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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir छपई प्रमाई छपई-देखो 'छप्पय'। छबरणी-पु० द्वार की चौखट के ऊपर लगने वाला बड़ा पत्थर । छपको-पु. १ पानी का छपाका । २ बड़ा छींटा । ३ ध्वनि छबरणी (बी)-क्रि० १ स्पर्श करना, छूना। २ छवि देना, शोभा विशेष । देना । ३ छाया जाना, पाच्छादित करना । छपटी-स्त्री० लकड़ी का छिलका, टुकड़ा, छत्त । | छबभुत-वि० [सं० अद्भुत] विचित्र, अद्भुत । छपरणों (बो)-क्रि० १ मुद्रित होना, छापा जाना । २ चिह्नित छबर-छबर-स्त्री० [सं० शंवर] प्रश्रुधारा । -प्रव्य० सिसकहोना, अंकित होना। सिसक कर। छपद-पु० [सं० षटपट] भ्रमर, भौरा। छबल (लो, ल्यौ)-देखो 'छाब' ।। छपन-देखो 'छप्पन' । छबि, छबी-स्त्री० [सं० छवि] १ शोभा । २ कांति, प्राभा, छपनमौ (वौं)-देखो 'छप्पन मौं' । दीप्ति । ३ प्रभा, किरण । ४ सौन्दर्य । ५ तस्वीर, चित्र । छपनौ-देखो 'छप्पनौ' । ६ रूप, स्वरूप । ७ रंग वर्ण । छपन्न-देखो 'छप्पन'। छबिलौ, छबीली-वि० १ सुन्दर, छवि वाला। २ सजा हुआ। छपय-देखो 'छप्पय' । देखो 'छपद' । ३ शौकीन । छपर-देखो 'छपरौं'। छबीनी-पु० रात्रि में सेना के चारों प्रोर नक्कर लगाने वाला छपरबंदी-स्त्री० छपरा बनाने का कार्य । घुड़सवार। छपरी, छप्परी-स्त्री० १ ऊटों की एक जाति । २ खुला मैदान । छबू-पु. एक प्रकार का सुगंधित पुष्प । छपरौ-पु० १ घास फूस का छप्पर । २ छपरी जाति का ऊंट। छबोल (ड़ी, डो)-छबोलि (ली)-देखो 'छाब' । छपा-स्त्री० [सं० क्षिपा] रात्रि निशा। -कर-पु. चन्द्रमा। छब्बीस-वि० बीस व छः, छब्बीस । -स्त्री० बीस व छः की छपाई-स्त्री०१ मुद्रण, मुद्रण का कार्य । २ अंकन। । संख्या, २६ । छपाको-पु० १ बड़े छींटे की आवाज । २ पानी में कोई वस्तु के छब्बीसौ-पु० छब्बीस का वर्ष । गिरने से उत्पन्न ध्वनि, छपाका । ३ बड़ा छींटा ४ चकत्ता। छब्बी-पु० टोकरा । ५ रक्त विकार का एक रोग विशेष । छठ्यि -पु० हाथी का गंडस्थल । छपाणी (बी), छपावरपी (बी)-क्रि० १ मुद्रित कराना । छमा- देखो 'सभा' । २ मुद्रांकित कराना । ३ छिपाना । छमंक-स्त्री० पायल की झन्कार । छप, छप्पई-देखो 'छप्पय'। छमंटा-स्त्री. आग की लपट । छप्पन-वि० [सं० षट्पंचाशत् ] पचास व छः । -पु० छप्पन की छम-स्त्री० घुघुरू की ध्वनि, पायल की छम-छम । झन्कार । संख्या, ५६ । -वि० [सं० क्षम] समर्थ, बलवान । छप्पनमो (बो)-वि० छप्पन के स्थान वाला। छमकरणो (बो)-क्रि० १ घुघरू, पायल प्रादि बजना । २ अंकृत छप्पनौ-पु० ५६ का वर्ष । होना। ३ सब्जी छोंकना, छोंका लगाना । छप्पय-पु० [सं० षट्पद] १ छः चरणों का एक मात्रिक छन्द । छमकारणौ (बी), छमकारणौ (बी), छमकावणी (बी)-क्रि० २ देखो 'छपद' । १ घुघरू, पायल प्रादि बजाना । २ अंकृत करना । छप्पर- देखो 'छपरौ' । ३ सब्जी छोंकाना, छोंक लगवाना । छप्परहो, छप्परियो- देखो 'छागै'। छमको-पु० १ छोंका, तड़का । २ नूपुर ध्वनि । छप्पे-देखो 'छप्पय'। छमच्छर-पु० [सं० संवत्सर साल, वर्ष, संवत । छप्रभंग-स्त्री० घोड़े के पीट की भौरी । छमछम-स्त्री० छमछमाहट । मजीग । -क्रि० वि० झनकारते छव-वि० [सं० सर्व ] सब, सर्व, समस्त । -स्त्री० छबि, शोभा, स्पर्श। -काळ (ळो)-पु० डिंगल छंद रचना का एक छमछमणी (बी) कि० छम-छम करना, झंकृत होना । दोष । -वि० धब्बे वाला, चकत्तं वाला। -काळी-स्त्री. | छमछमारणो (बो)-क्रि० घुघरू या पायल बजाना, झंकृत रंग-बिरंगी। करना । छबको-पु० धब्बा, चकत्ता। छमछरी-स्त्री० [सं० संवत्सरी] १ बरसी, मृत्यु दिन । २ पर्दूषण छबक्करणी (बी)-क्रि० धारन करना। __ का आखिरी दिन । (जैन) छ बड़ि (डी, डो यौ)-देखो 'छाब' । छमा-देखो 'क्षमा'। छबजारण-पु० [सं० सर्वज्ञ] ईश्वर, सर्वज्ञ । छमाई-देखो 'छमासी'। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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