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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्रीमड़ी भडो देव या देवी 'पाया' । । दीप्रव्य० [सं०] दी] तिरस्कार या घृणा सूचक ध्वनि विशेष । स्त्री० १ बच्चे का पाखाना । २ घृणित वस्तु ३ कटि मेखला । ४ जीव । ५ । ६ सार । ७ कांति । दरी www.kobatirth.org छोरी स्त्री० [सं० [का] एक क्षुप जो पौषधि के रूप प्रयुक्त होता है । छीछी प्रव्य० घृणा सूचक ध्वनि। स्त्री० घृणित वस्तु । - ४१२ ) डीजी (बी० [सं० तीपू] कमी, पाटा या हानि । । होना २ क्षय होना ह्रास होना, क्षीण होना ३ खीजना, कुढ़ना । ४ दुःखी होना । ५ डरना । ६ जलना, शुष्क होना । झुंझलाना ८ व्याकुल होना । छीजत स्त्री० [सं० क्षीष] १ कमी, घाटा । २ क्षय, ह्रास | ३ कुड़न, खोज ४ चिता फिकर घुटन डीआरपी (यो), दोजावी (ब) ० १ कमी करना, घटाना । २ क्षय करना । ३ खीजाना, कुढ़ाना। ४ दुःखी करना । पाखाना । ग्रीज स्त्री० १ कमी, हानि, घाटा । २ खीज, कुढ़न । ३ क्षय । छीपा - स्त्री० ४ व्याकुलता, बेचैनी । हरियो पु० छिछला ताल तलैया । खीरा-१ देखो 'क्षीण' । २ देखो 'चीण' । 1 छोरो (बी) - क्रि० १ कोसना, लूटना, झपट कर लेना । २ बलात् ले लेना । ३ अनुचित कब्जा करना । छीनवो देखो 'निवो' । छीनाखो (बो), छीनावणी (बो)- क्रि० १ कोसाना, लुटवाना । २ बलात् लेने के लिए प्रेरित करना । ३ अनुचित कब्जा सागर । ५ डराना । ६ जलाना, शुष्क करना । छीरप पु० [सं० क्षीरप ] बच्चा, शिशु । खोजी - वि० (स्त्री० छीजी) १ डाह करने वाला, कुढ़ने वाला । छोरल - पु० [सं० क्षीरल ] एक प्रकार का सर्प । २ क्रोधी । छीरोदधजा-स्त्री० लक्ष्मी । हुआ । छीगती कपट, धोखा, माल, धूर्तता । छीदरियो, छोदरी, छोवौ - पु० (स्त्री० छोदरी) १ तरल पदार्थ । २ अधिक पानी मिली वस्तु । वि० १ छिछला, पतला । २बेदार छवि विरल, बारीक ४ चौड़ा । हीन देखो 'शी' २ देखी 'खो' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कराना । छीनो - वि० [सं० क्षीण] खिन्न, दुःखी, उदास । छीप-स्त्री० [सं० क्षिप्र ] शीघ्रता, जल्दी । वि० तेज, जल्दबाज । छीपरी (बौ) - क्रि० स्पर्श करना, छूना । १ वस्त्र रंगने का कार्य करने वाली जाति । २ गुजराती नहीं की एक शाखा । छोब देखो 'वि' | छोबरी स्त्री० १ एक पक्षी विशेष २ पतली छाछ ३ पहले व । । सफेद बादल । छावळी स्त्री० एक देशी खेल । छीपछीया स्त्री० [सं० त) छींक (जैन) छवां स्त्री० छाया छोर-पु० [सं० शीर] दूध -ज-पु० दही, चन्द्रमा, कमल, शंख । - जा - स्त्री० लक्ष्मी । समुद्र, सागर पु० क्षीर छीरातन वि० कृश काय, पतला दुबला । । स्त्री० [पत्थर तोड़ने या गढ़ने की लोहे की मोटी कील, छील स्त्री० प्राभूषण विशेष टांकी । 7 छी, (i) - क्रि०वि० टूटने से कटने से । छीपोटगी-स्त्री० बारीक जूं । छीलर [स्त्री० १ रेजगारी, रेजगी छोरि, छीलरियउ, छोलरियो, १ बिले पानी का गड्ढा ३ बेसन का नमकीन परांठा । छोली- पु० पलाश वृक्ष, ढाक । छीव - वि० मस्त, उन्मत्त । छीणो-देखो 'श्रीगा' । छीतर - स्त्री० १ पथरीली या पहाड़ी भूमि । २ एक प्रकार का पत्थर वि० [सं० छिबर] कपटी, धूर्त । पीतरी स्त्री० [पतली या अधिक पानी मिला मट्ठा, छोटे छीयोल्लम-पु० निदार्थक मुख विकार (जैन) छाछ, छोटे बादल - वि० छिछली, छितराई हुई । छीतरौ - वि० (स्त्री० छीतरी) छिछला बिखरा हुआ, छितराया हृद छीलरणी ( बौ) - क्रि० १ किसी वस्तु का छिलका उतारना, छीलना । २ प्रावरण हटाना । ३ मींगी या गूदा निकालना । ४ काटना । - पठीशी० ० रुई धुनने की आवाज । छुमुस- स्त्री० उत्कण्ठा । (जैन) दवि० ज्यादा (जैन) । २ देखो''। छीलरी - पु० [सं० छिद्रल] या २ छोटा तालाब For Private And Personal Use Only छु-स्त्री० १ मशक । २ जुगुप्सा । ३ तृष्णा । अव्य० कुत्ते को उत्साहित करने की ध्वनि । छुप्रात स्त्री० किसी को स्पर्शं करने, साथ रखने या सम्पर्क करने आदि का परहेज, अस्पृश्यता ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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