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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उपमजारणी ( १४७ ) उपवासी उपमजापोबी)-१ उपमर्दन करना। २ देखो 'उपजाणी' (बौ)।। उपरांम-पु० [सं० उपराम] १ निवृत्ति । २ विरक्ति । ३ उदाउपमारण, (मान)-पु० [सं० उपमान] वह वस्तु जिसको उपमा सीनता । ४ विराम, पाराम । ५ मृत्यु । दी जाती है। उपरांयत-वि० अधिक, विशेष । उपरांत । उपमा-स्त्री० [सं०] १ तुलना, समानता । २ एक प्रकार का उपरा-क्रि० वि० ऊपर । -उपरी-क्रि० वि० एक पर एक । अर्थालंकार। निरन्तर । -चढ़ी-स्त्री० प्रतिद्वंद्विता, स्पर्धा । उपमेय-वि० [सं०] १ जिसकी उपमा दी जाय। २ वर्ण्य ।। उपराठौ-१ चिंतालु । २ चिंतित । २ देखो 'अपूठौ' । उपयंद्र-पु० [सं० उपेन्द्र] १ इन्द्र का छोटा भाई । २ वामन । (स्त्री० उपराठी)। ३ विष्णु। ४ श्रीकृष्ण । उपराध-देखो 'अपराध'। उपयम, (यांम)-पु० [सं० उपयमः] विवाह । उपरायण-क्रि०वि० १ ऊपर से । २ शीघ्रता पूर्वक । उपयुक्त-वि० [सं०] ठीक, उचित, यथायोग्य । उपराळी-पु० १ पक्ष ग्रहण । २ सहायता, मदद । उपयोग-पु० [सं०] १ व्यवहार प्रयोग । इस्तेमाल । २ अाव- | उपरावटौ-वि० (स्त्री० उपरावटी) १ गर्वोन्नत । २ अकड़ा श्यकता। ३ योग्यता । ४ लाभ, फायदा । ५ प्रयोजन । हुप्रा । ३ देखो 'अपूठौ' (स्त्री० उपरावटी)। उपयोगिता-स्त्री० [सं०] १ आवश्यकता । २ काम में आने की उपरास-क्रि०वि० ऊपर से, ऊपरी। -वि० अधिक, विशेष । योग्यता, क्षमता । ३ लाभकारिता। ४ महत्व । उपरि-वि० ऊपर का। उपयोगी-वि० [सं०] १ महत्वपूर्ण । २ काम में आने योग्य । उपरियाळ-वि० एक से एक बढ़कर। विशेष, अधिक । ३ लाभकारी । ४ अनुकूल । उपरीजणी (बौ)-क्रि० बच्चे का रोग ग्रस्त होना । उपरंच-क्रि० वि० इसके बाद, पश्चात् । उपरेचौ-पु० दरवाजे पर लगने वाला काष्ठ का डण्डा । उपरंत-देखो 'उपरांत'। उपरोक्त-वि० [सं० उपर्युक्त] जो ऊपर कहा गया हो। उपर-देखो 'ऊपर'। उपरोध-पु० [सं०] १ अवरोध, अटकाव । २ रुकावट । उपरक्षरण, (रच्छण)-[सं० उपरक्षा] १ चौकी, पहरा । २ सेना पाच्छादन, ढक्कन । ४ प्राड । ५ प्राज्ञा, आदेश । की चदाई। उपलंगी-पृ० [सं०] पर्वत, पहाड़। उपरति-स्त्री० [सं० उपरनि: १ विषय से वैराग्य, विरति । उपल-पृ० [सं०] १ पत्थर । २ ग्रोला। ३ रत्न । ४ बाल । २ उदागीनता । ३ मृत्यु, मौत । ४ त्याग, निवति । ५ घास विशेष । ६ चट्टान । ५ संभोग से प्रगचि। उपलक्ष-पु० [सं०] १ चिह्न, संकेत । २ उद्देश्य, कारण । उपरम-पू० [सं० उपरमः] १ अदृश्यता, विलीनीकरण । ३ दृष्टि । ४ खूशी। २ विरति, वैराग्य । ३ मृत्यु । उपलक्षित-वि० [सं०] १ चिह्नित, लक्षित । २ सूचित । उपरमरणौ (बौ)-क्रि० विनीन होना, अन्तर्धान होना। उपलब्ध-वि० [सं०] १ प्राप्त । २ जाना हुआ। उपलब्धि (ब्धी)-स्त्री० [सं] १ प्राप्ति । २ वृद्धि । ३ ज्ञान । उपरमाड़ (वाड़ी)-क्रि० वि० ऊपर ही ऊपर | -स्त्री० महा ४ अनुभव। जनी गणित को एक प्रक्रिया । उपलेप-पु. १ मरहम, लेपन । २ लीपा-पोती। ३ लेपन करने उपरमाडौ-देखो उपरवाडौ' । की वस्तु । उपरलियां (ल्यां)--देखो 'मावलियां' । उपलेषण (न)-पु० [सं] लेपन का कार्य । उपरवाडी, उपरताडौ-पू० [सं० उपरि-वाट] १हिसाब या गुणन उपलो-वि० (स्त्री० उपली) ऊपर का, ऊपरी । -पू० जलाने की एक विधि विशेष । २ ऊपर का मार्ग : ३ गुप्त मार्ग।" का कडा, उपला। मूक्ष्म मागं । ४ पिछवाड़े या बगल का वह स्थान उपव-देखो 'उपमेय'। जहां से अनुचित रूप से आना-जाना हो । उपवन-पु. [सं०] १ बाग, बगीचा । २ छोटा जंगल । उपरवार-पु० नदी किनारे की भूमि। बांगर जमीन । ३ कृत्रिम बन। उपरस-१० [सं०] गंधक ग्रादि पदार्थ । उपवरतन, (नी)-देखो 'उपबरतन' । उपरांठ (रांठउ,रांठियौ राठौ) -देखो' गाठौ' । (स्त्री० उपरांठी)।। उपवसत -देवो 'उपबसथ' । उपरांत (ति ती)-क्रि०वि० १ तदनन्तर, बाद में । २ ऊपर से। उपवास-पु० [सं०] वत, लंघन । अनशन । ३ फिर। | उपवासी-वि० उपवास करने वाला, प्रता। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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