० 'कुडलिया' छंद का एक भेद । झड़बोर-पु० उक्त झाड़ी का फल, बेर । झड़क-स्त्री० झटका। झड़मुगट-पु० खुड़द सांगोर गीत के अन्तर्गत एक गीत (छंद) झड़करणौ (बौ) झड़कारणौ (बौ) झड़कावरणौ (बौ)-क्रि० १ झटका विशेष । देना, झटकना । २ फटकारना, तिरस्कृत करना । झड़लपत, (लुपत)-पु० डिंगल का एक गीत विशेष । झड़क्को-पु० १ झटका प्रहार । २ प्रहार की ध्वनि । झड़वारण(वारणी)-स्त्री०१एक प्रकार की तोप। २ वर्षा की झड़ी। झडझड़-स्त्री० शस्त्र प्रहार की ध्वनि । झड़वायौ-वि० वर्षा संबंधी। झड़ झड़ाट-स्त्री० शस्त्र प्रहार की ध्वनि । झड़ाको-पु० १ तिरछी, चितवन, कटाक्ष । २ मुठभेड़, लड़ाई; झाड़-झांकड़, (झांकळ, झांकी)-स्त्री० निरन्तर होने वाली हल्की | झड़प । बारिस, बूदा-बांदी, फूहार । झडाझड़, झड़ाझडी-क्रि० वि० लगातार, बिना रुके, निरन्तर । -स्त्री० झड़ने की क्रिया या भाव । झड़णौ (बी)-क्रि० वि० १ पत्ते, फल आदि की तरह टूट कर झड़ापड़, (पड़ि, फड़, फड़ि)-स्त्री० १ फड़फड़ाहट । २ छीनागिरना,टूटना। २ खण्ड-खण्ड, कण-कण होना । ३ ढह पड़ना, । झपटी । ३ फिसाद-टंटा। गिरना। ४ टपकना । ५ प्रहार होना, वार होना । ६ टूटना | झडियाळ-वि० वीरगति प्राप्त करने वाला। ७ कट कर गिरना, कटना । ८ वारगति को प्राप्त हाना । झड़ी-स्त्री० [सं० झटि] १ लगातार होने वाली वर्षा । ९ मरना । १० वीर्य का स्खलित होना । ११ शस्त्रादि की २ छोटी-छोटी बूदों की बारिस । ३ लगातार गिरने या धार टूटना । १२ चेचक रोग से मुक्ति पाना । १३ दुर्बल झड़ने की क्रिया । ४ लगातार कहने या करने की क्रिया होना, कृशकाय होना । १४ कम होना। १५ मिटना । या भाव । ५ निरन्तर प्रहार । ६ निरन्तर काव्य पाठ । १६ निर्धन होना, कंगाल होना। गायन । ७ डिंगल का एक छंद विशेष । झड़प-स्त्री० १ छत में लटकने वाला कपड़े का बड़ा पंखा। | झडथळ, झड़ थळ-पु० डिंगल का एक गीत (छंद) विशेष । २ लड़ाई, झगड़ा, मुठभेड़ । ३ विवाद, तकरार, हुज्जत । झड़ लो-पु० [सं० चूडा,चूडाल] १ बच्चे के जन्म के समय के बाल । ४ गलफदार खिड़की के अन्दर की बाजू का पत्थर । | २ इन बालों का मुण्डन संस्कार, चूड़ाकरण संस्कार । ५ लकड़ी को घिसने का औजार । ६ झपटने या पकड़ने झडोफड़-वि० गुत्थागुत्थी, आलिंगनबद्ध । की क्रिया । ७ टक्कर, झपट । ८ हवा झलने की क्रिया या | झड़ोलो-देखो 'झड़ लो' । भाव । ९ सहसा किसी प्रकार के धन की उपलब्धि । झझक-देखो 'झिझक' । १० आग की लौ, लपट । झझकाडणी (बौ), झझकारणौ (बौ), झझकावणी (बो)माडपरणौ (बी)-क्रि० १ स्थान से अलग होना, गिरना, टूटना। देखो 'झिझकाणी' (बौ) । २द्रतगति से भागना । ३ अाक्रमण या हमला करना। झझरगण-स्त्री० १ वाद्य ध्वनि । २ झनझन का शब्द, झन्कार । ४ झगड़ा करना, उलझना । ५ झपट कर ले लेना।। ३ झन्झनाहट ।। ६ छीनना । ७ किसी तरकीब से प्राप्त कर लेना । ८ हवा | झझारौ-पु० स्वर्णकारों का एक औजार । करना । ९ काटना, मारना, संहार करना । १० द्रुतगति | झझियो, झझौ-पु० 'झ' वर्ण । झकार। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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