SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 229
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra काउ www. kobatirth.org काउ (ऊ) सर्व० कौन क्या । किस - पु० कौवे की काकी - स्त्री० १ चाची श्रावाज, कांव-कांव । चानियांव ताइयां - पु० चचिया श्वसुर । काउसग (ग्ग ) - पु० [सं० कायोत्सर्ग ] १ शारीरिक व्यापार का त्याग । २ शरीर की ममता का त्याग । (जैन) 1 काक - पु० [सं०] १ कौवा । २ बोतल का डाट । - वि० श्वेत । श्याम कंठ वि० व ६० कंकर कच्चे बेर । - ड़ा पु० कपास के बीज । एक वृक्ष विशेष । -नवी स्त्री० जैसलमेर की एक नदी । काकड़ पु० शुगाल, सियार काकड़ासिपी-स्त्री० [सं० कर्कटी] एक प्रकार की पर जीवी वनस्पति जो काकड़ा वृक्ष पर चढ़कर फैलती है । काकड़ियाँ ५० १ एक प्रकार का सुगंधित पास २ छोटी काकड़ी । ३ कंकर । ( २२० ) काड़ी वी० [सं०] कर्कटी] ककड़ी-फल काकड़ौ पु० १ एक प्रकार का वृक्ष २ एक प्रकार का हिरन ३ कपास का बीज । काकळ - पु० युद्ध, संग्राम । काकाहरी स्त्री० एक झाड़ी विशेष काकस स्त्री० चचेरी सास । काकसरी पु० चचिया श्वसुर । काकांरणी - वि० १ काका के वंशज । २ चचेरा । काका स्त्री. १ मसी २ काकोली । काकाई वि० पचेरा । काकपद पु० [सं०] घंटे हुऐ के लिए प्रयुक्त चिह्न कापुसट - स्त्री० [सं०] काकपुष्ट ] कोयल, कोकिला । काकब- पु० प्रौटा कर गाढ़ा किया हुआा गन्ने का रस । काकवी रवी० [सं०] काकबलि ] श्राद्ध के दिन कौवों को खिलाया जाने वाला भोजन । काकातुप्री- पु० तोते की जाति का एक सफेद पक्षी । काळा स्त्री० [सं० काकालिका] हरड़े। काका पु० [सं०] सफेद घोड़ा। काकडी- पु० गिरगिट काकांस (डी) - स्त्री० [सं० काकबंध्या ] एक संतान के बाद बंध्या होने वाली स्त्री । काकडी - पु० [सं० काकभुशु ंडि ] एक ब्राह्मणं जो लोमश ऋषि के शाप से कौवा हो गये । काकर स्त्री० [सं० कर्कर] १ कपड़ा धोने की सिला। २ कंकर । काकरी- देखो 'कांकरी' । काकरेची स्त्री० एक प्रकार का घोड़ा । २ एक प्रकार का रंग । काफरी-देखो 'कांकरी' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir काकुराय (स्त, स्थ) - पु० [सं० काकुस्थ ] १ श्रीरामचन्द । २ एक सूर्यवंशी राजा, ककुस्थ । कुळ- पु० श्रीराम । ० " काकू सर्व किससे किसको । काकोजी पु० चाचा । काकोवर (घर) - पु० [सं० काकोदरः] (स्त्री० काकोदरी) सर्प सप काकोरी पु० छोटा कंकर । काकौ पु० १ पिता का अनुज, चाचा । २ कौवा । का स्त्री० कां विलाय पु० कां का फोड़ा। । - । काय स्त्री० [सं०] कौक्षयक] तलवार | " कोई स्त्री० [सं० कक्षालात] कांख का फोड़ा कंखवार काग - वि० सतर्क, सावधान। देखो 'काक' । देखो 'कागज' । कागड़ी - पु० एक रंग विशेष का घोड़ा । कागज पु० [फा०] सन, बांस, रूई आदि को गला कर बनाया हुमा पदार्थ विशेष जो लिखने व छापने के काम माता है, पत्र । २ चिट्ठी पत्र । ३ समाचार-पत्र । ४ प्रामाणिक दस्तावेज । ५ एक लोक गीत । 1 1 कागजी - वि० १ कागज का कागज संबंधी । २ लिखित | ३ कागज का बना । ४ दिखावटी । नींबू - पु० पतले छिलके का रसदार नींबू । - बादाम-स्त्री० पतले छिलके की बादाम । सबूत पु० लिखित साक्ष्य । कालियो । २ मादा कौवा । —बडियां सामू स्त्री० चचेरी सारा For Private And Personal Use Only - स्त्री० खुसरो प्रमाण । कागवि (दी) - वि० कठोर । कामडोह पु० डौल काक कागरण - पु० १ ज्वार की फसल का एक रोग । २ कागज पत्र । कामली-देखो 'कांगणी' | कागव ( इयौ) - पु० लिखा पढ़ी | कागदीजवान - वि० निर्बल, अशक्त । कागज । कागज की कागनर - पु० अरावली पहाड़ में होने वाला एक पौधा । कागांश, (डी) देखो 'काका' । - वाई-स्त्री० कागभसुंड, (भुसड, भुसुड) - देखो 'काकभुसु'डी' । कागमुखीसंडासी स्त्री०एक प्रकार की संडासी । कागमुखी (मुहौ) - पु० श्रागे से तीखा व लम्बा मकान । - वि० कौवे के मुख के समान । कागर, कागल- देखो 'कागज' । कालियो - पु० [सं० काफलक] १ तालू के पीछे गले में लटकने वाला मांस, गल तुडिका । २ कौवा । ३ बादल का छोटा खण्ड । ४ देखो 'कागज' 1
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy