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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कापरी ( २२४ ) कायस कापरी-पु० कपड़ा, वस्त्र । कौन । किस । कोई । -वि० १ थोड़ा, कुछ । २ काया कापाळ (ळिक)-पु० [सं० कापालिक] शैव सम्प्रदाय के अन्तर्गत संबंधी, दैहिक । तांत्रिक एवं अघोरी साधु । कायजौ-पु०१ सवारी के लिए घोड़े को सुसज्जित, करने का ढंग। कापी-स्त्री० पंजिका। २ सुसज्जित घोड़े की लगाम को खींच कर दुमकी में कापुर-वि० १ तुच्छ, हीन । २ नीच, दुष्ट । ३ नगण्य । बांधने की क्रिया। ३ इस प्रकार बांध कर तैयार किया कापुरख, कापुरस (पुरुष)-वि० [सं० कापुरुष] १ कायर, हुना घोड़ा। डरपोक । २ कृपण, कंजूस । ३ नीच, पतित । ४ हीन । काफर-वि० [अ० काफिर] १ भिन्नधर्मावलंबी । २ नास्तिक । कायथरण-पु०१ऐश्वर्य, वैभव । २ मलबा । काफरी-स्त्री० एक बहुमूल्य बन्दूक । कायथा-स्त्री० [सं० कायस्था] हरीतकी, हरें। काफलौ. काफिलो-पु० [अ० काफिलः] यात्रियों का समूह, | कायदाई-वि० नियम संबंधी। कायदौ-पु० [अ० कायद] १ नियम । २ कानून । ३ परम्परा, काफी-स्त्री० १ एक राग विशेष । २ कहवा । -वि० पर्याप्त, रीति । ४ रश्म । ५ मान, प्रतिष्ठा, शर्म । -कुरब-पु० बहुत। प्रतिष्ठा, इज्जत। काबर-स्त्री० १ एक प्रकार का पक्षी । २ देखो 'कांबरी'। कायफळ-पु० [सं० कट्फल] एक वृक्ष विशेष की छाल जो काबरडो-पृ० चितकबरा सांप । -वि० चितकबरा । औषधि में काम आती है। काबरियौ-पु० १ कबूतर के आकार का एक पक्षी । २ कबरा कायव (बो)-देखो 'काव्य' । कुत्ता। ३ एक प्रकार का मर्प । -वि० (स्त्री० काबरी, कायम-वि० [अ०] १ ठहरा हुअा, स्थिर । २ तय शुदा, काबरकी) चितकबरे रंग का। निश्चित । ३ मौजूद, तैयार । ४ दृढ़, पक्का, ठोस । काबरी-स्त्री० १ कबरी गाय । २ कबरी चिड़िया । -क्रि० वि० अधिकार में । -मुकाम-वि० एवजी, काबरौ-पु० कबरा सर्प । -वि० चितकबरा । स्थानापन्न । काबल-१ देखो 'काबिल' । २ देखो 'काबुल'। कायमांन-स्त्री० घास-फूस की झोंपड़ी। काबलियौ-पु० १ मुसलमान, यवन । २ काबुल का निवासी। । कायमो-वि० (स्त्री० कायमी) १ अशक्त, कमजोर । २ अयोग्य । काबलियत-स्त्री० योग्यता, विद्वत्ता, पांडित्य । ३ दुर्बल । ४ कायर। काबली-वि० काबुल का, काबुल संबंधी। -पु०१ सफेद चना । | कायम्म-देखो 'कायम' । २ काबुल का घोड़ा। कायर-वि० [सं० कातर] १ डरपोक, भीरु । २ कमजोर । काबा-स्त्री०१ एक लुटेरी जाति । २ चूहों की एक जाति । ३ नपुंसक ।। ३ छोटा बच्चा। कायरता (कायरी)-स्त्री० [सं०] १ भीरुता, डर । २ कमजोरी। काबाड़ी-देखो 'कबाड़ी। ३ नपुसकता। काबिज, काबिल -वि० [अ०] १ योग्य, लायक । २ विद्वान, कायरो-वि० (स्त्री० कायरी) भूरी आंखों वाला। -पु. एक पंडित । ३ योग्य, अधिकारी, हकदार । प्रकार का घोड़ा। काबिली, काबिलीयत-स्त्री० काबलियत, योग्यता । | कायल-वि० [अ०] १ तर्क-वितर्क में परास्त । २ हार मानने काबी-स्त्री० [फा० काबा] कुश्ती का एक दाव । बाला । ३ कायर, भीरु । ४ प्रभावित । ५ डरपोक । काबुल-पु० [फा०] १ अफगानिस्तान की राजधानी का नगर । ६ हैरान, तंग, पीड़ित । २ इस नगर के पास वाली नदी। कायलाणी-पु० १ ऐसा वन जहां जलाशय होता है तथा सब काबुली-देखो 'काबली'। प्रकार के प्राणियों की शिकार मिल सकती है। २ इस वन काबू-पु० [तु.] १ अधिकार । २ वश, जोर । ३ अधीनता । के मध्य का तालाब। ४ दबाव । कायली-स्त्री० [अ० काहिली] १ सुस्ती, पाल स्य । २ थकावट, काय-स्त्री० [सं०] १ देह, तन, काया। २ तना । ३ मूल धन।। कमजोरी। ३ लज्जा, ग्लानि । ४ शराब का नशा उतरने ४ समुदाय । ५ तार रहित वीणा। ६ संग्रह । ७ घर । के बाद की थकान या सुस्ती । ५ मटकी । सरा । ९ स्वभाव, प्रकृति । -क्रि०वि० [सं० किम्] कायस-स्त्री० १ चिढ़ने से होने वाला दुःख । २ शाह, जलन । क्यों, कैसे । -अव्य. या, अथवा, क्योंकि । -सर्व० क्या । ३ बक-भक । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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