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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 悔 www. kobatirth.org ( २६३ ) घि स्त्री० १ मृगतृष्णा । ४ विस्तार, फैलाव । चिचपिच वि० १ अस्पष्ट २ गड़बड़ ३ गंदगी ४ बेतरतीब २ चंवर, चामर । ३ धर्मं । घोंसार पु० [सं० घुष्टचार ] १ बड़ा मार्ग, राज पथ । २ दल, समूह । ३ सेना, फौज । पींसोड़ी देखो 'हिपोड़ी' । - पु० १ स्थानाभाव । २ संकरापन तंगी । ३ भीड़-भाड़ । घिटोरड़ी स्त्री० यह भेड़ जिसने बच्चा न दिया हो । दिवास्वी० सोही घात धिरणी - स्त्री० १ घुमाव मोड़ । २ देखो 'धरणी' । पिरलो (ब) ० १ किसी पेरे में धाना, प्रावृत होना। २ प्रावेष्टित होना, लपेट में चाना। ३ एकत्र होना, संगृहीत होता । ४ पुष्ट होना । ५ प्राप्त या उपलब्ध होना । ६ चारों ओर छाना । ७ देखो 'गिरणी' (बौ) । घिरत ( रित) - पु० [सं० घृत ] घृत, घी, गोरस, मक्खन । घिरळणौ (बौ) देखो 'घुरळणी' घिराई, घिराव स्त्री० १ घेरने (बी) । की क्रिया या भाव। २ घेराव | ३ आवेष्टन ४ पेरने को मजदूरी । ५ मवेशी चराने का कार्य व इसका पारिश्रमिक | पिल, पिलोडियो चिलोड़ी-स्त्री० भी रखने का छोटा पात्र । बिस्पो देखो 'परनियों' । घीकरणt (at) - क्रि० प्रहार करना। वार करना । घोड़ी-स्त्री० लकड़ी का वह उपकरण जिस पर हल रख कर | घीकुंभार ( कुंवार, कुमार ) - पु० [सं० घृत कुमार ] ग्वार पाठा । दीवाली (बी), पीपावली (बी) देवो 'गीगाणी' (बी)। घीड़-पु० एक बरसाती कीड़ा। बड़ी दीमक । खींचा जाता है। पिरणा-देखो 'घा'। atrift (तावरियो ) - पु० मक्खन को तपाकर घी निकालने का पात्र घीतोरू स्त्री० एक प्रकार की तोराई । घीतोळौ - पु० जलाशयों में होने वाला एक लता फल । घीद-देखो 'गिद्ध' । घीयड़ देखो 'घीड़' । घीयाई पु० कर । घीया भाटौ पु० एक प्रकार का पत्थर । संगेजर्राहत । धीरत-देखो 'पिरत घिसाई - देखो 'घसाई' | fuerit (at), घिसावरणौ (बौ) - देखो 'घसारणी' (बी) । घिसिरसिर-सो farai - पु० १ धोखा | २ झासा | ३ डींग | घोंगल पु० गोवर का कीड़ा विशेष चरण (ब) देखो 'घ' बो घींचा (बौ), घींचावरणी (बौ) - देखो 'घींसारखी' (बी) । घयो- पु० सिचाई की नालियां साफ करने का घास आदि का गुच्छा धीमरापू छो- पु० नदी का पसरणी (बो) ० १ पसीना २ खींचना, ऐं चना | ३ रगड़ना । ४ हांकना । ५ चलाना । साली (बी), पौसावली (दो) ० १ पसीटवाना २ बिच बाना । ३ रगड़वाना । ४ हकवाना । ५ चलवाना | घी-पु० [सं० घृत] १ घृत, गोरस, मक्खन २ तस्व, सार । पौधा-देखो 'पिया' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बुधराकी " ० घी उत्पादकों से लिया जाने वाला एक जागीरदारी 'पी-देखो 'पी'। धीवेल [स्त्री० वर्षा ऋतु में होने वाली एक नता विशेष घोसरणपू छौ- देखो 'सरणपू छो' । पीसणी (बी) देखो 'पीसो (बो)' घिव, घिवड़ौ - पु० [सं० घृतः ] घी, घृत । घिस पु० [सं० [प] भोजन घिसघस - स्त्री० १ विचारों की अस्थिरता । २ कानाफुसी । घीसारणी (बौ), घीसावरणौ (बौ) - देखो 'धींसारणी (बो) 1 ३ गड़बड़ी । घोसार - देखो 'घींसार' । घिसटर ( वो)- देखो 'घसीटरणी' (बो) । पीसाळ - ० दुर्ग किला । fuerit (बौ) - देखो 'घसरणी' (बौ) । घुंगची. घुंघची-स्त्री० [सं० गुंजा ] चिरमी का पौधा व फल । घुघट- देखो 'घुघट' | घिसपिस देखो 'घिचपिच' । 1 करी (कारी) स्वी० १ का काक के बैठने का खड्डा । घुंघराळी घु घरेदार पु० घुमावदार, छल्लेदार, घुंघराला । घुघरी-देखो 'घूघरी' | घुंडी - स्त्री० १ ग्रन्थि, गांठ । २ बटन । दार- पु० बटन वाला । घु पु० [सं०] १ कबूतर की गुटरगूं । २ स्पष्ट २ अस्पष्ट शब्द | ३ ग्रहि । वि० १ शठ, दुष्ट । २ दयालु, कृपालु । २३ कुबादि घुग्घर-पु० घग्घी स्त्री० रूई व ऊन की घोंधी । घुग्घू ( घुघु ) - पु० उलूक पक्षी । बुध-स्त्री० भड़ी। घुघराळौ - देखो 'घुंघराळी' । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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