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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जटामासी ( ४४४ ) जणपय ७ जटामासी । ८ जड़ या मूल । -चीर-पु. शिव, | जठरि-देखो 'जउर'। महादेव । -जूट-पु. जटाओं का समूह । शिव की जठा-क्रि० वि० जहां, तहां, तत् । -प्रगनि='जठराग्नि' । जटा । -धर, धार, धारी-पु० शिव महादेव । संन्यासी, जठी (ठे, है)-क्रि० वि०१ जिस भोर, जिस तरफ । २ जहां, फकीर । एक भैरव। -माळी-पु० शिव । जिधर । ३ वहाँ । जटामासी-स्त्री० एक सुगंधित वनस्पनि विशेष । जडंबा-स्त्री० चौसठ योगिनियों में से एक । जटाय-देखो 'जटायु'। जड-देखो 'जड़' । जटायत-पु० शिव, महादेव । जडचर-पु० [सं० जडश्चर] ४९ क्षेत्रपालों में से एक । जटायु-पु० [सं० जटायु:] एक प्रसिद्ध गिद्ध । जडटोप-पु. शिरस्त्राण, टोप । जटायुज-पु० घोड़ा. अश्व । | जडणी (बौ)-क्रि०१ टिड्डी दल का घनी भूत होना । २ अधिक जटाळ (ळि, ळी, लौ)-पु० [सं० जटाल, जटाल:] १ शिव, या घना होना। ३ मोटा होना । ४ देखो 'जड़णी' (बी)। महादेव । २ जटाधारी व्यक्ति । ३ २४वां क्षेत्रपाल । जडता-स्त्री०१ मुटापा । २ देखो 'जड़ता। ४ वट वृक्ष । ५ ८८ ग्रहों में से ५३वां ग्रह । (जैन) | जडधर (धार, धारी)-पु० [सं० जटधर] १ शिव, महादेव । ६ जटा समूह । ७ शेर, सिंह । -वि० जटाधारी। २ कटारी, कृपाण । जटासुर-पु० एक राक्षस । जडभरत (भरतरी)-पु. एक पौराणिक राजा । जटि-पु० [सं० जटि:] १ जटाजूट । २ गूलर का वृक्ष । जड़लक (लग)-पु० १ तलवार । २ कटार, कृपाण । ३ जमाव । ४ शिव । ५ जटा। ६ वट वृक्ष । जडलगधी-स्त्री० कटारी। जटित-वि० जड़ा हुआ, जड़ित । जडलग-देखो 'जडलग'। जटियळ-पु० शिव। जडा-देखो 'जटा'। (जैन) -गि='जड़ाग'। -धर, धार, जटिया-स्त्री० १ चमारों की एक जाति । २ कुम्हारों की एक धारी='जटाधारी'। शाखा । जडाई-देखो 'जड़ाई'। जटिल-वि० [सं०] १पेचीदा, दुरूह । २ कर, दुष्ट । ३ परेशान जडाळी-स्त्री० कटारी, कृपारण । करने वाला । -पु० [सं० जटिल:] १ शेर, सिंह । जडि-देखो 'जटि'। २ बकरा । ३ ब्रह्मचारी। ४ शिव, महादेव । ५ फकीर। जडिल-देखो 'जटिल'। जटिला-स्त्री० [सं०] १ ब्रह्मचारिणी। २ गौतमवंशीय एक जडीउ-देखो 'जड़ियों'। ऋषि की कन्या । जडौ-देखो 'जाडो'। जटी-वि० [सं०] १ जटाधारी । २ देखो 'जटि' । -क्रि० वि० जङ-पु० हाथी । (जैन) जहां, तहां। जड्डौ-देखो 'जाडो'। जटीपू-पु० [सं० धूर्जटि] शिव, महादेव । जण-स्त्री० १ जन्म, उत्पत्ति । २ संतान, पोलाद । ३ देखो जटेत, जटेल, जटेस, जटेसर, जटेस्वर, जटेल, जटस-पु० [सं० 'जन'। -वि० १ उत्पादक। २ सज्जन। -सर्व० जिस । जटा+ईश्वर] १ सिंह, शेर । २ शिव । ३ योद्धा, वीर । । क्रि० वि० जब । ४ जटाधारी। जरणअ-देखो 'जनक'। जट्ट-१ देखो 'जट' । २ देखो 'जटा'। ३ देखो 'जाट'। जणइ-वि० [सं० जननी] उत्पन्न करने वाली । (जैन) जट्टा-देखो 'जटा' । -क्रि० वि० उसी वक्त, तुरंत । जट्टाय-देखो 'जटायु'। जगइउ, जगईत्तर, जरणईत्त-पु० [सं० जनयितु] जनक, पिता। जट्टि (ट्टी, ट्ठी)-१ देखो जटि'। २ देखो 'जट' । जरणउ-१ देखो 'जण' । २ देखो 'जन' । ३ देखो 'जटी'। जणक-देखो 'जनक'। जठर-वि० [सं०] १ कठोर । २ दृढ़, मजबूत । ३ वृद्ध, बूढ़ा। जजण, जणज्जण-वि० प्रत्येक, हरेक । ४ निष्ट । -पू०१ उदर, पेट । २ मेदा, उदराग्नि । जणण-देखो 'जनन'। ३ कुक्षि, कोख । ४ गर्भाशय । ५ प्रान्तरिक भाग या जणणि (णी)-देखो 'जननी'। हिस्सा। -अगनि, अग्नि, अनल-स्त्री० अन्न पचाने वाली जणणी (बी)-क्रि० १ संतान को जन्म देना, प्रसव करना । पेट की अग्नि । २ जानना। जठराळ-देखो 'जठर'। | जणपय-देखो 'जनपद' । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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