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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कास काहेली ८ प्रसन्नत।। ९ स्वस्थता। १० बुद्धि। ११ ईश्वरीय कास्ठ-पु० [सं० काष्ठ] १ लकड़ी, काष्ठ । २ इन्धन । प्रेरणा । १२ स्फुति । १३ विद्वान, पण्डित । १४ चौबीस | कास्ठा-स्त्री० [सं० काष्ठा] १ अवधि । २ सीमा, हद । मात्राओं का एक छंद विशेष । १५ बहत्तर कलाओं ३ चरम सीमा । ४ उत्कर्ष । ५ ऊंचाई, चोटी । में से एक। ६ अट्ठारह पल का समय या काल का ३०वां भाग । कास-पु० [सं० काशः या काशम्] १ एक तृण विशेष । ७ चन्द्रमा की कला । ८ दिशा। २ इस तृण का पुष्प । ३ खांसी रोग । -वि० श्वेत*। कास्त-पु० [फा० काश्त] १ कृषि कार्य । २ जुताई। कासग-सर्व० १ किसका, किसकी। २ देखो 'काउसग' । -कार-पु. कृषक । खेतिहर । कासगरहींउ, कासगि-देखो 'काउसग'। | कास्मीरी-पु० एक प्रकार का वस्त्र। -वि. काश्मीर का, कासप (ब)-पु० [सं० कश्यप] १ कश्यप ऋषि । २ मांस । काश्मीर संबंधी। ३ कछुप्रा । -सुतन-पु० सूर्य । गरुड़, अरुण का नाम । । कास्यावत-पु० एक प्रकार का घोड़ा। कासपी-पु० [सं० काश्यपि] १ गरुड़ । २ सूर्य । काह-स्त्री० [सं० काश] नदी किनारे दल-दल में होने वाली कासबाणी-पु. १ सूर्य । २ गरुड़ । ३ गरुड़ का बड़ा भाई । घास । -क्रि० वि० १ कहां से । २ अथवा, या । -सर्व० कासमेरी-स्त्री०१एक देवी का नाम । २ काश्मीरी ऊन का वस्त्र । १ कौनसा । २ क्या । ___-बि० काश्मीर का। काहण-क्रि० वि० क्यों, किसलिये । कासर-पु० [सं० कासर:] १ जंगली भैसा । २ देखो 'कासार'। | काहरउ (3)-पु. काढ़ा, क्वाथ । कासळक (क्क)-देखो 'कासलक' । काहरां-क्रि० वि०१ कब, किस समय । २ कहां। कासार-पु० [सं० कासार] १ तालाब । २ देखो 'कासर'। काहल-पु० [सं० काहल] १ युद्ध में बजने वाला बड़ा ढोल । कासारी-स्त्री० [सं० कासर] भैस, महिषी। २ दो लघु के रणगग के द्वितीय भेद का नाम। ३ शीघ्रता । कासि-देखो 'कामी'। ४ भय। कासिका-स्त्री० पाणिनीय व्याकरण पर एक प्रसिद्ध वृत्ति ग्रंथ । काहलगो (बी)-क्रि० १ डरना, भयभीत होना । २ कांपना, कासिदा (सीद)-पु० १ संदेश वाहक । १ दूत । २ इरादा धूजना। ___ करने वाला। काहलाई-देखो 'कालाई'। कासिदी, कासोंवी-स्त्री०१ संदेश वाहक का कार्य । २ इस काहलि-वि० [अ० काहिल] १ डरपोक, कायर । २ काहिल, ___ कार्य संबंधी पद । ३ दूतकर्म । ४ उक्त कार्य की मजदूरी। सुस्त । ३ अधीर,व्यग्र। [सं०काहल] ४ परेशान । ५ सूखा। कासी-स्त्री० [सं० काशी] १ सप्त मोक्ष पुरियों में से एक पुरी। ६ मुरझाया हुअा । ७ उत्पाती। ८ देखो 'कायली' । २ आधुनिक बनारस का नाम। ३ उत्तर भारत का एक | काहली-स्त्री० [सं०] युवती । युवास्त्री। तीर्थ । ४ कास रोग, खांसी । -वि० विपुल, बहुत । काहिक-सर्व० कौनसी, किस । ---करबत, करवत, करोत-पु. काशी का एक तीर्थ स्थान । काहिरण-क्रि० वि० किसलिए। मोक्ष के लिए काशी में जाकर कटने का प्रारा। काहिणी-स्त्री० [सं० कथनी] कथन, कथनी, वचन । -पत, पति-पु० ° शिव, शिव, महादेव । महादेव । -फळ-पु० काहिल (लो)-देखो 'काहलि'। -फळ-पु० कुम्हड़ा, कद्। काही-सर्व. किसी। कासीद (क)-देखो 'कासिद' । कासीदी-देखो 'कासिदी'। काहुल-देखो 'काहलि'। कासीस (क)-पु० एक धातु विशेष । काहुलणौ (बौ)-क्रि० [सं० क्रोध-विह्वलम्] १ क्रोध करना, कासु, कासू, कासू-क्रि० वि० १ कैसे, किस प्रकार से । जोश करना । २ युद्ध करना । ३ भिड़ना। २ किस कारण से। ३ क्या। -स्त्री० [सं० कास|| काहू-सर्व०१ क्या। २ कैसा।३ कोई। ४ किमी। -वि. कछ। १ बरछी । २ शक्ति नामक शस्त्र । काहूल-देखो 'काहलि'। कासौ-पु० [फा० कास.] मुसलमान फकीरों का भिक्षापात्र । काहे. काहेर-क्रि० वि० क्यों । कास्टघटन-पु० बहत्तर कलाओं में से एक । काहेक-सर्व किस, कुछ। कास्टफळ-पु० दाख, द्राक्षा। काहेली-स्त्री० [सं० काहेऽऽलय] १ मटकी । २ शराब की कास्टा-स्त्री० दिशा । -वि० कष्ट प्रद । देखो कास्ठा' । खुमारी। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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