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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गिरोली ( ३३२ ) गुजारव गिलोरी-मांडिया-स्त्री० घी युक्त रोटी। गीतारी-स्त्री. १ झुण्ड बनाकर रहने वाला एक पक्षी। २ गायन गिलोळ-देखो 'गुलेल'। विद्या में प्रवीण स्त्री। गिलोळी-पु. १ मिट्टी की बनी छोटी गोली । २ गुलेल से फेंका | गीतिका-देखो 'गीतका'। जाने वाला कंकड़। गीतेरण-देखो 'गीतणी'। गिलोवरणी. (बो)-देखो 'गिलोगो' (बी)। गीदड़-पु० सियार, शृगाल । - गिलो-पु० १ झगड़ा, टंटा। २ निंदा, अपकीति । ३ खबर, गीदल-स्त्री०१ अांधी निकलने के बाद अाकाश पर छायी रहने सन्देश । ४ हंसी, मजाक । वाली गर्द । २ देखो 'गिद्ध' । गिल्ली-स्त्री०१ गुदगुदी । २ गुल्ली। गोदी-देखो 'गादी'। गिवल-पु० रोझ। गोध-देखो 'गिद्ध'। गिव्वर-पु० [सं० गिरिवर] पर्वत, पहाड़ । गोया-स्त्री० एक मात्रिक छंद विशेष । गिसी-वि० [अ० गिश्श] अशुभ, भयंकर । गीरंद-देखो 'गिरीद'। गिस्ती-देखो 'ग्रहस्थी'। गीरथ-पु० [सं०] १ बृहस्पति का नाम । २ जीवात्मा । गींऊ-देखो 'गंऊं'। गीरदेवी-स्त्री० [सं० गीदेवी सरस्वती, शारदा। गोंगरणी-स्त्री० पीले नेत्रों का एक छोटा पक्षी । गोरपति (ती)-पु० [सं० गीपंति] १ बृहस्पति । २ विद्वान, गोंडवौ-देखो 'गोंदवौ'। पंडित । गौंडाळियौ, गोंडाळी, गोंडोळियो, गीडोळी-पु० वर्षा ऋतु में होने | गीलापण (परणौ)-पु० प्रार्द्रता, नमी, तरी। वाला एक मोटा कीड़ा। गीलो-वि० (स्त्री० गीली) भीगा हुअा, नम, तर । गौंदवी-पु० [सं० गेंदुक] उपधान, छोटा गोल तकिया। गीलोपनौ (पन्नी)-वि० सुकुमार, सुन्दर, नाजुक । गी-स्त्री. १ शोभा. छबि । २ स्त्री । ३ वाणी । ४ सरस्वती । | गोल्लसणौ (बौ)-क्रि० निगलना, ग्रसना । ५ अमृत । -वि० १ कठोर । २ गत । गीसम-देखो 'ग्रीस्म'। गोग्रामाळती-स्त्री० एक मात्रिक छंद विशेष । गुगट-पु०१ धू-धू का शब्द । २ घूघट । गीखम-देखो 'ग्रीस्म'। गुछळ-देखो 'गूछळो'। गीगलौ, गीगौ-पु० (स्त्री० गीगली, गीगी) छोटा बच्चा, शिशु । गुंज-देखो 'गूंज' । गीगारणों. (बो)-क्रि० १ जोर से रोना । २ करुण क्रंदन करना। | गुजरणौ (बौ)-देखो 'गूंजणी' (बौ)। गीगोड़ी-स्त्री० बरसाती कीट विशेष । गुजन-पु० [सं०] १ भ्रमर गुजार की आवाज । २ मधुर गीजड़-पु० अांख का मैल । हवनि । गीजा-स्त्री० बिना नगीने की अंगूठी । गुजा-स्त्री० [सं०] १ घुघची नामक लता । २ इस लता का गोड-पु० [सं० किट्ट] आंख का मैल । फल या बीज। ३ धीमी आवाज। ४ ढोल । ५ ध्यान । गीण-स्त्री० टीस, कसक। ६ खाद्य पदार्थ विशेष । गीणणो (बी)-क्रि० १ कराहना । २ चीखना ! ३ रोना। गुजाइस (ईस, यस)-स्त्री० [फा० गुंजाइश १ स्थान, जगह । गीत-पु० [सं० गीतम्] १ गाने योग्य कविता । २ भजन, पद । २ सुभीता । ३ व्यवस्था, प्रबंध । ३ लोक गीत । ४ डिंगल का छंद विशेष । ५ चौसठ गुजाणी (बी)-क्रि. १ ढीलापन मिटाना, कसना, कसावट कलाओं में से एक। ६ बहत्तर कलाओं में से एक । लाना (बढ़ई) । २ देखो 'गुजारणी' (बी)। ७ मांगलिक गायन । ८ यश, कीर्ति ।। गुजाफळ-पु० धुघची, चिरमी। गीतका-पु० १ एक मात्रिक छंद विशेष । ३ बीस वर्ण का एक | गुजामाळ-स्त्री० धूचियों की माला। छंद विशेष । गुंजार-स्त्री० १ भौंरों की गूज । २ ध्वनि विशेष । गीतणी-स्त्री० १ गीतों की गायिका । २ एक पक्षी विशेष । [सं० गुह्यागार] ३ सामान गृह, भण्डार । ४ गोदाम । पीता-स्त्री० [सं०] १ भगवद् गीता । २ राम गीता आदि ५ तल गृह । वेदान्त ग्रंथ । ३ वृत्तान्त, हाल । ४ कथा । ५ छब्बीस गंजारणौ (बी)-क्रि० [सं० गुञ्जनम्] १ गुनगुनाना । मात्रा का एक मात्रिक छंद । ६ छबीस वर्ण का एक वृत्त। २ गर्जना। ३ झंकृत होना । ४ दहाड़ना। गौतारथ-वि० [सं० गीतार्थ] बहुश्रुत (जैन)। | गुजारव (रवरण)-पु. १ मधुर ध्वनि । २ गर्जना । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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