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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जो www. kobatirth.org जुजर (बौ) - देखो 'जू'झरी' (बी) । 'जळ-देखो 'जू' मळ' । जळी स्त्री० एक प्रकार की पास जिसकी बुहारी बनती है भूधार १ देखो 'बुहार' २ देवी 'जवार' । । | - वि० मंद गति से काम करने वाली । जळी- पु० गोवर यादि में पैदा होने वाला एक मूंग-कीट - वि० (स्त्री० जू जळी ) धीमी गति से काम करने वाला । जू जाऊ देखी ''भाऊ' | 'जार देखी भार'। ( ४७९ ) जू - देखो 'ध' । जूझरी (ब) - क्रि० [सं० युद्ध ] १ युद्ध करना, युद्ध में जूझना । २ किसी महान् कार्य के करने में कठोर परिश्रम करना । ३ कोई महान कार्य करना । मंड, मल्ल वि० पीडा, वीर, सुभट जू । जूं नौ-देखो 'जूनो' (स्त्री० जूनी) बरिक - पु० [सं० जंबूरक] छोटी, तोप । वाड़ी - देखो 'जी' | उट्ट (उं) - देखो 'जूवदु" । जूसर (रू), जूसहरी, जूसारी- देखो 'जूसर' । जू' हर - देखो 'जौहर' | जू पु० १ हरिभक्त हरिजन २ मित्र ३ राक्षस ४ माकाश ५ वाक्य | ६ सांप, नाग । ७ देखो 'जुना । - वि० जीर्णशी, पुराना, प्रति प्राचीन क्रि० वि०शीम जल्दी जो कि सर्व० १ जो २ देवो''। 1 जड़ी देवो''। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " पु० १ कदम डग पैड २ पांव पैर ३ देखी 'जुगल' | जाड़ी- देखो 'जुश्री' | प्रारउ ( रत, री) - देखो 'जुवारी' । जूधारीपली पु० [सं० द्यूतकरित्य] जुआ खेलने का कार्य जुई-देखो 'दुई'। | जू झळ, जू झळाट - स्त्री० झुंझलाहट, क्रोध का प्रावेग । साऊ वि० [सं०] बौद्धिक] १ युद्ध संबंधी युद्ध का २ वीर जूड़ौ पु० १ स्त्रियों के सिर के बालों की मोटी गांठ २ एक । पशुओं के पैर बांधने की रस्सी । ४ देखो 'बुध' ४ देखो 'जोड़ी' रस पूर्ण । ३ कठोर परिश्रम का । साथ बंधे दो पशु जुझारवि० [सं० युद्धकार ] १ परोपकार के लिए युद्ध में वीर गति प्राप्त करने वाला । २ पीर । ३ शक्तिशाली । ४ वीर योद्धा । जूज - १ देखो 'जुध' । २ देखो 'जुज' । जूजग्री (बी) देखो 'जुजुषी' जूट -- देखो 'जूट' | जूजाऊ देखी 'भाऊ' । जूडी ० १ ज्वार बाजरे यादि का जड़ सहित उखाड़ा हुया जुजार देखो 'जु'भार' - पु० । पौधा । २ उक्त पौधे की जड़ । जूनियर (वार), जीवार पु० [सं० पुढकार] योद्धा, सुभट, जू (न) स्त्री० [सं० योनि] १ जन्म २ योनि जीय योनि । बहादुर । । । ५ - ३ जीवन, जिन्दगी ४ शरीर, देह [देशन] मूंज या घास की बनी छोटी रस्सी । ६ कच्चे मकान की छाजन में ऐसी रस्सी से लगाया हुआ बंध । ७ ऊंट को खिलाया जाने वाला मांस । ऊंट के पैरों का ऊपरी भाग १ ऊंट के बैठने का एक ढंग १० वाट की बुनाई जूती (बी) देखो 'जू'भी' (बी)। के मध्य के ताने । ११ मस्स्थल में होने वाला खोप जूशार देखो 'कार' | । नामक पौधा । १२ इस पौधे से बनी रस्सी । जूजुश्री जुजुधौ, जूजू (म्रो यौ, बौ) वि० [सं० युतायुत] (स्त्री० जूजुइ, जूजुई, जूजुत्री जूजूइ जूजूई, जूजूवी) पृथक, भिन्न, अलग - देखो 'जुध' । जूझ । । जूउं - देखो 'जुनी' | जूड वि० [सं०युत] १ सहित साथ २ सम्पन्न । जूप्रो- पु० १ हंस । २ देखो 'जुप्रो' । ३ देखो 'जुदी' । जूड़णी (बौ) - १ देखो 'जुड़णी' (बी) । २ देखो 'जोडणी' (बौ) जूड़ाजूड़ - वि० सघन, घना | जूठौ जूड़ियाँ - पु० ऊंट या बकरी के बालों की बनी रस्सी । जड़ी स्त्री० १ तंबाखू के पत्तों का छोटा पूचाल । २ शीत लगकर श्राने वाला ज्वर । जूट पु० [सं०] १ समूह २ समुदाय ४ बैलों की जोड़ी । ५ जोड़ी, युग्म । - जूट (बौ) - देखो 'जूटणी' (बौ) । जूठ-देखो 'जुठी'। जूठन स्त्री०बातें छोड़ा हुआ पदार्थ २ उष्टि भाग - वि० व्यवहार या काम में लिया हुआ । भुक्त जूठलौ, जूठिलु, जूठिलो ( ल्लु ) - १ देखो 'जुधिस्ठर' । २ देखी 'नूठी' ३ पटसन, वस्त्र | For Private And Personal Use Only जूठी - वि० [सं० जुष् जुष्ठ ] (स्त्री० जूठी ) १ खाने से बचा हुआ, खाते-खाते छोड़ा हुवा २ व्यवहार में लाया हुधा, भोगा । हुआ ० १ खाते समय छोड़ा हुया खाना, अवशिष्ट खाना । २ देखो 'झूठी' ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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