SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 451
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जगय जगय-पु० [सं० यकृत] कलेजा। (जैन) जगारगो (बी)-क्रि० १ जागृत करना, जगाना । २ नींद से जगरंजण (न)-पु० ईश्वर। उठाना । ६ होश दिलाना । ४ ठीक दशा में लाना । जगर-देखो 'जिगर'। ५ प्रज्वलित करना । ६ विशेष तौर से तैयार करना । जगराणी-स्त्री० १ लक्ष्मी । २ दुर्गा । ३ सरस्वती। ७ देव को सिद्ध करना। ८ जागरण दिराना । जगराज-पु० १ चन्द्रमा । २ ऋषि, तपस्वी। जगात-स्त्री० [अ० जकात] १ दान, खैरात । २ कर, महसूल । जगराय (व)-पु० ईश्वर । शिव । जगातमा-स्त्री० [सं० यज्ञात्मा] विष्णु । जगराया-स्त्री० देवी, दुर्गा । | जगादीस-देखो 'जगदीस' । जगरौ-पु. १ प्राग की बड़ी लपट । २ शीघ्र प्रज्वलित होने | जगामग, (मगि, मगी)-देखो 'जगमग' । वाला, कचरा कूड़ा। जगार (रि, री)-पु० [सं० यज्ञारि राक्षस, असुर । जगलिंग-पु० [सं० यज्ञलिंग] श्रीकृष्ण का एक नाम । जगावरणौ (बो)-देखो 'जगाणी' (बी)। जगळ (ळांण)-पु० कोल्हू में अध कचरे तिल । | जगि (गी)-पु० [सं० यज्ञि, यजिः] १ यज्ञ की क्रिया । २ यज्ञ जगबंच-वि० संसार को धोखा देने वाला ठग, धूर्त । करने वाला । ३ यज्ञ । जगववरण (न)-पु० [सं० जगवंदन] ईश्वर ।। जगीस (सी)-स्त्री० १ इच्छा, अभिलाषा । २ जिज्ञासा । जगवलक-पु० याज्ञवल्क के पिता। ६ कीति, यश । ४ युद्ध । ५ ईश्वर । जगवारणी (बो)-क्रि० १ जगाने के लिये प्रेरित करना । जगु, जगू-देखो 'जग' । २ जागरण दिराना। ३ उत्साह दिलाना। ४ जलवाना, जगेसर (सुर, स्वर)-पु० [सं० यज्ञेश्वर] श्रीविष्णु । प्रज्वलित कराना। जग्ग-देखो 'जग' । जगवाराह-पु० विष्णु का एक नाम । जग्गीस-देखो 'जगीस' । जगवासग-पु० ईश्वर । जग्य, जग्यन-देखो 'यग्य' । जगवीरय-पु० विष्णु का एक नाम । जग्यामेनी-स्त्री० [सं० यज्ञसेनी] द्रौपदी। जगवेल-स्त्री० सोमलता। जम्योपवीत पु० [सं० यज्ञोपवीत] उपनयन संस्कार, जनेऊ। जगसंतोख-स्त्री० नदी। जघन्य-वि० [सं०] १ अंतिम । २ निकृष्ट, हेय । ३ नीच, दुष्ट । जगसत्र -पु० असुर, राक्षस । ४ गहित । ५ शूद्र । अगसाई (सामी)-पु० जगत का स्वामी, ईश्वर । जघन्यभ-पु० [सं०] छः नक्षत्र-पार्दा, प्रश्लेषा, स्वाति, ज्येष्ठा, जगसाखी-पु० [सं० जगत्साक्षी] सूर्य । भरणी और शतभिषा । जगसाधन-पु० विष्णु का एक नाम । जग-वि० [सं० जड़+अंग] मूर्ख, असभ्य, गंवार। जगसाधार-पु० विष्णु, ईश्वर । जड़-स्त्री० [सं० जड, जटा] १ किसी वृक्ष, पौधे, लतादि का जगसाळा-स्त्री० [सं० यज्ञशाला] यज्ञशाला । मूल, जड़ । २ नीव, बुनियाद । ३ मूल तत्त्व, मूल बात । जगसाळी-पु० [सं० जगण्यालक] वेश्या का भाई । ४ असली कारण । ५ सर्दी, शीतकाल । ६ ठण्डक । -वि० जगसास्त्र-पु० यज्ञ शास्त्र । • १ ठंण्डा, शीतल । २ निर्जीव, अचेतन । ३ गतिहीन, जगसूकर, जगसेन-पु० विष्णु। निश्चल । ४ मूढ़, मूर्व । ५ विवेक या ज्ञान शून्य । ६ सुन्न । जगसेव-पु० शिव। .. ७ गूगा, मूक। जगस्वामी-पु० ईश्वर, विष्णु । जड़करणी (बौ), जड़पकरणो (बौ)-क्रि० १ प्रहार करना । जगह-देखो जायगा'। २ मारना। ३ झटका देना। ४ फटकारना । जगहत्य (हय)-पु० दिग्विजय । -पत्र-पु० दिग्विजय का जड़ड़णी (बौ), जड़णौ (बो)-क्रि० [सं० जटन] १ कपाट बन्द चुनौती पत्र । करना, सटाना। २ नगीने आदि की जड़ाई करना, बैठाना। जगहरता-पु० ईश्वर, शिव । ३ प्रहार करना। ४ शस्त्र-कवच से सज्जित होना। ५ कान जगहेत-पु० ब्रह्मा। भरना, चुगली करना । ६ जमाना, स्थिर करना । ७ प्रविष्ठ जगहोता-पु० यज्ञ में देवताओं का आह्वान करने वाला। करना, जम कर रहना । ८ मजबूत बांधना, कसना । जगा-देखो 'जायगा'। ६ संश्लिष्ट होना । १० पतन होना, गिरना । जगचख-देखो 'जगचख'। जड़त-स्त्री० पच्चीकारी, जड़ाई । जगजोत (जोति)-स्त्री० जगमगाहट । जड़बंद-वि० समूल, जड़ सहित । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy