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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra खति www.kobatirth.org ( २८५ ) प्रवीण, निपुण । खांदियाँ (खांधियो ) - पु० १ अर्थी के कंधा देने वाला । २ दाह संस्कार में जाने वाला । । खांत (तिती) यांति स्त्री० [सं० + अंत] १ खयाल यांनापूरी स्त्री० [फा०] किसी चक्र या सारणी में माप, स्थान, ख विचार ध्यान २ चतुराई, बुद्धिमानी इच्छा रुचि ४ व्यवस्था । ५ उमंग । ६ लगन । ७ बुद्धि । ८ सावधानी । ९ भिन्नता, भेद । १० धर्म । क्रि० वि० १ गौर से । २ विचारपूर्वक शब्द या संख्या लिखना, नक्शा भरना । क्रिया । खानाबदोस - वि० [फा०खानाबदोश ] १ अपनी गृहस्थी का सामान कंधे या सिर पर रखकर इधर-उधर घूमने वाला । २ वह जिसका घर बार न हों। खांतिल यांतील वि० (स्त्री०वांतीली) १ चतुर, बुद्धिमान यांनामुमारी स्त्री० [फा० मानावारी] किसी शहर ग्राम पा कस्बे के मकानों की गणना । खांनी क्रि०वि० र तरफ खांनेजाद- देखो 'खांनाजाद' । खांनौ पु० [फा० खानः ] ३ आलमारी का खरण या चक्र का विभाग । १ वंश, विभाग खांप स्त्री० १ गोत्र वंश । २ वर्ण, भेद, जाति । ३ शाखा | 1 ४ तलवार । ५ तलवार की म्यान । खांदी स्त्री० ० राज मिस्त्रियों से लिया जाने वाला कर । खांदेदी (देखो 'खांडों'। खांध - स्त्री० [सं० स्कंध ] १ अर्थी के कंधा देने की क्रिया या भाव । २ कंधा । ० कंधा । खांधड़ौ - पु० खांधीवाळ (ळौ) - वि० किश्तों में ऋण चुकाने वाला । पु० मिट्टी का दान गांधी० [सं०] कंप] १ कंपास २ पीठ ३ गर्दन खांन० [फा० बान] १ फारस और पठान सरदारों की उपाधि । २ कई ग्रामों का सरदार । ३ देखो 'खांण' | ४ देखो 'खां' । यांना० [० सागवानां] १ बहुत बड़ा सरदार २ बादशाह द्वारा मुगलों को दी जाने वाली उपाधि । खानगी वि० [फा० बानगी ] १ घरेलू निजका २ यांतरिक - सांनी दीर बहादुर पु० मुसलमान वदन । खांनजादौ पु० १ मुसलमान शाहजादा । २ अमीर घराने का पुत्र । ३ मुसलमान बना अच्छी जाति का हिन्दू | निदानका बान्दन] कुल वंश खांदांनी वि० [फा० खान्दानी ] १ ऊंचे कुल का, कुलीन । २ परंपरागत, पुश्तैनी, पैतृक । खानपान - पु० १ खाना-पीना । २ खाने-पीने का ढंग । नबहादुर पु० [फा०] ब्रिटिश काल की उपाधि विशेष | खांनसांमी पु० [फा०] रसोइया । ०१ भोजन २ भोज्य पदार्थ ३ एक वचन प्रदेश खराब वि० [फा०] खानासराव १ बिगाड़ करने वाला। २ चौपट करने वाला । ३ श्रावारा, लफंगा । ४ पथभ्रष्ट । ५ दोगला । ६ प्रभागा , आजाद, आवारा, दुष्ट । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खोप पु० [अ०] कफन] कपन [सं० अपरण] बौद्ध या जैन साधु, बौद्ध भिक्षुक । कमी प्रभाव । 1 बांक ०१ विना सत्यानाश २ संहार । खापो वि० कलहप्रिय लड़ा २ विकार ३ लकड़ी १ । विघ्नकारक । आदि की फांस, घोचा। खरड़ौ, खीलों-वि० उद्दण्ड, खांमी कुल । २ घर, मकान । ४ कोष्ठक । ५ सारणी । खांभी- पु० कुए पर बैल हांकने वाला । खांमंद - देखो 'खांवंद' । खांभ - देखो 'ब' । मी (मी), निलो (वी) ० १ मारना, संहार करना। २ रोकना । For Private And Personal Use Only खांम स्त्री० [सं० स्कम्भ ] १ संधि जोड़ने की क्रिया या भाव। २ रोक, अवरोध । ३ चपड़ी प्रादि लगाकर मुहरबंद करना । ४ सीमेंट, चूना आदि लगाकर बंद कर देना । ५ खान । ६ पहाड़ की कंदरा । ७ दल सेना वह माल गुजारी जो चावी दर से वसूल की जाती है। खामखां (मी) - क्रि०वि० व्यर्थ ही बेकार में यांचा स्त्री० चतुराई, हस्तकौशल खांमची - वि० चतुर, दक्ष । खांमरण-देखो 'खांम' । infant पु० १ छोटा गड्ढ़ा । २ ल्हे के प्रांग बर्तन रखने का स्थान वि० मुहर बंद करने वाला। रोकने वाला । खांमरणौ- पु० १ कद । २ देह । 1 खांमली (बी) - क्रि०वि० [सं० स्कम्भु ] १ सधि जोड़ना । २ रोकना । ३ मुह बंद करना । ४ सीमेंट आदि लगाकर बंद करना । नाग (गो० १ लाई २ खांनाजाद - ० १ घर में पलानीसा या पैदा हुआ। २ सेवक, दास, गुलाम । यांनाळासी पी० [फा०] वनातलाशी बोई हुई चीज के यांनी स्त्री० [फा०] बाबी कमी कर लिए मकान में तलाशी करना । ३ कच्चावट | ४ प्रभाव ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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