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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जरीट www.kobatirth.org ( २७२ ) ताल । गंजा ० एक मात्रिक छंद विशेष खंड जौ - । वि० [स्त्री० [पंजी) वह जिसके सिर के बाल न हो, गंजा ० [सं०] १ विभाग, अनुभाग २ हिस्सा भाग, अंश । ३ टुकड़ा । ४ अध्याय, सर्ग । ५ समूह, झुण्ड । ६ शक्कर, चीनी । ७ रत्न का दोष । ८ देश, मुल्क | ९ काला नमक । १० दिशा । ११ वन । १३ महादेव । १४ परिच्छेद । १७ नी की संख्या १२ मंजिल । खंजरीट (र) - पु० [सं०] १ खंजन पक्षी । २ एक प्रकार की खंडाळि स्त्री० [सं० खंड + प्रालिः ] १ तेल का एक नाप । २ सरोवर झील । ३ देवी, दुर्गा । ४ कामेच्छा वाली स्त्री । खंडाळा - पु० [सं० खंड + आलुच ] खड्गधारी योद्धा । चंडाळ स्त्री० [सं० खंड + बबली नंगी तलवारों की पंक्ति ] । डिक स्त्री० [सं०] कुक्षि च । खंडित - वि० [सं०] १ टूटा हुआ, भग्न । २ अपूर्ण । खंडिता स्त्री० [सं०] १ वह स्त्री जिसका पति अन्यत्र रात्रि व्यतीत करता हो । २ आठ प्रकार की नायिकाओं में से एक । खंडिनी - स्त्री० [सं०] पृथ्वी, भूमि । १५ तलवार । १६ मांस । - काव्य-पु० काव्य का अंश । लघु राजा परस पर पु० शिवखंडियन देखो 'खांडब' । । " । काव्य - पति पु० महादेव | परशुराम विष्णु राहु । दांत टूटा हुआ हाथी । --चीन स्त्री० मछली पुरी स्त्री० मीठी पुडी (पुरी) 1 - प्रळय-पु० ब्रह्मा का एक दिन बीतने प्रलय | -फरण-पु० एक प्रकार का सांप। विहंड - पु० विध्वंस, नाश । वि० - अपूर्ण मेह-पु० पिल की एक रीति । खंडण - (न) पु० [सं०] १ तोड़-फोड़ की क्रिया । खण्डन २ छेदन । ३ किसी बात या सिद्धांत की काट, निराकरण । ४ विरोध । ५ विप्लव ६ विसर्जन । वि० १ तोड़ा हुआ । २ टूटा हुआ । ३ कटा हुआ । ४ विभाजित । (ब) ० [सं० खण्डनम् ] १ टूट-फूट होना, टूटना। खंडित होना । २ कम होना, घटना । ३ विभक्त हो जाना । ४ खंडन करना, तोड़ना । ५ नष्ट करना । ६ संहार करना । ७ मारना । ८ निराकरण करना । ९ साथी को छोड़ देना । १० पृथक होना । खंडत - देखो 'खंडित' । पर होने वाला - बंड, बिहंड, । टूक-टूक । 4 खंडर-पू० १ नाग, संहार, ध्वंस २ देखो 'खंडहर'। खंडरणौ (बी) - क्रि० १ विध्वंस या नाश करना। २ मारना, संहार करना । खंड-पु० [सं०] मंडल] १ गवारी योद्धा, वीर २ देखो 'खंड' | खंडव- देखो 'खांडव' । खडवाळिपौ- ० [सं०] [ माच] गान से पत्थर निकालने वाला श्रमिक | खंडहर - पु० [सं० खंड + धर] इमारत का भग्नावशेष | टूटा मकान । खंड-स्त्री० [सं० खंड ] तलवार, खड्ग । खंडक - वि० [सं० खंड: + रा० प्र० प्राक] संहार करने वाला । खंडी (पी) - स्त्री० [सं० क्ष द्राण्डपीन] मछली । मंदार देखो रहर' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खंडी - स्त्री० [सं० खंडिनी ] १ पृथ्वी । २ एक प्रकार का व्यंजन । ३ देखो 'खंड' । ४ देखो 'खांडव' । ५ देखो 'खांड' । खंडीवन- पु० खांडववन । खावक - पु० अग्नि, आग | खंडोखंडि - वि० खंड-खंड, ट्रक-ट्रक | खंडौ- पु० [सं० खण्ड ] १ चुनाई का पत्थर । २ देखो 'खंड' | ३देखो 'खांडी' | धाबार jat - पु० १ धातु के बर्तनों की आवाज । २ झणझरणाहट । [सं० जनक] ३ चूहा । यंती १ अभिलाषा, इच्छा उत्कण्ठा । २ दाढ़ी । ३ देखो 'खत' । सि (ती) - स्त्री० १ लगन, इच्छा, अभिलाषा २ होश, चेतना । ३ देखो 'माति' । 'खंतौ- देखो 'खातो' । खंदक (डी) - स्त्री० [अ०] १ शहर या किले के चारों ओर खोदी हुई खाई । २ खदान | ३ खाई, खड्डा, गर्त । खंदाखिौ - देखो 'खंधी' | दाखल स्त्री खंदार - देखो 'गांधार' । बंदी देखो 'संधी' । खदेड़ी (दो) देखो 'पेड़ों' खो-देखो 'बंधी' । हस्ती हाथापाई 2 For Private And Personal Use Only खंध - पु० [सं० स्कंध ] १ कंधा अंश । २ शवयान के कंधा देने की क्रिया । ३ शरीर ४ गर्दन । ५ काव्य छन्द का एक भेद । ६ श्रार्या छन्द का एक भेद । खंधवालि - वि० [ स्कंध + बाल] वह जिसके कंधे पर बाल बिखरे हुए हों। खंधारण (न) - पु० [सं० स्कंधानम् ] गाह्रा छन्द का एक भेद । धागळि स्त्री० [सं० स्कंधकलि ] एक प्रकार का खेल । धाबार बंधार५० [सं० स्कंधावार:] १२ मंग्य शिविर ३ फौज, सेना ४ घोड़ा । ५ राजा, सरदार | ६ एक प्राचीन देश, 'कांधार' ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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