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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कूपी - स्त्री० तेल की कुप्पी । स्त्री० [सं० कंपनी सेना फोन कूंबूळ - पु० मस्तक, शिर । कुंबरी वि. कोमलांगी। कूद - स्त्री० गोल लकड़ी के बने चक्र पर लंबा पड़ा रहने वाला कूक स्त्री० १ चिल्लाहट, चीख २ पुकार, फरियाद । ३ लम्बी लट्ठा जिसके एक सिरे पर बैल जोते जाते हैं । आवाज । ४ रुदन । ५ कराह । ६ त्राहि-त्राहि । ७ कोयल की बोली । ८ हल्ला । कूं बड़ौ, कूं दवौ पु० घास का छोटा ढेर । कून- १ देखो 'कूण' । २ देखो 'कुरण' । कूंपळ (ळी) - पु० [सं० कुपल्लव] १ वृक्ष या पौधे की नई पत्ती । २३ पसलियों के संधिस्थल पर रहने वाली छाती की हड्डी । पल (सौ. लौ० स्त्रियों को काजल रखने की काष्ठ की कूकलो- १ देखो 'कुटनी' । , डिबिया । ३ देखी 'कोकड़ी' | होना । फू पळणी (बी) - क्रि० वृक्षों, पौधों का पल्लवित या अंकुरित लकड़ियो, कूकड़ीयो-१ देखो 'कूकड़ी' । २ देखो 'कोकड़ी' । कड़ी पु० [सं० कुक्कुट ] १ सोने-चांदी को गलाने का पीतल का गोला । २ मुर्गा । ३ पशुओं के शिर का एक रोग । ४ ऊंट के कंठ का एक रोग। ५ लोकगीत विशेष । कुक (ब) ० १ चिल्लाना, चीखना । २ करना । ३ रोना । ४ कराहना । ५ पुकार या फरियाद करना । ६ हल्ला करना । ७ लम्बी आवाज करना । ८ कोयल, मोर आदि का बोलना । कुंभ'कुभक' | कुंभट - पु० एक प्रकार का कांटेदार वृक्ष । कूमाथ, कूं भावळ (ळौ ) - देखो 'कुंभस्थळ' | कुमार-देखो 'कु'भार' | कुभिलापी० एक देवी विशेष । कुंभ - देखो 'कुंभ' ' - कळस - देखो 'कु' भकळस' । - संभ्रम देखो 'कुभसंभ्रम' | कू' भौ- देखो 'कुंभ' | कुम देखो 'कोम'। कूपर (रु) - देखो 'कुमार' (स्त्री० कुयरी ) । कूपार - देखो 'कुमार' | यारि (री) - देखो 'कुमारी' | कूंछ पु० कमल कूळो-देखो 'कंवळी' (स्त्री० कूळी ) । 'देखो 'बळी'। ड्रंस वि० दुष्ट | कू' हटो-देखो 'कू'टो' | www.kobatirth.org २५३) कू पु० १ कुश्रा । २ राजा । ३ कुंभ ६ द्रव्य । ७ प्रकाश । ८ कूजने वि० [१] गम्भीर २ मंद - । । प्रव्य० ( २५३ चिह्न का · कूत (ति) स्त्री० [० कुप्रत] बुद्धि । कूप्रळउ (ळी) - देखो 'कंवळी' (स्त्री० कुमळी) । कुईरुपी छोटा प पी० प 2 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कूकड़ - पु० [सं०] कुक्कुट ] मुर्गा, कुक्कुट । की गर्दन की प्रकृति बाला पोड़ा। कड़ी स्त्री० एक बरसाती पौधा जिसके पतों का साग बनता है । - कंध, कंधौ-पु० मुगे हल्ला | कूकियो-०१ चीकार, २ हल्ला कुकी स्त्री० लड़की ४ कारण ५ कार्य | का शब्द । ९ भूमि । कुल ५० बर्फ, तुषार । व्य० द्वितीय विभकुपाट (टी) पु० १ बिस्माहट २ धावाज, कोलाहल । । कूक - पु० (स्त्री० कुकी) १ शिशु । २ लड़का । ३ देखो 'कुक' | कूक्याऊ6- देखो 'कूकाऊ' । कूख, कूखड़ली कूखि - स्त्री० कुक्षि. कोख २ देखो 'कुकड़ी' | कुरूवी देखो 'कवी' । कूकर, (डी) कूकरियों, कूकरौ पु० [सं० कुक्कुर ] १ श्वान, कुत्ता । २ छोटा कुत्ता । ३ कुती का बच्चा । -खांसी स्त्री० सूखी या काली खांसी । बगरौ, भांगरौ-पु० बरसात में होने वाली एक जड़ श्रौषधि, ककरौंधा । कवी -१० दर्द भरी आवाज जाहि वाहि । कूकस देखो 'कुरुस' कूका - स्त्री० नानकशाही सम्प्रदाय की एक शाखा । कूकाऊ वि० धार्त पुकार करने वाला रोने वाला माहि त्राहि करने वाला | काली (बो) कि० १ वृकने वा चीवने के लिए मजबूर करना । २ रुलाना । ३ हल्ला कराना I ४ पुकार या फरियाद कराना । ५ लम्बी आवाज कराना । कूकारोळ, कूकारोळी - पु० चीख-चिल्लाहट रोना-धोना रुदन । For Private And Personal Use Only धारण-स्त्री० माता । ० [सं०] कूट पट १ झूठ मिथ्यासस्य २ कुऐ के मुंह पर लगा पत्थर जिस पर मोट खाली किया जाता है। ३ रहट में लगने वाला एक काष्ठ का डंडा ४ कुबड़ापन ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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